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रहस्य से भरा उनाकोटी, यहां जंगल के बीच बनी हैं 99 लाख 99 हजार 999 मूर्तियां
नई दिल्ली। दुनिया में कई रहस्य हैं जो अभी तक भी अनसुलझे हैं। आज हम आपको ऐसी ही एक रहस्यमयी जगह (Mystical place) के बारे में बताने जा रहे हैं। दरअसल, एक ऐसी ही जगह है त्रिपुरा की राजधानी अगरतल्ला से लगभग 145 किलोमीटर दूर, जिसे उनाकोटी (Unakoti) के नाम से जाना जाता है। कहते हैं कि यहां कुल 99 लाख 99 हजार 999 पत्थर की मूर्तियां हैं, जिनके रहस्यों को आज तक कोई भी सुलझा नहीं पाया है। जैसे कि ये मूर्तियां किसने बनाई, कब बनाई और क्यों बनाई और सबसे जरूरी कि एक करोड़ में एक कम ही क्यों? हालांकि इसके पीछे कई कहानियां प्रचलित हैं, जो हैरान करने वाली हैं।
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इन रहस्यमय मूर्तियों (Mysterious statues) के कारण ही इस जगह का नाम उनाकोटी पड़ा है, जिसका अर्थ होता है करोड़ में एक कम। इस जगह को पूर्वोत्तर भारत के सबसे बड़े रहस्यों में से एक माना जाता है। कई साल तक तो इस जगह के बारे में किसी को पता ही नहीं था। हालांकि अभी भी बहुत कम लोग ही इसके बारे में जानते हैं। उनाकोटी को रहस्यों से भरी जगह इसलिए कहते हैं, क्योंकि एक पहाड़ी इलाका है जो दूर-दूर तक घने जंगलों और दलदली इलाकों से भरा है। अब ऐसे में जंगल के बीच में लाखों मूर्तियों का निर्माण कैसे किया गया होगा, क्योंकि इसमें तो कई साल लग जाते और पहले तो इस इलाके के आसपास कोई रहता भी नहीं था। यह लंबे समय से शोध का विषय बना हुआ है।
देवी-देवताओं की ये कहानियां हैं प्रचलित
यहां पत्थरों पर उकेरी गई और पत्थरों को काटकर बनाई गई हिंदू देवी-देवताओं (Hindu Gods and Goddesses) की मूर्तियों के बारे में एक पौराणिक कथा बहुत प्रचलित है। मान्यता है कि एक बार भगवान शिव समेत एक करोड़ देवी-देवता कहीं जा रहे थे। रात हो जाने की वजह से बाकी के देवी-देवताओं ने शिवजी से उनाकोटी में रुककर विश्राम करने को कहा। शिवजी मान गए, लेकिन साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि सूर्योदय से पहले ही सभी को यह स्थान छोड़ देना होगा। लेकिन सूर्योदय के समय केवल भगवान शिव ही जग पाए, बाकी के सारे देवी-देवता सो रहे थे। यह देखकर भगवान शिव क्रोधित हो गए और श्राप देकर सभी को पत्थर का बना दिया। इसी वजह से यहां 99 लाख 99 हजार 999 मूर्तियां हैं, यानी एक करोड़ से एक कम (भगवान शिव को छोड़कर)।
इन मूर्तियों के निर्माण को लेकर एक और कहानी प्रचलन में है। कहते हैं कि कालू नाम का एक शिल्पकार था, जो भगवान शिव और माता पार्वती के साथ कैलाश पर्वत जाना चाहता था, लेकिन यह संभव नहीं था। हालांकि शिल्पकार की जिद के कारण भगवान शिव ने उससे कहा कि अगर एक रात में एक करोड़ देवी-देवताओं की मूर्तियां बना दोगे तो वो उसे अपने साथ कैलाश ले जाएंगे। यह सुनते ही शिल्पकार जी-जान से अपने काम में लग गया और तेजी से एक-एक कर मूर्तियों का निर्माण करने लगा। उसने पूरी रात मूर्तियों का निर्माण किया, लेकिन जब सुबह गिनती की गई तो पता चला कि उसमें एक मूर्ति कम है। इस वजह से उस शिल्पकार को भगवान शिव अपने साथ नहीं ले गए। माना जाता है कि इसी वजह से इस जगह का नाम ‘उनाकोटी’ पड़ा।