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#Shimla: कारोबारी के घर से रेस्क्यू की नाबालिग, बड़े Human Trafficking रैकेट की आशंका
Last Updated on November 1, 2020 by Deepak
शिमला। पुलिस (Police) ने टूटू के एक कारोबारी के घर से 15 साल की नाबालिग लड़की (Minor Girl) को छुड़ाया है। यह नाबालिग घरेलू नौकर की तरह काम कर रही थी और यही नहीं नाबालिग की बुरी तरह पिटाई की जाती थी। उमंग फाउंडेशन ने जानकारी मिलने के बाद शिमला पुलिस की मदद से लड़की को रेस्क्यू किया। वहीं, उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव (Chairman of Umang Foundation Prof. Ajay Srivastava) ने इसे साधारण मामला ना बताते हुए मानव तस्करी का बड़ा रैकेट होने की आशंका जताई है। सरकार से मामले की गहन जांच की मांग की है।
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उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने बताया कि उन्हें किसी ने आज फोन कर इस बात की जानकारी दी। बताया गया कि टूटू में लगभग एक वर्ष से नाबालिग लड़की को घर में गुलामों की तरह रखा गया है। उसकी बुरी तरह पिटाई की जाती है। सूचना मिलने पर उन्होंने तुरंत एसपी शिमला मोहित चावला (SP Shimla Mohit Chawla) से बात की और बच्ची को रेस्क्यू करने के लिए कहा।
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एसपी शिमला मोहित चावला ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कुछ घंटों के भीतर ही उस प्रभावशाली व्यक्ति के घर पर छापा डलवाया और बच्ची को रेस्क्यू कर लिया गया। ऐसा लगता है कि बच्ची मध्य प्रदेश के किसी जिले की रहने वाली है। पुलिस अब उसका कोविड (Covid) टेस्ट कराने के बाद उसे कल जुवेनाइल जस्टिस कोर्ट में पेश करेगी। अजय श्रीवास्तव ने कहा कि यह कोई साधारण मामला नहीं है, बल्कि इसके पीछे मानव तस्करी (Human Trafficking) का बड़ा रैकेट हो सकता है। उन्होंने सीएम से मांग की है कि इस समूचे मामले को मानव तस्करी के दृष्टिकोण से देखा जाए, ताकि असली अपराधियों का पता चल सके। उन्होंने कहा कि पहले भी हिमाचल में नाबालिग लड़कियां मानव तस्करी के जरिए लाई जाती रही हैं, लेकिन आम तौर पर पुलिस उन्हें साधारण अपराध मानकर कार्रवाई करती है।
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