-
Advertisement
1991 में अयोध्या गए थे कारसेवा करने, आज तक वापस नहीं लौटे
वीरेंद्र भारद्वाज/ मंडी। देश इस वक्त 22 जनवरी का इंतजार कर रहा है। साथ ही उन घटनाओं और कुर्बानियों को भी याद कर रहा है जिनके चलते आज प्रभु श्रीराम के मंदिर का सपना साकार होने जा रहा है। ऐसे में मंडी जिला के उन दो कारसेवकों को भी याद करना जरूरी हो जाता है जो गए तो कारसेवा करने थे लेकिन आज दिन तक वापिस लौटकर नहीं आ सके। मंडी निवासी स्व. इंद्र सिंह का पूरा परिवार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद की विचारधारा से जुड़ा रहा है। इंद्र सिंह संघ के बड़े प्रचारकों में से थे और अमृतसर, दिल्ली तथा बाम्बे में संघ के लिए कार्य कर चुके थे। इनके 7 पुत्र थे। खुद इंद्र सिंह और इनके बेटे मुनेंद्र पाल, बलवंत पाल और भूपेंद्र पाल कारसेवा के लिए समय-समय पर अयोध्या जाते रहते थे। बलवंत पाल और भूपेंद्र पाल ने शादी नहीं की थी और संघ के कार्यों के चलते शिमला और चंबा में रहते थे।
कारसेवा कर चुके इनके भाई मुनेंद्र पाल करसोग में रहते हैं। 1991 में बलवंत पाल और भूपेंद्र पाल कारसेवा के लिए अयोध्या गए लेकिन उसके बाद कभी वापिस लौटकर नहीं आए। 68 वर्षीय भाई सुरेंद्र पाल वैद्य बताते हैं कि उनके भाई कारसेवा के लिए अयोध्या जाते रहते थे। लेकिन परिवार को आज दिन तक इस बात का पता नहीं चल सका कि आखिर उनके भाई कहां लापता हो गए। हालांकि इस संदर्भ में उस वक्त ही शिमला और चंबा में एफआईआर भी दर्ज करवाई गई थी, लेकिन दोनों का कहीं कोई सुराग नहीं मिल पाया।
दो भाईयों का आज दिन तक पता नहीं चल सका
सुरेंद्र पाल वैद्य के परिवार को इस बात का गम तो है कि उनके दो भाईयों का आज दिन तक पता नहीं चल सका लेकिन इस बात की खुशी है कि परिवार के लोगों ने जिस राम मंदिर को लेकर कारसेवा के माध्यम से अपना योगदान दिया, वो सपना आज पूरा होने जा रहा है। कारसेवा में अपना अहम योगदान देने वाले इनके पिता स्व. इंद्र सिंह भी चार वर्ष पूर्व अपनी सांसारिक यात्रा को पूरा करके प्रभु चरणों में लीन हो चुके हैं। सुरेंद्र वैद्य ने बताया कि वे 10 फरवरी को परिवार सहित अयोध्या जाकर प्रभु श्रीराम के नवनिर्मित मंदिर के दर्शन करेंगे।
यह भी पढ़े:फर्जी टिकट देकर 4500 की हेराफेरी करने वाला HRTC कंडक्टर सस्पेंड
हिमाचल और देश-दुनिया की ताजा अपडेट के लिए join करें हिमाचल अभी अभी का Whats App Group