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ICMR की अगुवाई में डाइट एवं बायोमार्कर्स पर शोध कार्यशाला हरोली में शुरू
सुनैना जसवाल/ऊना। ICMR की अगुवाई में ऊना के हरोली (Haroli In Una) स्थित केंद्र में शनिवार को जिला ऊना के हरोली स्थित केंद्र में शनिवार को बच्चों में एनीमिया की व्यापकता (Anemia) को आंकने के मकसद से डाइट एवं बायोमार्कर्स (Diet And Biomarkers) विषय पर रिसर्च कार्यशाला (Workshop) शुरू हुई। कार्यशाला का शुभारंभ हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य निदेशक डॉक्टर गोपाल बेरी ने किया।
इस मौके पर ICMR के जालमा इंस्टिट्यूट आगरा के निदेशक डॉक्टर एएम खान भी विशेष रूप से मौजूद रहे। करीब 60 प्रतिभागियों (60 Participants) की टीम ने इस वर्कशॉप में भाग लिया। ICMR के वैज्ञानिकों ने पोषण (Nutrition) को लेकर शोध कर रिपोर्ट प्रस्तुत की। डाइट एवं बायोमार्कर्स पर देशभर में करीब 180000 वैज्ञानिक और छात्र-छात्राएं शोध कर रहे हैं।
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खाद्यान्नों पर भी होगा रिसर्च
ICMR के हरोली रिसर्च केंद्र में डॉ. गोपाल बेरी ने कहा कि सर्वेक्षण से बेहतर और संतुलित आहार की कमी के चलते होने वाले एनीमिया के बारे में विस्तृत जानकारी मिलेगी, बल्कि इसकी रोकथाम को लेकर भी प्रभावी कदम उठाए जा सकेंगे। डॉ. एएम खान ने कहा कि यह अभियान इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि इसमें उन पहलुओं को शामिल किया गया है, जिन्हें आज से पहले कभी छुआ तक नहीं गया। इस अभियान के तहत विभिन्न क्षेत्रों में उगाई जाने वाली चीजों (Locally Produced Foods) पर भी रिसर्च की जाएगी, ताकि पता लगाया जा सके कि वर्तमान खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए किस प्रकार लाभकारी हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि ओवरऑल यह अभियान देश में एक बेहतर प्लान बनाने के लिए काफी काम आने वाला है, जिसके चलते ICMR खुद इसकी निगरानी कर रहा है।