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सरकारी एंबुलेंस में ऑक्सीजन खत्म, PGI पहुंचने से पहले ही महिला की मौत
नाहन। सरकारी एंबुलेंस (Government Ambulence) मरीज की जान बचाने के लिए होती है। उसमें वे सारी सुविधाएं होनी चाहिए, जो सरकार ने प्रोटोकॉल (Protocol) के तहत तय की हैं। लेकिन यहां से PGI रेफर की गईं एक महिला मरीज को अपनी जान सिर्फ इसलिए गंवानी पड़ी, क्योंकि सरकारी एंबुलेंस में ऑक्सीजन (Oxygen) रास्ते में ही खत्म हो गया। अब दिवंगत महिला की बेटी ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने इसकी शिकायत उपायुक्त सिरमौर, मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य, मुख्य चिकित्सा अधिकारी से की है।
शिकायतकर्ता के अनुसार उनकी मां को 8 जुलाई की शाम को मेडिकल कॉलेज (Nahan Medical College) से पीजीआई (PGI Chandigarh) रेफर किया गया। वह बगैर ऑक्सीजन के नहीं रह सकती थीं। सरकारी एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिलिंडर की सहायता से पीजीआई रेफर किया गया। कुछ किलोमीटर दूर ये सिलिंडर खत्म हो गए। एंबुलेंस में मौजूद दूसरे सिलिंडर का इस्तेमाल किया गया। वह भी करीब 10 किलोमीटर दूर मोगीनंद के पास खत्म हो चुका था। इसकी सूचना जब एकता को मिली तो वह ऑक्सीजन सिलिंडर लेकर मोगीनंद निकली, लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही मां ने दम तोड़ दिया। शिकायतकर्ता के अनुसार रेफर करने के दौरान अस्पताल में मौजूद स्टाफ ने बताया था कि दोनों सिलिंडरों में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में है।
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लगाए ये गंभर आरोप
एकता का आरोप है कि रोगी को सही समय पर रेफर नहीं किया गया। वहीं अस्पताल में भी अभद्र व्यवहार किया गया। शिकायतकर्ता के अनुसार विधायक अजय सोलंकी के संज्ञान में भी मामला लाया गया। विधायक ने मेडिकल विभाग की चिकित्सक को तुरंत अस्पताल पहुंचने के निर्देश दिए थे। वहीं अस्पताल से मरीज को रेफर करने का समय गलत भरने के आरोप भी एकता ने शिकायत में लगाए हैं। एकता ने निष्पक्ष जांच के बाद जिम्मेदार मेडिकल स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई का आग्रह किया है।