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हिमाचल: पर्यटकों के लिए शिमला में बनेगा वृक्ष-उद्यान, वाटिकाएं भी की जाएंगी तैयार
शिमला। राजधानी शिमला में अब वृक्ष-उद्यान (Tree-Garden) विकसित किया जाएगा। इस वृक्ष-उद्यान में पर्यटन गतिविधियों (Tourism Activities) को बढ़ावा देने के साथ ही पानी की सुविधा व आग जैसी घटनाओं से निपटने के लिए भी उचित प्रबंध किए जाएंगे। यह जानकारी शनिवार को प्रधान मुख्य अरण्यपाल (वन्यप्राणी) एवं मुख्य वन्यप्राणी संरक्षक हिमाचल प्रदेश राजीव कुमार (Chief Wildlife Conservation Himachal Pradesh Rajeev Kumar) ने दी। वह आज वन विभाग के वन्यप्राणी प्रभाग द्वारा वित्त पोषित पश्चिमी हिमालयी समशीतोष्ण वृक्षोद्यान परियोजना की सलाहकार समीति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस परियोजना का क्रियान्वयन हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान, पंथाघाटी द्वारा किया जा रहा है।
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प्रधान मुख्य अरण्यपाल (वन्यप्राणी) राजीव कुमार ने कहा कि इस परियोजना के तहत शिमला में वृक्ष-उद्यान विकसित किया जाएगा। बैठक के दौरान डॉ. संजीव, निदेशक व वैज्ञानिक हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान, पंथाघाटी एवं पश्चिमी हिमालयी समशीतोष्ण वृक्षोद्यान परियोजना के प्रभारी डॉ. वनीत जिष्टू ने परियोजना की संकल्पना, उद्देश्य व परियोजना के अन्तर्गत किए जाने वाले विभिन्न कार्यों की रूपरेखा पर विस्तृत प्रस्तुति दी। डॉ. वनीत जिष्टू ने बताया कि इस परियोजना के माध्यम से शिमला शहर में हरित स्थलों को वृक्षोद्यान द्वारा बढ़ाया जाएगा।
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य शिमला व इसके आस-पास के क्षेत्रों में पौधे रोपित करना, पेड़ों को स्वस्थ रखना, शहरी जैव विविधता का संरक्षण, स्थानीय वृक्षों की प्रजातियों को रोपित करके पारिस्थितिकी संतुलन बनाना, लोगों को जागृत करना, पौध रोपण द्वारा शहरी वनीकरण व वाटिकाएं तैयार करना आदि है। बैठक में अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल (वन्यप्राणी) अनिल ठाकुर, मुख्य अरण्यपाल (वन्यप्राणी) के थीरूमल, निदेशक हिमालयन अनुसंधान ग्रुप डॉ. लाल सिंह सहित विभिन्न संस्थानों के वैज्ञानिक व अधिकारी भी उपस्थित थे।
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