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राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लेकर क्या बोले #CMJaiRamThakur-जानिए
Last Updated on December 5, 2020 by Sintu Kumar
शिमला। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (National Education Policy -2020) का उद्देश्य हमारे देश की बढ़ती विकासात्मक अनिवार्यताओं को पूर्ण करना और शिक्षा प्रणाली के उन सभी पहलुओं में सुधार करना है, जो 21वीं शताब्दी की शिक्षा के अपेक्षित लक्ष्यों से संबंधित हैं। यह बात सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai ram Thakur) ने आज शिमला से वैक्सपो इंडिया-2020 द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर कर्नाटक में आयोजित भारत के सबसे बड़े वर्चुअल शिक्षा वेबिनार को संबोधित करते हुए कही।
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सीएम ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारतीय लोकाचार पर आधारित शिक्षा प्रणाली की परिकल्पना करती है। यह भारत में सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर समान और जीवंत ज्ञान से सामाजिक परिवर्तन करने में सीधा योगदान देगी, जिससे भारत शिक्षा के क्षेत्र में विश्वशक्ति बनकर उभरेगा। उन्होंने कहा कि इस शिक्षा नीति में हमारे संस्थानों के पाठ्यक्रम और शिक्षाशास्त्र के माध्यम से छात्रों के बीच मौलिक कर्तव्यों, संवैधानिक मूल्यों (Constitutional Values) और देश के प्रति उनमें सम्मान की गहरी भावना विकसित करने की परिकल्पना समाहित है, ताकि बदलते हुए समाज में उनकी भूमिका और जिम्मेदारियों के बारे में जागरूकता उत्पन्न हो सके।
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जयराम ठाकुर ने कहा कि इस नीति की परिकल्पना शिक्षार्थियों में ना केवल विचार से ही बल्कि भाव, बुद्धि और कर्म से भी भारतीय होने पर गर्व होने की भावना उत्पन्न करना है। उन्होंने कहा कि इस नीति का उद्देश्य ज्ञान, कौशल, मूल्य और प्रवृत्ति का विकास है, जिससे मानवाधिकारों और सतत विकास व जीवन के प्रति प्रतिबद्धता में सहायक हो। सीएम ने कहा कि यह पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के सशक्त नेतृत्व के कारण ही संभव हुआ है कि 34 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद नई शिक्षा नीति लागू हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने भी राज्य में नई शिक्षा नीति को प्रभावशाली तरीके से लागू करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि वांछित लक्ष्यों को हासिल करने के लिए विभिन्न कदम भी उठाए गए हैं।
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जय राम ठाकुर ने वैक्सपो इंडिया (Waxpo India) और इसके संस्थापक डॉ. एसके नारायणन स्वामी द्वारा विश्व को वर्तमान शिक्षा ज्ञान के माध्यम से जमीनी स्तर से विश्वविद्यालय स्तर तक जोड़ने की परिकल्पना के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान ऑनलाइन शिक्षा और वर्चुअल कक्षाओं से देश के विद्यार्थियों को उनके घर पर ही शिक्षा प्राप्त करने में सहायता मिली है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की साक्षरता दर केरल के बाद देशभर में दूसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि देश की एक प्रतिष्ठित पत्रिका द्वारा हिमाचल प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में देश का श्रेष्ठ राज्य आंका गया है।वैक्सपो इंडिया के अवैतनिक सलाहकार और संस्थापक डॉ. एसके नारायणन स्वामी ने सीएम का स्वागत किया और राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की। कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री सीएन अश्वथ नारायण ने भी इस अवसर पर अपने विचार सांझा किए। शिक्षा सचिव राजीव शर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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