-
Advertisement

बसंतपुर वृद्धाश्रम के बुजुर्ग व कर्मचारी घनघोर संकट में, नहीं मिल रही सरकार से ग्रांट
Basantpur old Age Home: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दो वर्ष पहले जिस बसंतपुर वृद्धाश्रम का दौरा किया था। ग्रांट ना मिल पाने से आज उसी वृद्धाश्रम के कर्मचारियों को वेतन और बुजुर्गों को दवा-ईलाज के लाले पड़ गए हैं। उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव आशीष सिंघमार को पत्र लिखकर तुरंत कार्रवाई की मांग की है। अजय श्रीवास्तव ने कहा कि ग्रांट नहीं मिलने से वृद्धाश्रम के कर्मचारियों को 2 महीने से वेतन नहीं मिल रहा है। वृद्धाश्रम के पास बजट खत्म होने से बीमार बुजुर्गों को टेस्ट और ईलाज के लिए आईजीएमसी शिमला नहीं ले जाया जा रहा है। इनमें से एक बुजुर्ग को पेशाब में खून आने की समस्या है जिसे तुरंत जांच और ईलाज चाहिए।
कुल 50 बुजुर्ग रहते हैं बसंतपुर वृद्धाश्रम में
अजय श्रीवास्तव ने कहा कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के इस वृद्धाश्रम में 5 नियमित, 2 दैनिक भोगी, आउटसोर्स पर 3 सफाई कर्मचारी एवं 4 सिक्योरिटी गार्ड हैं। वहां कुल 50 बुजुर्ग रहते हैं जिनमें से अधिकांश शारीरिक अथवा मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त हैं। बुजुर्गों को इमर्जेंसी में अस्पताल ले जाने के लिए अनुबंध पर एक वाहन की व्यवस्था है। लेकिन भुगतान की दिक्कतों के कारण आजकल वाहन भी उपलब्ध नहीं है। वृद्धाश्रम में राशन उधार पर आ रहा है। यदि वृद्धाश्रम को ग्रांट मिलने में और देरी हुई तो बुजुर्गों को भोजन मिलना बंद हो सकता है।
नियमित बजट आवंटित करे
अजय श्रीवास्तव ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव को भेजे पत्र में मांग की है वृद्धाश्रम को ग्रांट तुरंत जारी की जाए। इस वृद्धाश्रम के साथ भेदभाव बंद कर सरकार नारी सेवा सदन तथा बाल आश्रम की तर्ज़ पर ग्रांट-इन- एड की जगह नियमित बजट आवंटित करे। उल्लेखनीय है कि वृद्धाश्रम में बुजुर्गों के मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन के मद्देनजर अजय श्रीवास्तव ने वर्ष 2012 में आवाज उठाई थी। हाइकोर्ट ने उनकी जनहित याचिका पर 4 जून 2015 को अपने फैसले में सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए बुजुर्गों के मानवाधिकारों की पूर्ण सुरक्षा और एक साल के भीतर वृद्धाश्रम का नया भवन बनाने के आदेश दिए थे। इसके बाद सरकार ने वृद्धाश्रम का नया आधुनिक भवन बनाया था।
अजय श्रीवास्तव