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इंसानों को बीमार करने वाला बैक्टीरिया अब आपके घरों को करेगा रोशन
Last Updated on April 17, 2022 by
इंसानों के जीवनकाल में सबसे ज्यादा बीमार करने वाले बैक्टीरिया (Bacteria) अब हमारे घरों को रोशन करेंगे। संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया से अब बिजली (Electricity) भी बन सकेगी। नीदरलैंड्स के वैज्ञानिकों ने यह सच कर दिखाया है। वैज्ञानिकों को मीथेन (Methane) की खपत करने वाले बैक्टीरिया से बिजली तैयार करने में सफलता मिली है। यह रिसर्च (Research) करने वाली नीदरलैंड्स की रेडबौड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि अब ऐसा संभव है। अगर व्यवहारिक रूप से यह प्रयोग सफल होता है तो बिजली संकट (Power Crisis) से निपटा जा सकेगा।
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ऐसे बनती है बिजली
रेडबौड यूनिवर्सिटी (Radboud University) के माइक्रोलॉजिस्ट ने लैब में बैक्टीरिया से बिजली तैयार की है। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस प्रयोग से ग्रीनहाउस (Greenhouse) गैसों के उत्सर्जन में कमी लाई जा सकेगी। फ्रंटियर्स इन माइक्रोबायोलॉजी जर्नल में पब्लिश रिसर्च कहती है कि मीथेन गैस का इस्तेमाल कैंडिडेटस मेथनोपेरेडेंस (Candidatus Methanoperedens) नाम के बैक्टीरिया पर किया गया, जो मीठे पानी के तालाबों और झीलों में पाया जाता है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, कैंडिडेटस मेथनोपेरेडेंस बैक्टीरिया उन जगहों पर पनपता है, जहां सतह और जमीन के अंदर मौजूद पानी नाइट्रोजन (Nitrogen) से दूषित होता है। इस बैक्टीरिया को मीथेन गैस तोड़ते के लिए नाइट्रोजन की जरूरत पड़ती है। इसी खूबी के कारण इनका इस्तेमाल इस प्रयोग में किया गया और बिजली बनाने में सफलता मिली।
31 फीसदी मीथेन गैस को बिजली में बदलने में सफल
रिसर्च करने वाली माइक्रोबायोलॉजिस्ट कॉर्नेलिया वेल्टे (Microbiologist Cornelia Welte) का कहना है कि वर्तमान में जिस बायोगैस का प्रयोग किया जाता है, उसे ऐसे ही सूक्ष्मजीवों की मदद से तैयार किया जाता है और बाद में इन्हें जलाकर बिजली भी पैदा की जाती है। इस तरह वहां पैदा हुई आधे से भी कम बायोगैस (Biogas) को बिजली में बदला जाता है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि बैक्टीरिया जब मीथेन का इस्तेमाल करते हैं तो इलेक्ट्रॉन (Electron) पैदा करते हैं, इसलिए इलेक्ट्रोड पर बैक्टीरिया को विकसित किया गया। इलेक्ट्रॉन के कारण वैज्ञानिक 31 फीसदी मीथेन गैस को बिजली में बदलने में सफल रहे। हालांकि, बिजली की क्षमता बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक अपने प्रयोग को और बेहतर बनाने की कोशिशाों में जुटे हैं।