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विश्वविद्यालय और कॉलेज दोबारा खोलने को लेकर UGC ने जारी की रिवाइज्ड गाइडलाइंस
नई दिल्ली। देश भर में जारी कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर के बीच चरणबद्ध तरीके से कंटेनमेंट ज़ोन के बाहर वाले विश्वविद्यालय और कॉलेज खोलने को लेकर यूनिवर्सिटी ग्रैंट्स कमीशन (UGC) ने रिवाइज्ड गाइडलाइन्स (Revised Guidelines) जारी कर दी हैं। इस नई गाइडलाइन में कहा गया कि किसी भी समय 50% से अधिक विद्यार्थी मौजूद नहीं होने चाहिए। शोध कार्यक्रमों, विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी कार्यक्रमों के स्नातकोत्तर विद्यार्थी और प्लेसमेंट चाहने वाले अंतिम वर्ष के विद्यार्थी वास्तविक कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं।
हॉस्टल के एक कमरे में एक ही छात्र ठहर सकेगा
यूजीसी ने नए दिशानिर्देश के मुताबिक अगर छात्र चाहें तो कक्षाओं में भाग न लेकर घर पर ही रहकर ऑनलाइन अध्ययन कर सकते हैं। सीमित संख्या में हॉस्टल खोले जा सकते हैं। हॉस्टल के कमरों में एक से ज्यादा छात्र के रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। किसी भी शैक्षणिक परिसर को फिर से खोलने से पहले यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि संबंधित केंद्र या राज्य सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों को खोलने के लिए उस क्षेत्र को सुरक्षित घोषित किया है या नहीं।
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केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने इस गाइडलाइन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि शिक्षा मंत्रालय इन चुनौतियों का डंटकर मुकाबला कर रहा है। यूजीसी ने बेहतर संकल्प और तमाम विकल्पों को ध्यान में रखते हुए अपने परिसरों को फिर से खोलने के नए दिशानिर्देश तैयार किए हैं। इन दिशानिर्देशों को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, गृह मंत्रालय द्वारा भी अप्रूव किया गया है।
नई गाइडलाइंस की प्रमुख बातें –
- कंटेनमेंट जोन के बाहर के ही संस्थान खोले जाएं वो भी एक सीक्वेंस में।
- इनके तहत 6 डेज वीक की व्यवस्था की जाए ताकि पढ़ाई का जो नुकसान पिछले दिनों हुआ है उसे कवर किया जा सके।
- क्लासेस का साइज छोटा किया जाए ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ठीक प्रकार हो पाए।
- संस्थान की जरूरत के हिसाब से टीचर्स के टीचिंग आवर्स को बढ़ाया जा सकता है। यह संस्थान का अपना निर्णय होगा।
- सभी संस्थान अपने यहां स्टूडेंट्स की सेफ्टी इंश्योर करें और सेंटर द्वारा जारी सभी गाइडलाइंस का ठीक से पालन करें। इस बात का भी ध्यान रखें कि स्टूडेंट्स के फ्लो के लिए संस्थान हर प्रकार से तैयार हो।
- कैम्पस में इस बात का ध्यान रखा जाए कि चीजें सैनिटाइज हों और सभी की ठीक से स्क्रीनिंग हो। किसी भी हाल वायरस संस्थानों के माध्यम से न फैले।
- जो स्टूडेंट्स घर से बैठकर ही पढ़ना चाहें उन्हें ऑनलाइन सब मैटीरियल उपलब्ध कराया जाए। हॉस्टल्स में रूम शेयरिंग की इजाजत न हो। किसी स्टूडेंट को लक्षण हों तो उसे हॉस्टल में न रखा जाए।