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Thane से 580 हिमाचलियों को लेकर पहुंची Train, बसों में अपने-अपने जिलों को भेजा
Last Updated on May 24, 2020 by saroj patrwal
नूरपुर। कोरोना संकट के चलते देश के विभिन्न राज्यों में रह रहे हिमाचलियों की घर वापसी जारी है। ऊना के अलावा पठानकोट में भी ट्रेन ( Train) से हिमाचली घर वापसी कर रहे हैं। इसी कड़ी में रविवार सुबह ठाणे से 580 लोगों को लेकर स्पेशल ट्रेन ( Special train) सुबह साढ़े पांच बजे पठानकोट पहुंची। इस ट्रेन में जिला कांगड़ा के 245 लोगों ने भी घर वापसी की है। नूरपुर उपमंडल का प्रशासन इन यात्रियों को लेने पठानकोट(Pathankot) पहुंचा था , जो रात भर वहां मौजूद रहा। बताया जा रहा है कि ट्रेन रात डेढ़ बजे के करीब पहुंचनी थी। लेकिन यह चार घंटे देरी से स्टेशन पर पहुंची। ट्रेन में सवार सभी यात्रियों के एहतियात बरतते हुए उतारा गया और वहां पर उनकी थर्मल स्कैनिंग भी की गई। नूरपुर प्रशासन की ओर से यात्रियों के लिए खाने पीने की व्यवस्था की गई थी। इस के बाद सभी को एचआरटीसी की बसों के माद्यम से उनके जिला के लिए रवाना किया।
कांगड़ा के यात्रियों को परौर में किया जाएगा इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन
एडीएम डॉ एमआर भारद्वाज ने बताया कि इन सभी लोगों को एचआरटीसी की 28 विशेष बसों के द्वारा अपने-अपने जिलों में बनाए गए इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन केंद्रों के लिए रवाना किया गया। सभी यात्रियों को प्रशासन द्वारा फूड के पैकेट, फ्रूट, जूस व पानी की विशेष व्यवस्था की गई थी। उन्होंने बताया कि इस ट्रेन से पहुंचे कांगड़ा ज़िला के 245 ,हमीरपुर के 101, मंडी के 67 , ऊना के 47, बिलासपुर के 34, , चंबा के 26, शिमला के 20, सोलन के 15 यात्रियों के अतिरिक्त सिरमौर के 16, जबकि कुल्लू जिला के 6 तथा किन्नौर के 3 लोगों को उनके गंतव्य के लिए रवाना किया गया । एसडीएम सुरेंद्र ठाकुर ने कहा कि कांगड़ा ज़िला के यात्रियों को प्रशासन द्वारा परौर में बनाए गए इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन केंद्र में भेजा गया है, जबकि अन्य जिलों के यात्रियों को उनके जिलों में बनाए गए संस्थागत क्वारंटीन केंद्रों में रखा जाएगा, जहां पर प्रशासन द्वारा इनके ठहरने व खान-पान की विशेष व्यवस्था की गई है। इन सभी यात्रियों को इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन केंद्रों में डॉक्टरों की गहन निगरानी में रखा जाएगा तथा इस दौरान कोविड-19 के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जाएंगे।
घर वापसी पर लोगों ने कही अपनी बात
हमीरपुर ज़िला के नादौन निवासी जो अपनी पत्नी निशा तथा बेटे ध्रुव व रियांश के साथ पहुंचे तो उन्होंने बताया कि उनकी माता जी का अप्रैल माह में देहांत हो गया था , परन्तु लॉकडाउन के कारण अनुमति न मिलने की बजह से वे अपने घर नहीं पहुंच पाए थे, परंतु प्रदेश सरकार के प्रयासों से वे दुख की घड़ी में अपने परिजनों से अब जरूर मिल पाएंगे। ऊना ज़िला के निवासी राजेश सिंह पटियाल जो अपनी पत्नी मंजू व 6 वर्षीय बेटे विहान सिंह व रुहान सिंह के साथ पठानकोट रेलवे स्टेशन पहुंचे। उन्होंने बताया कि उन्हें कभी नहीं लगता था कि लॉकडाउन के बीच वे अपने-अपने घरों में वापस पहुंच पाएंगे। इसी ट्रेन में हमीरपुर ज़िला के यात्री विशाल अपनी पत्नी शिखा तथा 1 वर्ष के बेटे कार्तिक के साथ पहुंचे तो उन्होंने बताया कि हमारे परिवार ने अपने घर पहुंचने की उम्मीद ही छोड़ दी थी, परंतु हिमाचल प्रदेश सरकार के प्रयासों से उनका घर पहुंचने का सपना पूरा हुआ है। पूनम ठाकुर जो अपने पति राजीव तथा बेटी श्वेता के साथ पहुंची तो उन्होंने कहा कि जहां से वे लौटे है, वहां पर कोरोना का संक्रमण बहुत ज्यादा है। हमें कोरोना से न तो घबराना चाहिए और न ही ऐसे मरीजों व उनके परिवारों से कोई भेदभाव रखना चाहिए। हमें मिलजुल कर इन मरीजों का हौंसला बढाने के साथ उनकी जरूरी मदद करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने उन्हें खाने-पीने के अतिरिक्त फ्रूट की भी बेहतर व्यवस्था की थी जिस कारण उनका सफर काफी आरामदायक रहा।