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हरियाणा: विधानसभा की 17 और लोकसभा की दो सीटें दस साल के लिए आरक्षित
Last Updated on January 21, 2020 by
चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Asembly Election) के लिए राज्य में 17 सीटें जबकि लोकसभा के लिए 2 साल तक के लिए आरक्षित रहेंगी। विधानसभा (Assembly Elections) के विशेष सत्र में सभी विधायकों (MPs) की सर्वसम्मति से इस बारे में विधेयक जारी किया गया। हरियाणा में भी विधानसभा व लोकसभा सीटों के लिए आरक्षण जैसी व्यवस्था जारी रहे इसलिए सीएम मनोहर लाल (CM Manohar Lal) ने एक प्रस्ताव पेश किया।
विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने सी इस प्रस्ताव पर पक्ष और विपक्ष को अपनी राय रखने के लिए कहा। जिसके बाद सर्व सहमति के साथ इस विधेयक को पारित किया गया। इसके बाद अब वर्ष 2030 तक लोकसभा (Loksabha) और विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) में सीटों के आरक्षण की व्यवस्था बनी रहेगी। जानकारी के लिए बता दें, प्रदेश में कुल 90 विधानसभा सीटों में से 17 हलके अनुसूचित (scheduled caste) जाति के उम्मीदवारों लिए आरक्षित किए गए हैं।
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जिनमें अंबाला में मुलाना, यमुनानगर में साढौरा, कुरुक्षेत्र में शाहाबाद, कैथल में गुहला, करनाल में नीलोखेड़ी, पानीपत में इसराना , सोनीपत में खरखौदा, जींद में नरवाना, सिरसा में कालांवाली, फतेहाबाद में रतिया, हिसार में उकलाना, भिवानी में भवानी खेड़ा, झज्जर में झज्जर सीट, रोहतक में कलानौर, रेवाड़ी में बावल, गुडगाँव (गुरुग्राम) में पटौदी और पलवल में होडल के नाम शामिल हैं। हरियाणा के 22 जिलों में से पांच जिलों महेंद्रगढ़, फरीदाबाद, पंचकूला, नूहं और चरखी दादरी में कोई विधानसभा सीट आरक्षित नहीं है।