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नदियों में क्यों फेंके जाते हैं सिक्के? जानिए धार्मिक और वैज्ञानिक कारण
Coin thrown in water: आपने आज तक कई लोगों को नदियों (Rivers) में सिक्के फेंकते हुए देखा होगा। सालों से यह मान्यता चली आ रही है कि पानी में सिक्के फेंकने से मनोकामना पूरी होती है। भारत में विशेषकर पवित्र स्थानों (Holy Places) पर सिक्के फेंकने की परंपरा काफी पुरानी है। कई लोग ऐसा करना अंधविश्वास भी मानते हैं। आइए इससे जुड़े कुछ वैज्ञानिक (Scientific) और धार्मिक कारणों के बारे में जानते हैं कि आखिर नदियों में सिक्के (Coin) क्यों फेंकते हैं…….
वैज्ञानिक कारण: प्राचीन समय में लोग नदियों से पानी पीते थे और नदियों के पानी को ही इस्तेमाल भी करते थे इसलिए नदियों के पानी को साफ और शुद्ध रखना व्यक्ति के लिए बेहद जरूरी होता था। आजकल तो स्टेनलेस स्टील (Stainless Steel) और एल्यूमीनियम के सिक्कों को हम देखते हैं लेकिन प्राचीन में तांबे के सिक्के बनते थे। तांबा हमारे शरीर के लिए बड़ा फायदेमंद माना जाता है। तांबा धातु जल को साफ और शुद्ध करने का काम करता है, इसलिए नदियों में पड़े तांबे के सिक्के पानी में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को मार देते थे, इसी कारण ही पुराने समय में लोग नदियों में सिक्के फेंकते थे जो बाद में परंपरा बन गई।
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धार्मिक कारण: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नदी में देवी-देवता के नाम से सिक्के डालने से व्यक्ति की मन की इचछा पूर्ण होती है। प्राचीन समय के व्यक्ति वैज्ञानिक दृष्टिकोण को थोड़ा कम समझते थे इसलिए नदियों में सिक्के डालना धर्म से जुड़ गया। प्राचीन समय में लोग बहुत ज्यादा धार्मिक होते थे और धर्म से जुड़ी हर बात का पालन किया करते थे। इसलिए कोई भी अच्छी बात जिनको मानना इंसान के लिए लाभदायक होता था उनको तब पुराने समय में धर्म से जोड़ दिया जाता था और ये परंपरा बन जाती थी। इसी तरह से ऋषियों ने एक वैज्ञानिक तथ्य वाली बात को धर्म से जोड़ दिया ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग नदी में सिक्के डालें और शुद्ध पानी का सेवन करें।
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-धर्म डेस्क