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ऊना पुलिस व खनन विभाग तोड़ेंगे माफिया की कमर, तैयार किया एक्शन प्लान
जिला ऊना में बढ़ रहे अवैध खनन के मामलों पर लगाम कसने के लिए विभिन्न विभागों द्वारा संयुक्त कार्रवाई को अमल में लाना शुरू कर दिया गया है। जिसके तहत ना केवल खनन विभाग, उद्योग विभाग अपितु पुलिस विभाग ने भी इसमें शानदार उपस्थिति दर्ज कराते हुए पिछले साल की तुलना में इस साल जुलाई महीने तक की काफी बड़े स्तर पर अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई को अंजाम देते हुए प्रदेश के राजस्व में भारी भरकम रकम जमा करवाई है।
सीएम अर्जित सेन ठाकुर का कहना है कि पंजाब क्षेत्र से सटा होने के चलते इस क्षेत्र में अवैध खनन की गतिविधियां प्रदेश के अन्य हिस्सों के मुकाबले काफी ज्यादा देखने को मिली हैं। नदी-नालों में खनन को अंजाम देने के अतिरिक्त स्थानीय लोगों द्वारा भी अपनी निजी भूमि पर अवैध और अवैज्ञानिक तरीके से खनन करवाया जा रहा है। यहां तक कि रात के अंधेरे में पंजाब से जुड़ा खनन माफिया भी भारी मशीनरी का उपयोग करते हुए मिनरल्स को नुकसान पहुंचाने में लगा रहा है। हालांकि पुलिस द्वारा इन सभी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए कड़ी कार्रवाई अमल में लाई गई है और करीब 600 से ज्यादा चालान करते हुए प्रदेश के कोष में 60 लाख रुपए से ज्यादा धन जमा करवाया है। यह आंकड़ा वर्ष 2022 के मुकाबले 2 गुना है। जबकि चालान करने के अतिरिक्त इन गतिविधियों में शामिल 6 लोगों के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में भी प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसके अतिरिक्त खनन विभाग के साथ मिलकर भी नाकेबंदी की जा रही है जिसमें सभी चीजों की जांच को सुनिश्चित किया जाता है।
खनन माफिया ने गतिविधियों को अंजाम देने का तरीका भी बदला
एसपी का कहना है कि पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए अब खनन माफिया ने अपनी गतिविधियों को अंजाम देने का तरीका भी बदला है। पहले जहां खनन सामग्री को नदी नालों से बड़े वाहनों में भरकर ले जाया जाता था वहीं अब ट्रैक्टर ट्रॉली के माध्यम से नदी नालों से रेत बजरी उठाकर स्टोन क्रशर तक डंप किया जा रहा है। जबकि क्रशर उद्योग की तरफ से भी इस माल को आगे भेजने के लिए गलत तरीके से एम फार्म बनाकर दिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा बरती जा रही सख्ती के कारण अब भारी मशीनरी को नदी नालों में उतारने का काम बेहद कम हो गया है। जबकि खनन माफिया पूरी तरह से ट्रैक्टर ट्रॉली पर फोकस कर रहा है। इसी के चलते पुलिस द्वारा अब खनन के लिए प्रयोग किए जा रहे हैं इन छोटे माध्यमों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
5 मामलों में से एक पर कार्रवाई हुई
एसपी ऊना कि माने तो जिला पुलिस द्वारा पिछले वर्ष प्रवर्तन निदेशालय को दिए गए 5 मामलों में से एक पर कार्रवाई हुई है वहीं चार अन्य मामलों में अभी जांच चल रही है। जिनके संबंध में हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय के शिमला स्थित निदेशक से भी बात की गई है। उन्होंने कहा कि अभी तक इस वर्ष में कोई भी मामला प्रवर्तन निदेशालय को नहीं भेजा गया है यदि आवश्यकता पड़ती है तो जांच के बाद ऐसे मामले डायरेक्टरेट ऑफ़ इंफोर्समेंट के हवाले किये जाएंगे।
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अप्रैल से लेकर अब तक 60 चालान किए गए
वहीं जिला खनन अधिकारी नीरज कांत का कहना है कि विभाग द्वारा समय-समय पर अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। वर्ष 2022 में 461 चालान करते हुए करीब डेढ़ करोड़ रुपए प्रदेश के राजस्व में जमा करवाए गए थे। हालांकि इस वर्ष अप्रैल से लेकर अब तक 60 चालान किए गए हैं और करीब 6.50 लाख रुपए जुर्माना वसूल किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि जिला खनन विभाग पुलिस के साथ संयुक्त कार्रवाई करते हुए अवैध खनन की गतिविधियों पर पूरी तरह अंकुश लगाने की दिशा में काम कर रहा है।