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Lockdown ने छिनी रोजी-रोटी तो मुर्गी पालन सिखाई जीने का राह
हमीरपुर। कोरोना महामारी( Corona epidemic) के चलते लाखों की संख्या में युवा बेरोजगार हो चुके हैं। लॉकडाउन ( Lockdown) के दौरान लोगों के छोटे-छोटे व्यवसाय बंद भी बंद हो गए। ऐसे में लोगों को रोजी रोटी के भी लाले पड़ने लगे। ऐसा ही कुछ हुआ है हमीरपुर जिला के बड़सर उपमंडल के नैन निवासी अंकुश के साथ। अंकुश बड़सर में लॉक डाउन से पहले मोटर मैकेनिक( Motor mechanic) का काम किया करता था, जिससे वह अपना और अपने परिवार का पालन पोषण किया करता था। लेकिन कोरोना के चलते लॉक डाउन के दौरान अंकुश का मैकेनिक का काम काज भी बंद हो गया। उसे रोजी-रोटी के लाले पड़ने लगे। लेकिन प्रदेश का पशु पालन विभाग अंकुश के लिए मसीहा बनकर सामने आया है।
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पशु पालन विभाग ने बीपीएल बेरोजगार युवाओं को 600 मुर्गे वितरित कर रहा है। इसी स्कीम के तहत अंकुश को भी पशु पालन विभाग ने मुर्गे वितरित किये। पशु पालन विभाग चार किस्तों में 150 के हिसाब से चूजे वितरित करता है। जिन्हें पालक कर पशु पालक को अच्छी कमाई हो जाती है। इसी स्कीम का लाभ उठाकर अंकुश अच्छी आमदनी कमा रहा है। अंकुश ने बेरोजगार युवाओं से मुर्गी पालन व्यवसाय से जुड़ने की नसीयत दी है। ताकि युवा घर पर ही रोजगार अपना कर अपनी आजीविका कमा सकते हैं। वही अंकुश ने प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है कि वह बकरी पालन का भी काम करना चाहता है। उसे मदद मुहैया करवाई जाए।
वहीं स्थानीय निवासी देश राज का कहना है कि लॉक डाउन के दौरान अंकुश का मोटर मैकेनिक का काम काज बंद हो गया था। जिस कारण उसे काफी दिक्कत पेश आई । लेकिन अब उसने मुर्गी पालन का व्यवसाय किया है उसे अब अच्छी कमाई हो रही है। बड़सर उपमंडल के वरिष्ठ पशु चिकित्सक का कहना है कि प्रदेश सरकार द्वारा बीपीएल परिवारों को यह सुविधा मुहैया करवाई जा रही है। जिसमें बीपीएल परिवार की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए 600 निशुल्क चिक्स और फीड पशु पालन विभाग द्वारा दी जा रही है। बड़सर में ऐसे 20 परिवारों का चयन किया गया है। उन्हें यह सुविधा मुहैया करवाई जा रही है।