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हमीरपुर का एक गांव, जहां के मरीज खाट पर करते हैं एंबुलेंस तक का सफर
हमीरपुर। जिले के बड़सर उपमंडल में ऐसे कई गांव हैं, जहां पर सड़क (Road Access) नहीं पहुंच पायी है। ऐसे गांव भी हैं, जहां सड़क तो निकली, लेकिन जमीन को लेकर विवाद (Land Dispute) के कारण सड़क चालू नहीं हो पाई। मसलाना कला गांव का यही हाल है। गांव वालों की मिन्नतों के बाद 13 लाख की लागत से यहां सड़क तो बनी, लेकिन जमीन को लेकर विवाद के कारण मामला कोर्ट (Pending In Court) चला गया। नतीजतन, सड़क पक्की नहीं हुई और बरसात में तबाह हो गई। अब गांववाले मरीज को खाट पर लादकर एंबुलेंस तक ले जाते हैं। इस कोशिश में 2 लोगों की मौत भी हो चुकी है।
गांव की हरिजन बस्ती में करीब 10 से 12 घर हैँ। यहां के स्कूल जाने वाले बच्चोंं से लेकर नौकरीपेशा और दिहाड़ी मजदूर तक पैदल जाने को मजबूर हैं। गांव से मुख्य सड़क तक का रास्ता इस साल बरसात में तबाह हो गया। ऐसे में मरीज को एंबुलेंस (Ambulance) तक लाने में लोगों को खासी मशक्कत करनी पड़ी।
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इसलिए पक्की नहीं हुई सड़क
इस सड़क को पहली बार निकालने का कार्य 2016 में किया गया था। 13 लाख रूपये से यहां 800 मीटर लम्बी सड़क तो बनी, लेकिन जमीन की मिल्कीयत (Land Ownership) को लेकर विवाद खड़ा हो गया और मामला कोर्ट में चला गया। ऐसे में लोक निर्माण विभाग (PWD) ने हाथ खड़े कर दिए। गांव के 55 वर्षीय देश राज कहते हैं कि अगर कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाता है और उसे रात में अस्पताल ले जाना हो, तो मरीज को छोड़ने के लिये उसे खाट पर लादना पड़ता है।
मामला कोर्ट में है
लोक निर्माण विभाग बड़सर के अधिशाषी अभियंता राजिंद्र जुबलानी ने बताया कि गांव के एक व्यक्ति की जमीन सड़क में आती है। मामला जब तक कोर्ट में है, तब तक कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है। जैसे ही ये बाधा दूर होगी, सड़क को बनाने का कार्य किया जाएगा।