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अब देश में बनेगा NASA का VITAL वेंटिलेटर; 3 भारतीय कंपनियों को मिला विनिर्माण का लाइसेंस
Last Updated on May 31, 2020 by
नई दिल्ली। तीन भारतीय कंपनियों– अल्फा डिज़ाइन टेक्नोलॉजीज़, भारत फोर्ज और मेधा सर्वो ड्राइव्स को कोरोना वायरस के गंभीर रोगियों के लिए नासा (राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन) द्वारा 37 दिन में विकसित वेंटिलेटर बनाने का लाइसेंस मिला है। वाइटल (VITAL) नामक प्रोटोटाइप को नासा (NASA) की जेट प्रोपल्शन लैब में बनाया गया है और इसे यूएसएफडीए ने 30 अप्रैल को ‘आपातकालीन उपयोग की अनुमति’ दी थी। नासा की ओर से शुक्रवार को जारी बयान में यह जानकारी दी गई है।
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आठ अमेरिकी और ब्राजील की तीन कंपनियों को भी लाइसेंस मिला
तीन भारतीय कंपनियों के अलावा 18 अन्य कंपनियों को भी यह लाइसेंस मिला है। इनमें आठ अमेरिका और तीन ब्राजील की कंपनियां शामिल हैं। उच्च दबाव पर काम करने में सक्षम इस वेंटिलेटर में मूल वेंटिलेटर के सातवें हिस्से के बराबर ही कल-पुर्जे इस्तेमाल किए गए हैं। इसकी वजह से इसकी लागत काफी कम हो गई है और यह इस्तेमाल में भी काफी आसान हो गया है। इस सस्ते वेंटिलेटर के निर्माण में जो सामान इस्तेमाल होगा, वह बाजार में आसानी से उपलब्ध है। नासा अमेरिका की अंतरिक्ष अनुसंधान, वैमानिकी और संबंधित कार्यक्रमों की स्वतंत्र एजेंसी है।
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इसे फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से इमर्जेंसी यूज ऑथराइजेशन मिला
नासा ने दक्षिण कैलिफोर्निया की जेट प्रॉपल्शन लैब (जेएलपी) में कोरोना वायरस के मरीजों के लिए विशेष रूप से वेंटिलेटर विकसित किया है। इसे फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से इमर्जेंसी यूज ऑथराइजेशन मिल चुका है। नासा का कहा है कि वाइटल को चिकित्सकों तथा चिकित्सा उपकरण विनिर्माण से सलाह लेकर विकसित किया गया है। यह वेंटिलेटर कोरोना वायरस से गंभीर रूप से पीड़ित मरीजों को सस्ता इलाज दिलाने में काफी कारगर साबित होगा। गौरतलब है कि दुनियाभर में जारी कोरोना वायरस के कहर के बीच भारत में भी यह महामारी हावी होती नजर आ रही है। ऐसे में 3 भारतीय कंपनियों को विनिर्माण लाइसेंस मिलना भारत के लिए किसी उपलब्धि से काम नहीं है।