-
Advertisement
टोकनाइजेशन सिस्टम पहली से होगा लागू,ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड रोकने में मिलेगी मदद
ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड( Online Banking Fraud) रोकने के लिए पहली जुलाई से कार्ड पेमेंट के लिए टोकनाइजेशन सिस्टम (Tokenization System) लागू हो जाएगा। इसके बाद आपको अपने कार्ड की डिटेल्स किसी भी थर्ड पार्टी ऐप के साथ शेयर नहीं करनी पड़ेगी। अभी तक अगर आप ऑनलाइन खाना मंगवाते हैं या कैब बुक करते हैं तो आपको ट्रांजैक्शन को आसान बनाने के लिए कार्ड की डिटेल सेव करनी होती है। कार्ड डिटेल सेव( Save Card details) होने के बाद अगले ट्रांजैक्शन में आपको केवल तीन अंकों का सीवीवी नंबर दर्ज करना पड़ता है और सेकंड के भीतर पेमेंट हो जाता है। लेकिन, इससे फ्रॉड होने का खतरा बना रहता है। अगर वेबसाइट या ऐप हैक हो जाए तो कार्ड डेटा भी हैकर के पास चला जाता है। टोकनाइजेशन सिस्टम से ऐसा नहीं हो पाएगा।
यह भी पढ़ें- सहकारी बैंक के डिफाल्टरों को बड़ा मौका, 30 जून तक कराएं वन टाइम सेटलमेंट
याद रहे कि टोकेनाइजेशन डेबिट या क्रेडिट कार्ड के 16-डिजिट नंबर को एक यूनिक टोकन (Unique Token) से बदल देगा। आपके कार्ड से जुड़ा टोकन हर एक मर्चेंट के लिए अलग.अलग होगा। टोकन का इस्तेमाल ऑनलाइन ट्रांजैक्शन मोबाइल पॉइंट.ऑफ.सेल ट्रांजैक्शन, या इन-ऐप ट्रांजैक्शन के लिए किया जा सकता है। आपको टोकन की डिटेल्स को भी याद रखने की जरूरत नहीं है। ऑनलाइन मर्चेंट को पेमेंट करते समय अपने कार्ड की डिटेल्स दर्ज करें और टोकन का ऑप्शन चुनें। आपका मर्चेंट इसे संबंधित बैंक या कार्ड नेटवर्क वीजा, रुपे, मास्टरकार्ड इत्यादि को फॉर्वर्ड करेगा। उसके बाद एक टोकन जनरेट हो जाएगा और आपके मर्चेंट को वापस भेज दिया जाएगा जो इसे सेव कर लेगा। अब अगली बार जब आप इस वेबसाइट से दोबारा खरीदारी करेंगे तो चेक.आउट के समय बस इस सेव्ड टोकन का चयन करना होगा। आपको वहां मास्क्ड कार्ड डिटेल्स और आपके कार्ड नंबर के अंतिम चार अंक दिखाई देंगे। आपको अपना सीवीवी दर्ज कर ट्रांजैक्शन पूरा करना होगा। इस तरह आप (Online Banking Fraud) ऑनलाइन फ्रॉड से बचे रहेंगे।