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कोहली का झलका दर्द, अच्छी बॉन्डिंग है फिर भी माही भाई मेरा फोन नहीं उठाते
विराट कोहली की महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni)के साथ अच्छी बॉन्डिंग है,लेकिन कोहली का दर्द ये है कि माही भाई (Mahi Bhai) कभी उनका फोन नहीं (Never Picks up his Phone)उठाते हैं। दोनों ने अपने करियर का टॉप फार्म साथ गुजारा, भारतीय टीम को कई मैच जिताए। धोनी और कोहली का ऑन ग्राउंड रिलेशन 2008 से शुरू हुआ जो माही के 2019 में संन्यास के बाद टूट गया। अब जाकर कोहली ने धोनी के साथ 11 साल लंबा ड्रेसिंग रूम अनुभव शेयर किया है।
अनुष्का के अलावा धोनी मेरी सबसे बड़ी ताकत रहे
आईपीएल से पहले आरसीबी पॉडकास्ट सीजन-2 (RCB Podcast Season-2) के पहले ही एपिसोड में पूर्व कप्तान विराट कोहली (Former Captain Virat Kohli) पहुंचे थे। कोहली ने इसी दौरान बताया कि मेरे पूरे करियर में अनुष्का (Anushka) के अलावा धोनी मेरी सबसे बड़ी ताकत रहे हैं। सिर्फ वही थे,जो मेरे बचपन के दोस्त,परिवार के अलावा कभी भी मेरे पास होते थे। अगर आप उन्हें किसी दिन फोन करेंगे तो इस बात की 99 फीसदी संभावना है कि वह कॉल नहीं उठाएंगे,चूंकि वह अपना फोन देखते ही नहीं।
What did Virat Kohli go through when he wasn’t hitting the best of form? Who reached out to him and offered help? Where did he seek inspiration? All that and more in our promo of Game Changers, season 2 of The RCB podcast. Coming soon…!#PlayBold #WeAreChallengers #RCBPodcast pic.twitter.com/gsn0YzkVcC
— Royal Challengers Bangalore (@RCBTweets) October 24, 2022
कोहली ने आरसीबी पॉडकास्ट (RCB Podcast) को दिए इंटरव्यू में बताया है कि उनके बुरे दौर में कैसे धोनी मददगार बने थे। कोहली का यह इंटरव्यू कुछ दिन पहले का है, लेकिन आरसीबी पॉडकास्ट ने इस आज जारी किया।
धोनी ने सिर्फ दो बार मैसेज किया
कोहली ने कहा, धोनी को अगर मैं फोन (Phone) लगाऊंगा तो वह मेरा फोन नहीं उठाएंगे, क्योंकि वे फोन देखते ही नहीं है। आज तक धोनी ने मुझे सिर्फ दो बार मैसेज (Dhoni Messaged) किया है। एक बार उन्होंने लिखा कि जब लोग आपको स्ट्रॉन्ग देखते हैं तो यह पूछना भूल जाते हैं कि आप कैसे हो। कोहली ने आगे बताया कि धोनी से बात कर के मुझे अच्छा लगा। उन्होंने मुझे याद दिलाया की मैं कौन हूं। धोनी इस बात को समझते है क्योंकि, वे भी इस फेज से गुजर चुके हैं।
मैदान में कॉन्फिडेंस का होना जरूरी
करियर में सबसे ज्यादा असुरक्षित महसूस करने के सवाल पर कोहली ने कहा, 2012 में जब हम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैच की सीरीज (Four-Test Series against Australia) खेलने गए थे, तब मैंने पहले दो टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था। पर्थ में हुए तीसरे टेस्ट के दौरान मुझे पता था कि अगर मैं आज नहीं खेला तो मेरी जगह टीम से चली जाएगी। मुझे फिर से फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलना होगा। उस मैच में कोहली ने पहली पारी में 44 और दूसरी पारी में 75 रन बनाए और टीम में जगह पक्की की थी। कोहली ने कहा, यह मायने नहीं रखता की आपके पास कितना अनुभव है या अपने कितने मैच खेले हैं। बल्कि यह बहुत जरूरी है कि जब आप मैच खेलने उतरे तब आप कॉन्फिडेंट हों। अगर आप में कॉन्फिडेंस है तो आप अपने पहले ही मैच में शतक मार सकते हैं।