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ऊना के इस्पात उद्योग पर लगा 9.47 करोड़ जुर्माना, फर्जी बिल का है मामला
ऊना। देश की राजधानी दिल्ली में 173 करोड़ रुपए के फर्जी बिल मामले ( fake bill case) की जांच हिमाचल प्रदेश तक भी आ पहुंची है। प्रदेश के ऊना जिला की एक फर्म को इसी मामले में करीब 9 करोड़ 47 लाख रुपए का जुर्माना आबकारी एवं कराधान विभाग(Excise & Taxation Department) की तरफ से इंपोज किया गया है। आबकारी एवं कराधान विभाग को केंद्रीय जीएसटी कार्यालय चंडीगढ़( Central GST Office Chandigarh) की तरफ से इस मामले में अलर्ट नोटिस किया गया था, जिसके बाद करीब एक वर्ष तक आबकारी एवं कराधान विभाग द्वारा इस मामले पर पत्राचार और जांच पड़ताल अमल में लाने के बाद इस्पात के कारोबार से जुड़ी इस फर्म के खिलाफ जुर्माने का नोटिस जारी किया गया है। आबकारी एवं कराधान विभाग के संयुक्त आयुक्त राकेश कुमार भारतीय की अगुवाई में इस मामले को लेकर कार्रवाई की जा रही है।
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जाहिर है सेंट्रल इनफोर्समेंट जोन ऊना ( Central Enforcement Zone Una) ने बाथड़ी के एक इस्पात उद्योग पर बड़ी कार्रवाई करते हुए इनवेलड इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम करने पर नौ करोड़ 47 लाख रुपए टैक्स पैनेल्टी लगाई है। संबंधित फर्म को डीआरसी सात के तहत टैक्स रिकवरी का डिमांड नोटिस सर्व ( Demand notice serve) कर दिया गया है। सेंट्रल इनफोर्समेंट जोन ऊना के संयुक्त आयुक्त राकेश कुमार भारतीय ने बताया कि सीजीएसटी कार्यालय चंडीगढ़ से प्राप्त इनपुटस के आधार पर कार्रवाई करते हुए विभाग ने बाथड़ी के एक इस्पात उद्योग को 9 करोड़ 47 लाख रुपए टैक्स पैनेल्टी व ब्याज लगाया है।
मामले की पूरी जानकारी देते हुए राकेश भारतीय ने बताया कि दिल्ली टैक्स अथॉरिटीज की जांच में 173 करोड़ रुपए का एक घोटाला सामने आया था। इसमें तीन सीए व लीगल काउंसिलर गिरफ्तार हो चुके हैं। उक्त मामले में संलिप्त 31 में से तीन फर्मों ने हिमाचल में स्क्रैप व सरिये की फेक सप्लाई की थी। जिसका 5 करोड़ 89 लाख टैक्स बनता था। इसको वेरिफाई करने के लिए जब विभाग ने दिल्ली अथॉरीटीज से पत्राचार किया तो सामने आया कि दिल्ली सीजीएसटी अथॉरिटीज ने इनमें से एक फर्म का 3 करोड़ 82 लाख का टैक्स जिस डेट से फर्म गठित की गई थी को रद कर दिया था। जिसके चलते बाथड़ी के इस्पात उद्योग का 3 करोड़ 82 लाख रुपए का क्लेम किया हुआ इनपुट टैक्स क्रेडिट अवैध पाया गया। विभाग ने इसके चलते उक्त फर्म को 9 करोड़ 47 लाख रुपए पर पेनेल्टी लगाई।
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