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भारत में राहत पैकेज पर Vijay Mallya ने दी बधाई, कहा- मेरा कर्ज का पैसा लेकर केस बंद करे सरकार
नई दिल्ली। एक तरफ सरकार कोरोना महामारी के चलते लगाए लॉकडाउन की वजह से गिरती अर्थव्यवस्था को संभालने में लगी है ऐसे में भी भगोड़ा शराब कारोबारी विजय माल्या अपने फायदे की ताक में बैठा है। विजय माल्या (Vijay Mallya) के भारत प्रत्यर्पण को लेकर ब्रिटेन (Britain) की अदालत में सुनवाई हो रही है। ऐसे में माल्या ने गुरुवार को एक बार फिर सरकार से अपने कर्ज की 100 प्रतिशत राशि चुकाने के प्रस्ताव को स्वीकार करने और उसके खिलाफ मामला बंद करने को कहा है। माल्या ने सरकार द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा पर बधाई दी। उसने कहा कि मेरे लगातार कर्ज राशि चुकाने के प्रस्ताव को नजरअंदाज किया जा रहा है। माल्या ने ट्वीट (Tweet) कर कहा, ‘कोविड-19 राहत पैकेज देने के लिए सरकार को बधाई। वे जितनी चाहे उतनी करेंसी (रुपये) छाप सकते हैं, लेकिन क्या मेरे जैसे एक छोटे से योगदानकर्ता के बैंकों से लिए गए कर्ज की 100 प्रतिशत राशि को वापस करने की पेशकश की लगातार उपेक्षा की जानी चाहिए?’
Congratulations to the Government for a Covid 19 relief package. They can print as much currency as they want BUT should a small contributor like me who offers 100% payback of State owned Bank loans be constantly ignored ? Please take my money unconditionally and close.
— Vijay Mallya (@TheVijayMallya) May 14, 2020
धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के तहत दर्ज है मामला
गौर हो कि किंगफिशर एयरलाइंस के प्रमोटर माल्या के खिलाफ भारत में धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग (Fraud and money laundering) के तहत मामला दर्ज है। वह नौ हजार करोड़ रुपये के मामले में वांछित है। उसका सरकार से कहना है कि बिना शर्त पैसा लेकर दर्ज मामले को बंद कर दें। लंदन उच्च न्यायालय में हारने के बाद माल्या ने इस महीने की शुरुआत में ब्रिटेन की उच्चतम न्यायालय में प्रत्यर्पण के खिलाफ एक अपील दायर की थी। उच्च न्यायालय में माल्या की अपील खारिज होने के बाद अब उसके पास ब्रिटेन की सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने के लिए 14 दिन का समय था।
प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तारी के बाद जमानत पर है पर है माल्या
माल्या मार्च 2016 से ब्रिटेन में है और अप्रैल 2017 से प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तारी के बाद जमानत पर है। प्रत्यर्पण के मामले में भारतीय जांच एजेंसियों का प्रतिनिधित्व कर रही यूके क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस के प्रवक्ता ने भी माल्या की तरफ से याचिका मिलने की पुष्टि की है। माल्या ने इससे पहले कहा था कि मेरे और अन्य के खिलाफ आरोप केवल 2009 में आईडीबीआई बैंक से कुल 900 करोड़ रुपये के उधार की तीन किस्तों से संबंधित हैं। माल्या ने इस बारे में लंदन उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला भी दिया था।