-
Advertisement
नवरात्र पूजा में रखेंगे इन वास्तु नियमों का ध्यान तो मिलेगा मां का आशीर्वाद
शारदीय नवरात्र आने वाले हैं और आप सभी लोग घरों पर तैयारियों में जुटे होंगे। मां दुर्गा सभी की मनोकामनाएं पूरी करती है। इसलिए जरूरी है कि इनको प्रसन्न रखने के लिए उनकी पूजा में वास्तु नियमों का पालन किया जाए। सभी को कष्ट दूर करने वाली मां भवानी की पूजा से जुड़े वास्तु के उपाय बहुत ही आसान और कारगर हैं। कहते हैं की देवी की पूजा जब वास्तु नियमों के साथकी जाती है तो भक्त को मां की कृपा भी ज्यादा मिलती है। पूजा का स्थान, सामग्री और कैसे पूजा करनी है इस बात का पता होना बहुत जरूरी है। अगर आप को इस का पता नहीं है तो हम आप की मदद कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें: इस बार नवरात्र में करेंगे ये सरल उपाय तो घर पर आएगी खुशहाली
सबसे पहले इस बार देवी के स्वागत की तैयारी करते समय यह बात जरूर ध्यान रखें कि आप जहां भी मां की पूजा करेंगें। उस पूजा घर के बाहर और अंदर 9 दिनों तक चूने और हल्दी से स्वस्तिक चिन्ह बनाएं। साथ ही यह काम आप अपने मुख्यद्वार के पास भी कर सकते हैं। ऐसा करना देवी को प्रसन्न करता है। वास्तु के अनुसार यह शुभ हाता है और नकारात्मक प्रभाव को दूर करता है।
देवी की प्रतिमा या कलश की स्थापना नवरात्र के दौरान ईशान कोण पर रखें, क्योंकि ये स्थल देवताओं के लिए निर्धारित है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ता है।
पूजा स्थल पर जब अखंड ज्योति प्रज्जवलित करें तो ध्यान रखें वह पूजन स्थल के आग्नेय कोण में होनी चाहिए, क्योंकि आग्नेय कोण अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करता है। इससे घर के अंदर सुख-समृद्धि का निवास होता है और शत्रुओं को पराजय मिलती है।
देवी की प्रतिमा या तस्वीर जहां स्थापित करेंगे उस चौकी या पट को चंदन से लेप दें। इससे शुभ और सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र स्थापित होता है और वास्तुदोषों का शमन होता है।
जब आप पूजा करें तो आपका मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रहना चाहिए, क्योंकि पूर्व दिशा शक्ति और शौर्य का प्रतीक है। इस दिशा के स्वामी सूर्यदेव माने गए हैं और वे प्रकाश के केंद्रबिंदु हैं
देवी पूजा के साथ ही शाम के समय पूजन स्थान पर ईष्टदेव की पूजा भी जरूर करें। उनके समक्ष रोशनी होनी चाहिए और इसके लिए घी का दीया जाएं। इससे परिवार में सुख-शांति और ख्याति की प्राप्ति होती है।
नवरात्रिमें देवी के नौ स्वरूप यानी 9 देवियों को लाल रंग के वस्त्र, रोली, लाल चंदन, सिंदूर, लाल वस्त्र साड़ी, लाल चुनरी, आभूषण अर्पित करें। साथ ही उनका भोग भी लाल ही होना चाहिए।
पूजा में प्रयोग रोली या कुमकुम से पूजास्थल के दरवाजे के दोनों ओर स्वस्तिक बनाना चाहिए। इससे देवी की असीम कृपा पात्र होती है। यह रोली, कुमकुम सभी लाल रंग से प्रभावित होते हैं और लाल रंग को वास्तु में शक्ति और सत्ता का प्रतीक माना गया है।
इस बार नवरात्र पर वास्तु के इन नियमों का पालन कर मां दुर्गा की कृपा पा सकते हैं।