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CM Office ने खोला चिट्ठा-बीजेपी शासनकाल में आरएसएस व उससे जुड़े संस्थानों को करोड़ों का विज्ञापन
National Herald Case : हिमाचल सरकार द्वारा कांग्रेस के नेशनल हेराल्ड अखबार(National Herald Newspaper) को 2 करोड़ 34 लाख से अधिक विज्ञापन देने पर सियासी घमासान मचा हुआ है। सत्ता पक्ष और विपक्ष विज्ञापन देने के सामने में एक दूसरे की परतें खोल रहे हैं, जो जनता के लिए चौंकाने वाली हैं। विपक्ष यानी बीजेपी( BJP) नेशनल हेराल्ड को विज्ञापन देने का मामले पर लगातार सरकार पर हमला कर रही है और जनता के पैसे की बंदरबांट करने के आरोप लगा रही है। इसके बाद अब सरकार की ओर से सीएम के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान भी सामने आए और उन्होंने बीजेपी कार्यकाल में दिए गए विज्ञापनों का ब्यौरा मीडिया के समक्ष रखा। नरेश चौहान ने कहा कि विपक्ष नेशनल हेराल्ड अखबार को विज्ञापन देने के गलत आंकड़े जनता का सामने रख रहा है जबकि बीजेपी ने भी अपने समय में आरएसएस और ऐसे-ऐसे संस्थानों को समय समय पर विज्ञापन दिए हैं , जिनका कोई अता पता ही नहीं है।
कुछ सवालों के जवाब नहीं दे पाए चौहान
नरेश चौहान ने कहा कि पूर्व जयराम सरकार ने ऑर्गनाइजर/पांचजन्य, दीप कमल संदेश, एबीवीपी शिमला मैगजीन, तरुण भारत मैगजीन नागपुर, मातृवंदना, छात्र उदघोष, भारत प्रकाशन दिल्ली को पांच साल में कुल 2 करोड़ 92 लाख के विज्ञापन दिए हैं जबकि इन अखबारों का हिमाचल में कोई अस्तित्व ही नहीं है। विपक्ष सरकार कर खिलाफ षड्यंत्र रच रही है। नेशनल हेराल्ड अखबार को सरकार ने एक करोड़ एक लाख का विज्ञापन दिया है बीजेपी गलत आंकड़े पेश कर रहे हैं। जबकि भाजपा जिस दो करोड़ 34 लाख विज्ञापन के आकंड़े पर सुक्खू सरकार को घेर रही है वह आंकड़ा विधान सभा में सुक्खू सरकार ने दिया है लेकिन अब उसे नरेश चौहान गलत ठहरा रहे हैं। इसके अलावा नेशनल हेराल्ड अखबार की कॉपी दिखाते हुए नरेश चौहान ने कहा कि अखबार छपता है, विपक्ष अखबार के प्रकाशन को लेकर बेबुनियाद आरोप लगा रहा है। हालांकि नेशनल हेराल्ड न्यूज पेपर की हिमाचल में कितनी कॉपी आती है इसका जवाब नरेश चौहान नहीं दे पाए और सवाल सुन कर भागते नजर आए।
मुख्य सचिव को होली की पार्टी का बिल खुद चुकाना चाहिए
वहीं मुख्य सचिव के होली पार्टी के बिल को सरकारी खजाने से देने के प्रश्न पर नरेश चौहान ने कहा कि उनकी निजी राय है कि मुख्य सचिव को होली की पार्टी का बिल खुद चुकाना चाहिए था। हालांकि नियमों में क्या प्रावधान है यह मुख्य सचिव ही बता सकते हैं।