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विज्ञान विषयः अध्याय-9……… अनुवंशिकता एवं जैव विकास
Last Updated on February 15, 2020 by saroj patrwal
प्रश्न 1. यदि एक ‘लक्षण-A’ अलैंगिक प्रजनन वाली समष्टि के 10 प्रतिशत सदस्यों में पाया जाता है तथा ‘लक्षण-B’ उसी समष्टि में 60 प्रतिशत जीवों में पाया जाता है, तो कौन-सा लक्षण पहले उत्पन्न होगा?
उत्तर- लक्षण-B’ अलैंगिक प्रजनन वाली समष्टि में 60 प्रतिशत जीवों में पाया जाता है जो ‘लक्षण-A’ प्रजनन वाली समष्टि से 50% अधिक है इसलिए ‘लक्षण-B’ पहले उत्पन्न हुआ होगा।
प्रश्न 2. विभिन्नताओं के उत्पन्न होने से किसी स्पीशीज़ की उत्तरजीविता की संभावना क्यों बढ़ जाती है?
उत्तर-विभिन्नताओं के उत्पन्न होने से किसी स्पीशीज़ की उत्तरजीविता की संभावना बढ़ जाती है। प्राकृतिक चयन ही किसी स्पीशीज़ की उत्तरजीविता का आधार बनता है जो वातावरण में घटित होता है। समय के साथ उनमें जो प्रगति की प्रवृत्ति दिखाई देती है उसके साथ उन के शारीरिक अधिकल्प में जटिलता की वृद्धि भी हो जाती है। ऊष्णता को सहन करने की क्षमता वाले जीवाणुओं की अधिक गर्मी में बचने की संभावना अधिक होती है। पर्यावरण द्वारा उत्तम परिवर्तन का चयन जैव विकास प्रक्रम का आधार बनता है।
प्रश्न 1. मेंडल के प्रयोगों द्वारा कैसे पता चला कि लक्षण (Traits) प्रभावी अथवा अप्रभावी होते हैं?
(H.P. 2009, Set-A, 2013 Set-A)
उत्तर-जब मेंडल ने मटर के लंबे पौधे और बौने पौधे का संकरण कराया तो उसे प्रथम संतति पीढ़ी F1 में सभी पौधे लंबे प्राप्त हुए थे। इस का अर्थ था कि दो लक्षणों में से केवल एक पैतृक लक्षण ही दिखाई दिया। उन दोनों का मिश्रित प्रमाण दिखाई नहीं दिया। उसने पैतृक पौधों और F1 पीढ़ी के पौधों को स्वपरागण से उगाया। इस दूसरी पीढ़ी F2 में सभी पौधे लंबे नहीं थे। इसमें एक चौथाई पौधे बौने थे। मेंडल ने लंबे पौधों के लक्षण को प्रभावी और बौने पौधों के लक्षण को अप्रभावी कहा।
प्रश्न 2. मेंडल के प्रयोगों से कैसे पता चला कि विभिन्न विकल्पी लक्षण स्वतंत्र रूप से वंशानुगति करते हैं?
(H.P. 2009, Set B)
उत्तर-मेंडल ने दो विभिन्न विकल्पों, लक्षणों वाले मटर के पौधों का चयन कर उनसे पौधे उगाए थे। लंबे पौधे तथा बौने पौधे का संकरण करा कर प्राप्त संतति में लंबे एवं बौने पौधों की गणना की। प्रथम संतति पीढ़ी (F) में कोई पौधा बीच की ऊंचाई का नहीं था। सभी पौधे लंबे थे। दो लक्षणों में से केवल एक पैतृक लक्षण ही दिखाई दिया था लेकिन दूसरी पीढ़ी (F2) में सभी पौधे लंबे नहीं थे बल्कि उनमें से एक चौथाई बौने पौधे थे। इस से स्पष्ट हुआ कि किसी भी लक्षण के दो विकल्प लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न होने वाले जीवों में किसी भी लक्षण के दो विकल्प की स्वतंत्र रूप से वंशानुगति होती है।
प्रश्न 3. एक ‘A’-रुधिर वर्ग वाला पुरुष एक स्त्री जिस का रुधिर वर्ग ‘O’ से विवाह करता है। उनकी पुत्री का रुधिर वर्ग ‘O’ है। क्या यह सूचना पर्याप्त है। यदि आप से कहा जाए कि कौन-सा विकल्प लक्षण-रुधिर वर्ग ‘A’ अथवा ‘O’ प्रभावी लक्षण है। अपने उत्तर का स्पष्टीकरण दीजिए।
उत्तर-‘A’ रुधिर वर्ग प्रभावी और ‘O’ रुधिर वर्ग अप्रभावी लक्षण के हैं। यदि ‘A’ रुधिर वर्ग वाला पुरुष ‘O’ रुधिर वर्ग वाली स्त्री से विवाह करता है तो उनकी संतानों में ‘A’ या ‘0’ रुधिर वर्ग निम्नलिखित आधार पर होंगे-
इस सूचना से यह निश्चित नहीं कर सकते कि कौन-सा रुधिर वर्ग प्रभावी होगा।
प्रश्न 4. मानव में बच्चे का लिंग निर्धारण कैसे होता है?
(H.P. 2007, Dec. 2008, 2009, Set-C, 2013 Set-A, C, 2014 Set-B, 2016 Set-C)
उत्तर-मानवों में लिंग का निर्धारण विशेष लिंग गुण सत्रों के आधार पर होता है। नर में XY गुण सूत्र होते हैं और मादा में XX गुण सूत्र विद्यमान होते हैं। इससे स्पष्ट है कि मादा के पास Y गुण सूत्र होता ही नहीं है। जब नर-मादा के संयोग से संतान उत्पन्न होती है तो मादा किसी भी अवस्था में नर शिशु को उत्पन्न करने में समर्थ हो ही नहीं सकती क्योंकि नर शिशु में XY गुण सूत्र होने चाहिएँ।
निषेचन क्रिया में यदि पुरुष का X लिंग गुण सूत्र स्त्री के X लिंग गुणसूत्र से मिलता है तो इससे XX जोड़ा बनेगा अत: संतान लड़की के रूप में होगी लेकिन जब पुरुष का Y लिंग गुण सूत्र स्त्री के लिंग गुण सूत्र से मिलकर निषेचन करेगा तो XY बनेगा। इससे लड़के का जन्म होगा। किसी भी परिवार में लड़के या लड़की का जन्म पुरुष के गुण सूत्रों पर निर्भर करता है क्योंकि Y गुण सूत्र को तो केवल उसी के पास होता है।
प्रश्न 1. वे कौन-से विभिन्न तरीके हैं जिनके द्वारा विशेष लक्षण वाले व्यष्टि जीवों की संख्या समष्टि में बढ़ सकती है?
उत्तर-यदि जनसंख्या में परिवर्तन उत्पन्न होते हैं और वे परिवर्तन व्यष्टि की सुरक्षा एवं पोषण के प्रति अनुकूल प्रकृतिक अवस्थाएँ उपस्थित करते हैं तो विशेष लक्षण वाले व्यष्टि जीवों की संख्या समष्टि में बढ़ सकती है। प्राकृतिक प्रभेद चयन और आनुवंशिक अनुकूलता इस कार्य में विशेष सहयोग प्रदान करते हैं। प्रश्न 2. एक एकल जीव द्वारा उपार्जित लक्षण सामान्यतः अगली पीढ़ी में वंशानुगत नहीं होते। क्यों?
उत्तर-एक एकल जीव द्वारा उपार्जित लक्षण उसकी जनन कोशिकाओं की जीन पर प्रभाव नहीं डालते इसलिए सामान्यतः अगली पीढ़ी में वंशानुगत नहीं होते।
प्रश्न 3. बाघों की संख्या में कमी आनुवंशिकता के दृष्टिकोण से चिंता का विषय क्यों है?
उत्तर-बाघों में आनुवंशिक विभिन्नता लगभग नहीं के बराबर है। यदि अत्यंत तेजी से बदलती पर्यावरणीय स्थितियों में परिवर्तन नहीं आया तो वे सब नाटकीय रूप से समाप्त हो जाएंगे। उदाहरण के लिए-यदि किसी बाघ में किसी भयानक रोग का संक्रमण हो जाए तो सभी बाघ उसी से मर जाएँगे क्योंकि संक्रमण उन की जीन की आवृत्ति को प्रभावित करेगा। बाघों की निरंतर घटती संख्या भी यही संकेत कर रही है कि पर्यावरण में आया परिवर्तन उनके लिए अनुकूल नहीं रहा है और वे शायद शीघ्र ही समाप्त हो जाएं। प्रश्न–
प्रश्न 1. वे कौन-से कारक हैं जो नई स्पीशीज़ के उद्भव में सहायक हैं?
उत्तर-प्राकृतिक पर्यावरण के लिए उपयोगी और आवश्यक विभिन्नता भौगोलिक रूप से समष्टियों का अलग-थलग होना, विलग हुई समष्टियों में प्राकृतिक चयन और आनुवंशिक विचलन नई स्पीशीज़ के उद्भव में सहायक है।
प्रश्न 2. क्या भौगोलिक पृथक्करण स्वपरागित स्पीशीज़ के पौधों के जाति-उद्भव का प्रमुख कारण होगा? क्यों या क्यों नहीं ?
उत्तर-हाँ, भौगोलिक पृथक्करण स्वपरागित स्पीशीज़ के पौधों की जाति उद्भव का मुख्य कारण होगा। भौगोलिक स्थितियों की विभिन्नता के कारण पौधों में विभिन्नता होती है। दो समष्टि में जीव प्रवाह की कमी के कारण वे दोनों एक-दूसरे के साथ जनन करने में असमर्थ होंगे।
प्रश्न 3. क्या भौगोलिक पृथक्करण अलैंगिक जनन वाले जीवों के जाति-उद्भव का प्रमुख कारक हो सकता है? क्यों अथवा क्यों नहीं?
उत्तर-नहीं। अलैंगिक जनन वाले जीवों में पीढ़ियों तक विभिन्नता उत्पन्न नहीं होती। भौगोलिक पृथक्करण से अनेक पीढ़ियों तक उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि अति न्यून विभिन्नताएँ स्पीशीज़ के लिए पर्याप्त नहीं होंगी।
प्रश्न–
प्रश्न 1. उन अभिलक्षणों का एक उदाहरण दीजिए जिनका उपयोग हम दो स्पीशीज़ के विकासीय संबंध निर्धारण के लिए करते हैं?
उत्तर-पक्षी, मेंढक, छिपकली, घोड़ा और मानव में चार पाद हैं और उन सभी की आधारभूत संरचना एक समान है चाहे वे सब प्राणी इन से अलग-अलग काम लेते हैं। ऐसे समजात अभिलक्षणों से भिन्न दिखाई देने वाली अलग-अलग स्पीशीज़ के बीच विकासीय संबंध का निर्धारण करते हैं।
प्रश्न 2. क्या एक तितली और चमगादड़ के पंखों को समजात अंग कहा जा सकता है? क्यों अथवा क्यों नहीं?
उत्तर-तितली और चमगादड़ दोनों जीवों के पंख उड़ने का काम करते हैं पर इन्हें समजात अंग नहीं कहा जा सकता क्योंकि इन के पंखों की मूल रचना और उत्पत्ति एक समान नहीं होती चाहे इनके कार्य एक समान होते हैं। ये इनके समवृत्ति अंग हैं।
प्रश्न 3. जीवाश्म क्या हैं? वह जैव-विकास प्रक्रम के विषय में क्या दर्शाता है?
(H.P. 2010. Set-C. 2012 Set-C, 2013 Set-B, 2015)
उत्तर-जीवों के चट्टानों में दबे अवशेषों को जीवाश्म कहते हैं। युगों पहले जिन जीवों का अपघटन नहीं हो सका था वे मिट्टी में मिल गए थे। उनके शरीर की छाप गीली मिट्टी पर रह गई थी और वह मिट्टी बाद में चट्टान में बदल गई थी। जीवाश्म पौधों या जंतुओं के अवशेष हैं। जीवाश्म परतदार चट्टानों के निर्माण के समय बने थे। नदियों के द्वारा दूर-दूर से लाई गई मिट्टी इन पर जमती चली गई। जीवाश्म समुद्र में सबसे पहले बने होंगे। लगभग 10 करोड़ वर्ष पहले समुद्र के तल पर अकशेरूकी, जीव मृत्यु के पश्चात् वे रेत के नीचे दब गए होंगे जो दाब के कारण चट्टान बन गई होंगी। कुछ मिलियन वर्ष बाद डायनासॉर और फिर अन्य जीव मर कर मिट्टी में दब गए होंगे जो पहले वाले अकशेरूक जीवाश्म वाली चट्टान के ऊपर बनी थी। अब जब गहराई तक खोदते हैं तो जीवाश्म मिलने आरंभ हो जाते हैं। इन से ज्ञात होता है कि विभिन्न स्पीशीज़ और वर्ग एक-दूसरे के निकटतम या दूर के संबंधी हैं। अनेक जीव, जो पहले थे, अब उन का अस्तित्व नहीं रहा। वर्तमान समय में पाए जाने वाले सभी जीव पहले अस्तित्व में नहीं आए थे।
प्रश्न–
प्रश्न 1. क्या कारण है कि आकृति, आकार, रंग-रूप में इतने भिन्न दिखाई पड़ने वाले मानव एक ही स्पीशीज़ के सदस्य हैं?
उत्तर-विभिन्न स्थानों पर मिलने वाले मानवों की आकृति, आकार, रंग-रूप में भिन्नता वास्तव में आभासी है। इनकी भिन्नता का जैविक आधार तो है पर सभी मानव एक ही स्पीशीज़ के सदस्य हैं। उनमें किसी प्रकार का आनुवंशिक विचलन नहीं है। आनुवंशिक विचलन ही किसी स्पीशीज़ को दूसरे से भिन्न करता है।
प्रश्न 2. विकास के आधार पर क्या आप बता सकते हैं कि जीवाणु, मकड़ी, मछली तथा चिम्पैंजी में किस का शारीरिक अधिकल्प उत्तम है? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-जब पृथ्वी पर जीवन का विकास हुआ था तब जीवाणु सबसे पहले बनने वाले जीव थे। युगों बाद वे अभी भी अपना अस्तित्व कायम रखे हुए हैं। उन्होंने पर्यावरण में आने वाले सभी परिवर्तनों को सफलतापूर्वक झेला है और उनके अनुसार अनुकूलन किया है इसलिए वे विस्तार के आधार पर पूर्ण रूप से सफ़ल और समर्थ हैं। इसी प्रकार मकड़ी, मछली तथा चिम्पैंजी ने भी अपने-अपने जीवन को विपरीत परिस्थितियों में ढालने के लिए अनुकूलन किया है। इसलिए सभी का शारीरिक अधिकल्प उत्तम है। किसी को भी शारीरिक अधिकल्प निकृष्ट नहीं कहा जा सकता।
अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर
प्रश्न 1. मेंडल के एक प्रयोग में लंबे मटर के पौधे जिनके बैंगनी पुष्प थे, का संकरण बौने पौधों जिनके सफ़ेद पुष्य थे, से कराया गया। इनकी संतति के सभी पौधों में पुष्प बैंगनी रंग के थे। परंतु आधे-आधे बौने थे। इससे कहा जा सकता है, लंबे जनक पौधों की आनुवंशिक रचना निम्न थी–
(a) TTWW (b) TTww (c) Tt WW (d) Tt Ww.
उत्तर-(c) TtWW.
प्रश्न 2. समजात अंगों के उदाहरण हैं– (H.P. 2013, Set-A)
(a) हमारा हाथ तथा कुत्ते के अग्रपाद (b) हमारे दाँत तथा हाथी के दाँत
(c) आलू एवं घास के उपरिभूस्तारी (d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-(a) हमारा हाथ तथा कुत्ते के अग्रपाद।
प्रश्न 3. विकासीय दृष्टिकोण से हमारी किस से अधिक समानता है? (H.P. 2012, Set-C)
(a) चीन के विद्यार्थी (b) चिंपैंजी (c) मकड़ी (d) जीवाणु।
उत्तर-(a) चीन के विद्यार्थी।
प्रश्न 4. एक अध्ययन से पता चला कि हल्के रंग की आँखों वाले बच्चे के जनक (माता-पिता) की आँखें भी हल्के रंग की होती हैं। इसके आधार पर क्या हम कह सकते हैं कि आँखों के हल्के रंग का लक्षण प्रभावी हैं अथवा अप्रभावी? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-सभी बच्चों में अपने माता-पिता के लक्षण प्रकट होते हैं। माता-पिता से हल्के रंग की आँखों का बच्चों में आ जाना सहज स्वाभाविक है। इस अवस्था में तो आँखों के हल्के रंग का लक्षण प्रभावी है पर इसे हर बच्चे की अवस्था में प्रभावी नहीं कह सकते। यह अप्रभावी भी हो सकता है।
प्रश्न 5. जैव-विकास तथा वर्गीकरण का अध्ययन आपस में किस प्रकार अंतर्संबंधित है?
उत्तर-जीवों में वर्गीकरण का अध्ययन उन में विद्यमान समानताओं और भेदों के आधार पर किया जाता है। उन में समानता इसलिए प्रकट होती है कि वे किसी समान पूर्वज से उत्पन्न हुए हैं और उन में भिन्नता विभिन्न प्रकार के पर्यावरणों में की जाने वाली अनुकूलता के कारण से है। उनमें बढ़ती जटिलता को जैव विकास के उत्तरोत्तर क्रमिक आधार पर स्थापित कर अंतर्संबंधों का ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है।
प्रश्न 6. समजात अंग एवं समरूप अंगों को उदाहरण देकर समझाइए।
(H.P. 2010, 2012, Set-B, 2014, Set-A)
उत्तर-समजात अंग-पौधों और प्राणियों के वे अंग जिनकी आधारभूत रचना एक समान होती है पर उनके कार्य भिन्न- भिन्न होते हैं, उन्हें समजात अंग कहते हैं। जैसे-पक्षियों के पंख, मनुष्य की भुजाएं, कुत्ते की अगली टांगें। ये सभी अंग रचना के आधार पर एक समान हैं पर इनका जीवों में कार्य अलग-अलग है।
समवृत्त अंग-जीवों के वे अंग जो देखने में एक समान हों, पर उनकी रचना और कार्य भिन्न-भिन्न हों, उन्हें समवृत्ति अंग कहते हैं; जैसे कीटों के पंख, पक्षियों के पंख, चमगादड के पंख। इन सभी जीवों में पंख देखने मंक एक-समान दिखाई देते हैं, परंतु उनकी रचना और कार्य भिन्न हैं।
प्रश्न 7. कुत्ते की खाल का प्रभावी रंग ज्ञात करने के उद्देश्य से एक प्रोजेक्ट बनाइए।
उत्तर-काले रंग के नर और सफ़ेद रंग की मादा के संयोग से उत्पन्न यदि सारे पिल्ले काले रंग के हों तो कुत्ते की खाल का प्रभावी रंग काला ही होगा।
तीन कुत्ते काले और एक कुत्ता सफेद रंग का होगा। यह प्रकट करता कि सफेद रंग प्रभावी है।
प्रश्न 8. विकासीय संबंध स्थापित करने में जीवाश्म का क्या महत्त्व है? (H.P. Dec. 2008)
उत्तर-विकासीय संबंध स्थापित करने में जीवाश्म अति महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। युगों पहले जो जीव ऐसे वातावरण में चले गए थे जहां उनका पूरा अपघटन नहीं हुआ था तो उन के शरीर की छाप चट्टानों पर सुरक्षित रह गई। वे परिरक्षित जीवाश्म ही जीवाश्म कहलाते। हैं। जब जीवाश्मों की खुदाई से प्राप्ति की जाती है तो उनकी प्राप्ति की गहराई से पता लग जाता है कि वह लगभग कितना पुराना है। ‘फॉसिल डेटिंग’ इस काम में सहायक सिद्ध होती है। जो जीवाश्म जितनी अधिक गहराई से प्राप्त होगा वह उतना ही पुराना होगा। लगभग 10 करोड़ वर्ष पहले समुद्र तल में अकशेरुकी जीवों के जो जीवाश्म प्राप्त होते हैं वे सब से पुराने हैं। इस के कुछ मिलियन वर्ष बाद जब डायनोसौर मरे तो उनके जीवाश्म अकशेरुकी जीवों के जीवाश्मों से ऊपरी सतह में बने। इसके कुछ मिलियन वर्ष बाद जब घोड़े के समान जीव जीवाश्मों में बदले तो उन्हें डायनोसौरों के जीवाश्मों से ऊपर स्थान मिला। इसी से उनका विकासीय संबंध स्थापित होता है।
प्रश्न 9. किन प्रमाणों के आधार पर हम कह सकते हैं कि जीवन की उत्पत्ति पदार्थों से हुई है?
उत्तर-एक ब्रिटिश वैज्ञानिक जे० बी० एस० हाल्डेन ने सब से पहली बार सुझाव दिया था कि जीवों की उत्पत्ति उन अजैविक पदार्थों से हुई होगी जो पृथ्वी की उत्पत्ति के समय बने थे। सन् 1953 में स्टेनल एल० मिलर और हेराल्ड सी० डरे ने ऐसे कृत्रिम वातावरण का निर्माण किया था जो प्राचीन वातावरण के समान था। इस वातावरण में ऑक्सीजन नहीं थी। इसमें अमोनिया, मीथेन और हाइड्रोजन सल्फाइड थे। उस में एक पात्र में जल भी था जिस का तापमान 100°C से कम रखा गया था। जब गैसों के मिश्रण से चिंगारियाँ उत्पन्न की गईं जो आकाशीय बिजलियों के समान थीं। मीथेन से 15% कार्बन सरल कार्बनिक यौगिक यौगिकों में बदल गए। इनमें एमीनो अम्ल भी संश्लेषित हुए जो प्रोटीन के अणुओं का निर्माण करते हैं। इसी आधार पर कह सकते हैं कि जीवन की उत्पत्ति अजैविक पदार्थों से हुई है।
प्रश्न 10. अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न विभिन्नताएँ अधिक स्थायी होती हैं, व्याख्या कीजिए। यह लैंगिक प्रजनन करने वाले जीवों के विकास को किस प्रकार प्रभावित करता है?
(H.P. Model p. Paper 2009, 2009, Set-B 2011 Set-B)
उत्तर-अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न विभिन्नताएँ अधिक स्थाई होती हैं। अलैंगिक जनन एक ही जीव से होने के कारण केवल उसी के गुण उसकी संतान में जाते हैं और वे बिना परिवर्तन हुए पीढ़ी दर पीढ़ी समान ही रहते हैं। लैंगिक जनन नर और मादा के युग्मकों के संयोग से होता है जिनमें भिन्न-भिन्न जीन होने के कारण संकरण के समय विभिन्नता वाली संतान उत्पन्न होती है। उदाहरण के लिए सभी मानव युगों पहले अफ्रीका में उत्पन्न हुए थे पर जब उनमें से अनेक ने अफ्रीका छोड़ दिया और धीरे-धीरे सारे संसार में फैल गए तो लैंगिक जनन से उत्पन्न विभिन्नताओं के कारण उनकी त्वचा का रंग, कद, आकार आदि में परिवर्तन आ गया।
प्रश्न 11. संतति में नर एवं मादा जनकों द्वारा आनुवंशिक योगदान में बराबर की भागीदारी किस प्रकार सुनिश्चित की जाती है?
उत्तर-मनुष्य में 23 जोड़े अर्थात् 46 गुण सूत्र पाए जाते हैं। इनमें से 22 जोड़े अलिंगी गुण सूत्र और 23वां जोड़ा लिंगी गुण सूत्र कहलाता है। नर में XY गुण सूत्र और मादा में XX गुण सूत्र होते हैं। प्रजनन कोशिका के निरंतर विभाजन से ही जनन संभव हो पाता है। जब लैंगिक जनन की प्रक्रिया में संतति की रचना होती है तब नर और मादा उसे समान रूप से आनुवंशिक पदार्थ प्रदान करते हैं। इसी कारण संतति में नर और मादा जनकों द्वारा आनुवंशिक योगदान में बराबर की भागीदारी सुनिश्चित की जाती है।
प्रश्न 12. केवल वे विभिन्नताएँ जो किसी एकल जीव व्यष्टि के लिए उपयोगी होती हैं, समष्टि में अपना अस्तित्व बनाए रखती हैं। क्या आप इस कथन से सहमत हैं? क्यों एवं क्यों नहीं?
उत्तर-लैंगिक जनन के परिणामस्वरूप जीव में अनेक प्रकार की विभिन्नताएँ उत्पन्न होती हैं लेकिन वे सारी विभिन्नताएँ अपना अस्तित्व बनाकर नहीं रख पातीं। जीव के सामाजिक व्यवहार के कारण उन विभिन्नताओं में अंतर आ जाता है। यह संभव है कि सामाजिक जीव चींटी के अस्तित्व को उसकी विभिन्नता प्रभावित करे और वह जीवित न रह पाए लेकिन बाघ जैसे प्राणी के अस्तित्व को संभवतः वह प्रभावित न करे और उस का अस्तित्व बना रहे।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
(OTHER IMPORTANT QUESTIONS)
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
(Long Answer Type Questions)
प्रश्न 1. मेंडल के द्वारा मटर के पौधों पर किए गए प्रयोगों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर-मेंडल ने मटर के पौधे के विभिन्न विकल्पी लक्षणों का अध्ययन किया था। उन्होंने उन के बाहरी लक्षणों की ओर विशेष ध्यान दिया था। गोल/झुरींदार बीज, लंबे/बौने पौधे, सफेद/बैंगनी फूल आदि विभिन्न विकल्पी लक्षणों वाले पौधों का चयन कर उनसे पौधे उगाए थे। उन्होंने लंबे पौधे तथा बौने पौधे का संकरण करा कर प्राप्त संतति पीढ़ी में लंबे एवं बौने पौधों की गणना की।
प्रथम संतति अथवा F1 में कोई पौधा बीच की ऊँचाई का नहीं था। सभी पौधे लंबे थे। इसका अर्थ था कि पहली पीढ़ी में दो लक्षणों में से केवल एक पैतक लक्षण ही दिखाई देता है। उन दोनों का मिश्रित प्रभाव दिखाई नहीं देता। मेंडल ने अपने प्रयोगों में दोनों प्रकार के पैतृक पौधों एवं F1 पीढ़ी के पौधों को स्वपरागण द्वारा उगाया। पैतृक पीढ़ी के लंबे पौधों से प्राप्त सभी संतति भी लंबे पौधों की थी। पर F1 पीढ़ी के लंबे पौधों की दूसरी पीढ़ी अर्थात् F2 पीढ़ी के सभी पौधे लंबे नहीं थे। उनमें से एक चौथाई संतति बौने पौधे थे। इससे संकेत मिला कि F1 पौधों द्वारा लंबाई एवं बौनेपन दोनों के विकल्पी लक्षणों की वंशानुगति हुई। केवल लंबाई वाला विकल्प अपने आपको व्यक्त कर पाया। इसलिए किसी भी लक्षण के दो विकल्प लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न होने वाले जीवों में किसी भी लक्षण के दो विकल्प की वंशानुगति होती है।
‘TT’ एवं ‘Tt’ दोनों ही लंबे पौधे हैं, लेकिन ‘tt’ बौने पौधे हैं। ‘T’ एक अकेला विकल्प ही पौधे को लंबा बनाने के लिए पर्याप्त है, जबकि बौनेपन के लिए ‘t’ के दोनों विकल्प ‘t’ ही होने चाहिएं। ‘T’ जैसे विकल्प ‘प्रभावी‘ लक्षण कहलाते हैं जबकि जो लक्षण (Trait) ‘t’ की तरह व्यवहार करते हैं, ‘अप्रभावी‘ कहलाते हैं।
यदि गोल बीज वाले लंबे पौधों का झरींदार बीजों वाले बौने पौधों से संकरण कराया जाए तो F1 पीढ़ी के सभी पौधे लंबे एवं गोल बीज वाले होंगे। इसलिए लंबाई तथा गोल बीज ‘प्रभावी‘ लक्षण हैं। परंतु जब F1 संतति के स्वपरागण से F2 पीढ़ी की संतति प्राप्त होती है। पहले प्रयोग के आधार पर F2 संतति के कुछ पौधे गोल बीज वाले लंबे पौधे होंगे तथा कुछ झुरींदार बीज वाले बौने पौधे। परंतु F2 की संतति के कुछ पौधे नए संयोजन प्रदर्शित करेंगे। उनमें से कुछ पौधे लंबे पर झुरींदार तथा कुछ पौधे बौने पर गोल बीज वाले होंगे। इसलिए लंबे/बौने लक्षण तथा गोल/झुरींदार लक्षण स्वतंत्र रूप से वंशानुगत होते हैं।
ग्रेगर जॉन मेंडल (1828-1884)
मेंडल ने प्रारंभिक शिक्षा एक गिरजाघर से प्राप्त की थी। वह विज्ञान एवं गणित के अध्ययन के लिए वियाना विद्यालय गए। उन्होंने मोनेस्ट्री में मटर को उगाना प्रारंभ किया। उनसे पहले भी अनेक वैज्ञानिकों ने मटर एवं अन्य जीवों के वंशागत गुणों का अध्ययन किया था। मेंडल ने अपने विज्ञान एवं गमितीय ज्ञान को समिश्रित किया। वह पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने प्रत्येक पीढ़ी के एक-एक पौधे द्वारा प्रदर्शित लक्षणों का रिकार्ड रखा तथा गणना की। इससे उन्हें वंशागत नियमों के उत्पादन में सहायता मिली। |
प्रश्न 2. डार्विन के विकास के सिद्धांत की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-चार्ल्स राबर्ट डार्विन (1809-1882) ने निरंतर अनेक वर्ष तक विभिन्न जगहों पर एच० एम० एस० बीगल नामक समुद्री जहाज़ से घूम-घूम कर जीव-जंतओं का अध्ययन करने के पश्चात अपनी प्रसिद्ध पुस्तक ‘The Origin of Species’ में जैव-विकास के सिद्धांतों की प्रतिपादता की थी जिन्हें डार्विनवाद के नाम से जाना जाता है। डार्विन ने अपने मतों को निम्नलिखित आधारों पर स्थापित किया था-
(1) संतान उत्पन्न करने की अपार क्षमता (Enormous Fertility)– संसार में सभी प्राणियों के पास बहुत अधिक संतान उत्पन्न करने की क्षमता होती है। उनमें परिवार वृद्धि की भावना भी विद्यमान होती है।
(II) जीवन-संघर्ष (Struggle for Existence)– सभी प्राणी उत्पन्न होते ही जीवन के लिए संघर्ष करते हैं। वे जीवित रहने के लिए पानी, हवा, भोजन, प्रकाश, सुरक्षित स्थान, तापमान आदि को प्राप्त करना चाहते हैं। अधिक संख्या में उत्पन्न प्राणियों में हर प्राणी अपनी आवश्यकता को पूरा करने के लिए संघर्ष करते हैं। यह संघर्ष तीन प्रकार का होता है-अंतर्जातीय, अंतर-जातीय और वातावरणीय कारकों के बीच। अंतर्जातीय संघर्ष केवल एक ही जाति के प्राणियों के बीच होता है, लेकिन अंतर-जातीय संघर्ष विभिन्न जातियों और प्राणियों के बीच होता है। जीवित रहने के लिए संघर्ष हवा, पानी, दबाव, तापमान आदि के बीच भी चलता है। जो प्राणी इनका विपरीत स्थितियों में सामना नहीं कर पाते, वे मर जाते हैं। जीवन-संघर्ष के लिए अनुकूलन की बहुत आवश्यकता होती है। जो अनुकूलन करने में सफल नहीं हो पाते वे कमज़ोर और असमर्थ होने के कारण नष्ट हो जाते हैं।
(III) नई जातियों की उत्पत्ति (Oricin of New Species)– संसार में सभी प्राणियों में भिन्नता होती है। कोई भी प्राणी पूर्ण रूप से एक जैसा नहीं है। उनको गुणों-अवगुणों के भेद के कारण ही पहचाना जाता है। उपयोगी और श्रेष्ठ गुणों के कारण प्राणी सहजता से रह सकते हैं। प्राणियों के श्रेष्ठ गुण उनमें स्थायी बन जाते हैं। वे एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में चलते हैं। इसी कारण नई जातियों की उत्पत्ति होती है।
(IV) योग्यतम की उत्तर जीविता (Survival of the fittest)-प्राणियों का जीवन संघर्ष निरंतर सारा जीवन चलता रहता है। जो प्राणी वातावरण में रहने के लिए अपने आपको श्रेष्ठ सिद्ध कर लेते हैं, वही रह पाते हैं। जो इस संसार में अपनी रहने योग्य श्रेष्ठता सिद्ध नहीं कर पाते, वे कुछ समय बाद नष्ट हो जाते हैं। वातावरण में वहीं जीवित रह पाता है जो योग्यतम है, इसी को योग्यता की उत्तर जीविता कहते हैं। वातावरण में संघर्ष करते समय प्राणियों के जीवन में कुछ परिवर्तन भी आते हैं। ये परिवर्तन विभिन्नताएँ कहलाती हैं और वे एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी के पास पहुंचती हैं। अगली पीढ़ी के प्राणी पिछली पीढ़ी के प्राणियों की अपेक्षा अपने आप को वातावरण के प्रति अधिक अच्छी तरह ढालने की योग्यता रखते हैं। प्रकृति के प्रति अनुकूलन न करना और इन्हें न झेल कर नष्ट हो जाना प्राकृतिक वरण कहलाता है। प्राकृतिक वरण (Natural Selection) जीवन भर चलता रहता है। विभिन्नताओं की प्राप्ति करने से नई जातियाँ विकास करती हैं।
(V) वातावरण के प्रति अनुकूलन (Adoptation to the environment)-सभी प्राणियों को भिन्न प्रकार के भौतिक वातावरण को झेलना पड़ता है। वे जीवन भर सर्दी-गर्मी, सूखा-बाढ़, भूकंप, तूफान आदि के द्वारा उत्पन्न संकटों का सामना करते हैं। जो प्राणी अपने आप को इनका सामना करने के योग्य बना पाते हैं, वही अपने जीवन संघर्ष में सफल हो पाते हैं। जो प्राणी स्वयं को वातावरण के प्रति अनुकूल नहीं बना पाते वे स्वयं के साथ नष्ट हो जाते हैं।
(VI) विभिन्नताएँ और आनुवंशिकता (Variations and Heredity)-एक जाति और एक ही माता-पिता की संतानों में समानताओं के बावजूद कई तरह के अंतर पाए जाते हैं। कोई भी दो प्राणी पूर्ण रूप से एक जैसे नहीं है। लाभकारी अंतर एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरित हो जाते हैं।
प्रश्न 3. आनुवंशिकी की परिभाषा दीजिए। जीव विज्ञान की इस शाखा में मेंडल के क्या योगदान हैं?
उत्तर-आनुवंशिकी जीव विज्ञान की वह शाखा है जिसके अंतर्गत आनुवंशिकता और विभिन्नताओं का अध्ययन किया जाता है।
मेंडल ने जीव विज्ञान की इस शाखा आनुवंशिकी को अति महत्त्वपूर्ण योगदान दिया था इसीलिए उन्हें आनुवंशिकी का जनक माना जाता है। उन्होंने मटर के दानों पर संकरण के तरह-तरह के प्रयोग किए थे और तीन नियमों को प्रतिपादित किया था।
(I) प्रभाविता का नियम (Law of Dominance) (H.P. 2013. Set-C)-संकरण में भाग लेने वाले पौधों का प्रभावी गुण प्रकट होता है और अप्रभावी गुण छिप जाता है।
(II) पृथक्करण का नियम (Law of Segregation) (H.P. 2013, Set-B) –युग्मकों की रचना के समय कारकों (genes) के जोड़े के कारक अलग-अलग हो जाते हैं। इन दोनों में से केवल एक युग्मक के पास पहुँचता है। दोनों कारक कभी भी एक साथ यग्मक में नहीं जाते।
(III) अपव्यूहन का नियम (Law of Independent Assortment) (H.P. 2013 Set-A)-जीवों के गुण के कारक एक-दूसरे को प्रभावित किए बिना अपने आप उन्मुक्त रूप से युग्मकों में जाते हैं और अपने आप को प्रकट करते हैं। उदाहरण के लिए, द्विसंकर क्रॉस की दूसरी पीढ़ी की संतानों में सभी कारकों के गुण अलग-अलग दिखाई देते हैं पर पहली पीढ़ी में अपने प्रभावी गुण ही प्रकट करते हैं।
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
(Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1. प्राणियों में जनन किस प्रकार की पद्यति से विभिन्नता को अधिक प्रभावित होता है?
उत्तर-प्राणियों में जनन लैंगिक पद्यति के प्रजनन से विभिन्नता अधिक प्रभावित होती है। यद्यपि अलैंगिक जनन से भी विभिन्नताएं प्रभावित होती हैं लेकिन वे बहुत कम होती हैं।
प्रश्न 2. पहली पीढ़ी को वंशागति संतति कौन-सी विभिन्नता प्रदान करती है?
उत्तर-पहली पीढ़ी वंशागति संतति को आधारिक शारीरिक डिझाइन अधिकल्प और कुछ विभिन्नताएं प्रदान करती है।
प्रश्न 3. अलैंगिक जनन में जीव स्तर पर प्राणी की कैसी विविधताएँ उत्पन्न होती हैं?
उत्तर-अलैंगिक जनन में DNA प्रतिकृति न्यून त्रुटियों के कारण उत्पन्न होती हैं। इसमें एक जीवाणु विभाजित होकर दो जीवाणु उत्पन्न करते हैं जिनमें आपस में बहुत अधिक समानताएं होती हैं। दो जीवाणुओं से चार जीवाणु बनते हैं और उनमें व्यष्टि स्तर पर कुछ भिन्नता होती है।
प्रश्न 4. सभी स्पीशीज़ में विभिन्नताओं में अस्तित्व की समान संभावना क्यों नहीं होती?
उत्तर-सभी स्पीशीज़ में विभिन्नताओं में अस्तित्व की समान संभावना नहीं होती। प्रकृति के विभिन्न आधारों के कारण जीवों को अलग-अलग लाभ हो सकते हैं। गर्मी को झेलने की क्षमता वाले जीवाणुओं के अधिक गर्मी में बचे रहने की संभावना अधिक होती है। पर्यावरण उत्तम परिवर्तन (Variants) का जैव विकास प्रक्रम पर प्रभाव डालता है।
प्रश्न 5. जनन प्रक्रम में सबसे महत्त्वपूर्ण परिणाम क्या हैं?
उत्तर-जनन प्रक्रम में सबसे महत्त्वपूर्ण संतति के जीवों के समान प्रारूप होते हैं। आनुवंशिकता के नियम पर आधारित उनमें विभिन्न लक्षण वंशागत होते हैं।
प्रश्न 6. कर्ण पालि के आधार पर मानव में किन दो प्रकार के भेद दिखाई देते हैं?
उत्तर-कर्ण पालि (Ear lobe) के आधार पर मानव में कान की बाह्य रचना दो प्रकार की होती है-स्वतंत्र तथा जुड़े कर्ण पालि। कान के निचले हिस्से को कर्ण पालि (Ear Lobe) कहते हैं। कुछ लोगों में यह सिर के पार्श्व में पूर्ण रूप से जुड़ा होता है पर कुछ में नहीं।
प्रश्न 7. मानवों में लक्षणों की वंशागति किस बात पर आधारित होती है?
उत्तर-मानवों में लक्षणों की वंशागति इस बात पर आधारित होती है कि माता-पिता दोनों अपनी संतान में समान मात्रा में आनुवंशिक पदार्थ को स्थानांतरित करते हैं। संतान का प्रत्येक लक्षण पिता या माता के DNA से प्रभावित होता है।
प्रश्न 8. F1संतति और F2 संतति क्या है?
उत्तर-प्रथम संतति F1 कहलाती है जिसमें माता-पिता के दो लक्षणों में से एक केवल पैतृक लक्षण दिखाई देता है जिसका अर्थ है कि उन दोनों में से केवल एक पैतृक लक्षण ही दिखाई देता है। स्वपरागण की अवस्था में F2 संतति दोनों के विकल्पी लक्षणों को प्रकट करती है।
प्रश्न 9. प्रभावी और अप्रभावी लक्षण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर-जब संतति में माता-पिता में से किसी एक का अकेला विकल्प ही प्रकट हो तो उसे प्रभावी लक्षण कहते हैं। जब दोनों के लक्षण संयोजित हों तो उसे अप्रभावी लक्षण कहते हैं।
प्रश्न 10. जीन लक्षणों को कैसे नियंत्रित करते हैं?
उत्तर-कोशिका में प्रोटीन संश्लेषण के लिए एक सूचना तंत्र होता है, DNA के जिस भाग में प्रोटीन संश्लेषण के लिए सूचना होती है वह प्रोटीन का जीन कहलाता है। जीवों के लक्षण इसी हॉर्मोन पर निर्भर करते हैं। हॉर्मोन की मात्रा उस प्रक्रम की दक्षता पर निर्भर करती है जिसके द्वारा ये उत्पादित होते हैं। यदि विशिष्ट प्रोटीन दक्षता से कार्य करेगी तो हॉर्मोन पर्याप्त मात्रा में उत्पन्न होगा और यदि प्रोटीन की दक्षता पर कुछ भिन्न प्रभाव पड़ता है तो कम दक्षता के कारण हॉर्मोन कम होगा। जीन ही लक्षणों को प्रभावित और नियंत्रित करते हैं।
प्रश्न 11. यदि लाल और हरे रंग के भृंगों को खाने का प्रयत्न करने वाले कौओं को झाड़ियों में हरे रंग के भृंग दिखाई ही नहीं देते तो भृंग संतति पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर-हरी झाड़ियों में हरे भृंग कौओं को दिखाई नहीं देंगे जिस के परिणामस्वरूप वे कौओं का शिकार नहीं बनेंगे जबकि लाल भृंग की संतति लगातार शिकार बनती जाएगी जिस कारण समष्टि में हरे भृंगों की संख्या निरंतर बढ़ती जाएगी।
प्रश्न 12. बहु भुक्षण (Starvation) के कारण यदि किसी प्राणी के भार में अत्यधिक कमी आ जाती है तो क्या उस कारण उसकी अगली पीढी पर इसका कोई विपरीत प्रभाव पडेगा? क्यों?
उत्तर-यदि बहुभुक्षण के कारण किसी प्राणी के भार में अत्यधिक कमी आ जाती है तो उसकी अगली पीढ़ी पर इसका कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि कायिक ऊतकों में होने वाले परिवर्तन लैंगिक कोशिकाओं के DNA में नहीं जा सकते। यह कारण जैव विकास का भाग नहीं बन सकता।
प्रश्न 13. यदि किसी चूहे की पूंछ काट दी जाए और लगातार उसकी संतति की भी पूँछ काट दी जाती रहे तो क्या इससे बिना पूँछ के चूहों की जाति आरंभ हो सकती है?
उत्तर-नहीं, क्योंकि पूँछ काटने से जनन कोशिकाओं की जीन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
प्रश्न 14. जैव विविधता क्या है?
उत्तर-जैव विविधता या जीव भिन्नता पृथ्वी पर पाई जाने वाली विविध प्रकार की उन जैवीय प्रजातियों को कहते हैं जो अपने-अपने प्राकृतिक आवास क्षेत्रों में पाई जाती हैं। इसमें पेड़-पौधे, सूक्ष्म जीव, पशु-पक्षी आदि सभी प्राणी सम्मिलित हैं।
प्रश्न 15. जैव विविधता के विभिन्न स्तर कौन-कौन से हैं?
उत्तर- आनुवंशिक विविधता (Genetic Diversity)
(ii) प्रजाति विविधता (Species Diversity)
(iii) परिस्थितिगत विविधता (Ecosystem Diversity)
प्रश्न 16. आनुवंशिक विविधता क्या है?
उत्तर-अलग-अलग जीन की उपस्थिति के कारण उत्पन्न विविधता को आनुवंशिक विविधता कहते हैं। मनुष्यों में यह विविधता मंगोल, नीग्रो आदि में देखी जा सकती है।
प्रश्न 17. किन प्राणियों में अधिक निकटता का संबंध स्वीकार किया जाता है?
उत्तर-जिन दो स्पीशीज़ में अधिक समान अभिलक्षण होते हैं उनमें अधिक निकटता का संबंध स्वीकार किया जाता है। समान माता-पिता से उत्पन्न भाई और बहन में अधिक निकट का संबंध होता है न कि उनके चचेरे/फुफेरे भाई-बहन का।
प्रश्न 18. भिन्न-भिन्न प्राणियों में आँख की संरचना भिन्न क्यों पाई जाती है?
उत्तर-आंख की संरचना चयन की उपयोगिता के आधार पर होती है, प्राणियों के जटिल अंगों का विकास क्रमिक रूप से हुआ है। यह एक प्रकार का अनुकूलन है। इसकी भिन्नता का कारण विकासीय उत्पत्ति है।
प्रश्न 19. गोभी का रूपांतरण विभिन्न सब्जियों में किस प्रकार हुआ?
उत्तर-दो हज़ार वर्ष पहले से ही मनुष्य जंगली गोभी को एक खाद्य पौधे के रूप में उगाता रहा है तथा उसने चयन द्वारा इससे विभिन्न सब्जियाँ विकसित की। यह प्राकृतिक वरण न होकर कृत्रिम चयन है। कुछ किसान इसकी पत्तियों के बीच की दूरी को कम करना चाहते थे जिससे पत्तागोभी का विकास हुआ। कुछ किसान पुष्पों की वृद्धि रोकना चाहते थे अतः फूलगोभी विकसित हुई। कुछ ने फूले हुए भाग का चयन किया अतः गाँठगोभी विकसित हुई। कुछ ने केवल चौड़ी पत्तियों को ही पसंद किया तथा ‘केल’ नामक सब्जी का विकास किया। यदि मनुष्य ने स्वयं ऐसा नहीं किया होता तो हमें गोभी की विभिन्न किस्में प्राप्त न हुई होतीं।
प्रश्न 20. पक्षियों का विकास डायनोसौर से क्यों माना जाता है?
उत्तर-डायनोसौर सरीसृप थे। उनके विभिन्न जीवाश्मों में अस्थियों के साथ पंखों की छाप भी स्पष्ट रूप से मिलती है। तब शायद वे सब इन पंखों की सहायता से उड़ नहीं पाते होंगे पर बाद में पक्षियों ने पंखों से उड़ना सीख लिया होगा। इसीलिए पक्षियों को डायनोसौर से संबंधित मान लिया जाता है।
प्रश्न 21. आनुवंशिकता क्या है?
उत्तर-सभी जीवधारियों में कुछ ऐसे लक्षण होते हैं जो उन्हें अपने से पहले पीढ़ियों से प्राप्त होते हैं। ये गुण एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाते हैं। एक जीव से दूसरे जीव में पीढ़ी-दर-पीढ़ी लक्षणों का आगे जाना आनुवंशिकता कहलाती है।
प्रश्न 22. उस पादप का नाम लिखें जिस पर मेंडल ने प्रयोग किया था?
उत्तर-मटर।
प्रश्न 23. विविधता क्या है?
उत्तर-समान माता-पिता और एक ही जाति से संबंधित हो कर भी उनके बच्चों में बुद्धिमता, रंग-रूप, शक्ल सूरत और गुणों में अंतर पाया जाता है। इसी को विविधता कहते हैं।
प्रश्न 24. जीन को परिभाषित कीजिए।
उत्तर-जीन आनुवंशिकता की वह अंतिम इकाई है जो पैतृक गुणों को संतानों में स्थानांतरित करती है। ये गुणसूत्रों के विशिष्ट स्थानों पर स्थित DNA की खंड हैं।
प्रश्न 25. डी० एन० ए० का विस्तृत रूप लिखिए।
उत्तर-डीऑक्सीरिबो न्यूक्लिक अम्ल (Deoxyribo Nucleic Acid)।
प्रश्न 26. गुण सूत्र (Chromosome) के कौन-कौन से घटक हैं?
उत्तर-गुण सूत्र DNA से बनी वृत्ताकार संरचनाएं हैं जिनके पास आधारभूत प्रोटीन होते हैं।
प्रश्न 27. रेट्रो वाइरस क्या है?
उत्तर-जिन विषाणुओं या वाइरसों के आनुवंशिक तत्त्व RNA होते हैं, उन्हें रेट्रो वाइरस कहते हैं। AIDS का कारण HIV रेट्रो वाइरस है।
प्रश्न 28. लिंग गुण सूत्र क्या है?
उत्तर-मानवों में कुल 23 जोड़े गुण सूत्र होते हैं जिनमें से अंतिम तेइसवाँ जोड़ा लिंग गुण सूत्र (Sex Chromosome) कहलाता है। इसी के कारण कोई मानव नर या मादा के रूप में जन्म लेता है। नर में XY लिंग गुण सूत्र होते हैं पर सादा में XX लिंग गुण सूत्र होते हैं।
प्रश्न 29. विकास से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-विश्व में जीव-जंतु और पेड़-पौधे इतनी बड़ी विविधता में विद्यमान हैं कि उन सब को पूरी तरह से अब तक पहचाना नहीं जा सका है। लाखों-करोड़ों वर्ष पहले उत्पन्न हुए न जाने कितने जीव-जंतु और पेड़-पौधों का पूर्ण नाश भी हो चुका है। जीवाश्मों से उनमें से कछ का अहसास अवश्य हो सकता है। उस समय के जीव-जंतुओं में धीरे-धीरे परिवर्तन हुए और उन का स्वरूप बदल गया। यह परिवर्तन अभी भी चल रहा है पर इसके धीमे परिवर्तन दर के कारण हम इससे अनजान बने रहते हैं। आने वाले लाखों-करोड़ों वर्ष बाद पृथ्वी पर जीवन का स्वरूप कुछ भिन्न होगा। जैव विकास अत्यंत धीमी गति से होने वाला क्रमिक और निरंतर परिवर्तन है। उसके कारण पुरातन काल के सरल जीव-जंतु और पेड़-पौधे वर्तमान में जटिल रूप प्राप्त कर चुके हैं।
प्रश्न 30. समजात अंग (Homologous Organs) को परिभाषित कीजिए।
(H.P. 2010, Set-C, 2012 Set B, 2014 Set-A, B)
उत्तर-जीव-जंतुओं के वे अंग, जिनकी उत्पत्ति और मूल संरचना में समानता होती है पर समय, परिस्थिति और कार्य के कारण उनकी बाहरी रचना में अंतर आ जाता है, उन्हें समजात अंग कहते हैं।
उदाहरण-पक्षी के पंख, मेंढक की टाँगें, सील के फ्लीपर, चमगादड के पंख, घोड़े की अगली टाँगें और मनाम की बाजू की उत्पत्ति और संरचना समान है पर इनके कार्यों में अंतर है। ये इस बात को प्रमाणित करते हैं कि कभी सभी के पूर्वज एक जैसे ही थे। परिस्थितियों और समय ने उनमें परिवर्तन किए हैं।
प्रश्न 31. मेंडल के कार्य का संक्षिप्त उल्लेख करो।
उत्तर-आस्ट्रिया निवासी मेंडल (1822-1884) ने आनुवंशिकता को नियंत्रित करने के बारे में महत्त्वपूर्ण कार्य किया था। उसने मटर के पौधे के विभिन्न सात गुणों-पौधे की ऊंचाई, फूल का रंग, बीज की आकृति, फूलों की स्थिति, बीज का रंग, फली का प्रकार, फली का रंग के बारे में तुलनात्मक अध्ययन किया था और परिणाम निकाला कि मटर के लक्षण कुछ विशेष इकाइयों द्वारा नियंत्रित होते हैं जिन्हें ‘कारक’ कहते हैं। यही बाद में आनुवंशिक सूचनाओं को संचारित करने वाले ‘जीन’ कहलाए थे।
प्रश्न 32. मेंडल द्वारा किये गये एक संकर संकरण के परिणाम को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-मेंडल ने शुद्ध लम्बे और शुद्ध बौने मटर के पौधों का चयन कर संकरण कराया तथा प्रथम पीढ़ी F1 प्राप्त की। प्रथम पीढ़ी में सभी पौधे लंबे थे। द्वितीय पीढ़ी में लंबे और बौने पौधों का अनुपात लगभग 3 : 1 था।
प्रश्न 33. मेंडल के आनुवंशिकता के प्रबलता के नियम की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-प्रबलता का नियम-जब पौधों के विपरीत लक्षणों के बीच संकरण कराया जाता है जो उनकी संतति में उन लक्षणों में से एक लक्षण ही प्रभावी रहता जबकि दूसरा विपरीत लक्षण अप्रभावी रहता है। प्रभावी लक्षण संतान में दिखाई देता है जबकि अप्रभावी लक्षण विद्यमान होते हुए भी दिखाई नहीं देता।
मेंडल के द्वारा किए गए मटरों के प्रयोग में पहली पीढ़ी में सभी पौधे शुद्ध लंबे थे परंतु दूसरी पीढ़ी में एक शुद्ध लंबा पौधा, दो संकरे लंबे तथा एक शुद्ध बौना पौधा था।
प्रश्न 34. मेंडल के मटर के पौधों पर प्रयोग से क्या परिणाम निकले?
उत्तर-मेंडल के मटर के पौधों पर किए प्रयोग से निम्नलिखित परिणाम निकले-
(1) पौधों में लक्षण कुछ इकाइयों द्वारा नियंत्रित होते हैं। उन्हें कारक कहा जाता है। प्रत्येक लक्षण के लिए युग्मक एक कारक होता है, जैसे लंबाई, फूल का रंग।
(2) एक लक्षण को दो कारकों द्वारा ही व्यक्त किया जाता है, जैसे TT या tt।
प्रश्न 35. युग्मकों की शुद्धता का नियम क्या है?
उत्तर-गुणसूत्रों पर जीन हमेशा जोड़े में विद्यमान होती हैं जैसे TT या tt | युग्मक में ये जीन अलग-अलग हो जाते हैं और अलग हुआ एक जीन एक गुण के लिए बिल्कुल शुद्ध होता है। युग्मक संयोग के बाद युग्मनज में एक जीन पिता से और एक जीन माता से (एक ही गुण वाले) समान जीन एकत्रित हो जाते हैं और ये दोनों जीन एक लक्षण के लिए उत्तरदायी होते हैं। इस नियम को युग्मकों की शुद्धता का नियम कहते हैं।
प्रश्न 36. जीन क्या है? (H.P.2011, Set-B)
उत्तर-जीन आनुवंशिकता की अंतिम इकाई है जिसके द्वारा पैतृक गुण संतानों में स्थानांतरित होते हैं। यह DNA के खंड होते हैं।
प्रश्न 37. जीन कहाँ स्थित होते हैं? इनकी रासायनिक प्रकृति क्या है?
उत्तर-जीन गुणसूत्रों पर स्थित होते हैं। न्यूक्लियोटाइडस का विशिष्ट क्रम इसकी क्रियात्मक विशिष्टता को निर्धारित करता है। जीन को किसी विशेष एंजाइम से काटा जा सकता है और उसे किसी अन्य जीव के जीन के साथ जोड़ा जा सकता है।
प्रश्न 38. भ्रूणीय अध्ययन कैसे विकास का प्रमाण प्रस्तुत करते हैं?
उत्तर-नर और मादा के संयोग के पश्चात् युग्मज (Zygote) की रचना होती है। समय के साथ भ्रूण का विकास होता है और वह अनेक अवस्थाओं से गुज़रता हुआ नई संतान के रूप में परिवर्तित होता है। जन्म से पहले कशेरुकी जंतुओं के भ्रूणों में आश्चर्यजनक समानताएँ पाई जाती हैं, जैसे-
(I) मेंढक का भेकशिशु (Todpol) छोटी-सी मछली के समान पानी पर तैरता दिखाई देता है। उसमें गलफड़ों की दरारों के अतिरिक्त पूंछ भी होती है लेकिन मेंढक और मछली के रूप आकार गुण में समता दिखाई नहीं देती। मछली पानी में ही रहने के लिए अनुकूलित है पर मेंढक जल और स्थल दोनों में रह सकता है।
(II) कबूतर के अंडे में जन्म से पहले बच्चे की पक्षी की तरह चोंच नहीं होती बल्कि सरी सृपों की तरह दाँत सी संरचना होती है पर जन्म के समय उसके मुँह में चोंच ही होती है।
(III) मेंढक, सरीसृप, पक्षी तथा मानव तक के अनेक कशेरुकियों के भ्रूणों में मछलियों की तरह गलफड़ों की दरारें दिखाई देती हैं। पर बाद में वे फेफड़ों में बदल जाते हैं।
अर्नेस्ट हैकल ने ऐसे पर्यवेक्षणों के आधार पर पुनर्वर्तन का सिद्धांत स्थापित किया था। उनके अनुसार उच्चे कशेरुकी जंतुओं का विकास मछली या मछली जैसे समान पूर्वजों से जैव विकास की लंबी प्रक्रिया से हुआ होगा। उनके अनुसार मत्स्य वर्ग से स्तनधारियों का प्रवर्तन हुआ होगा पर इसके बीच अन्य अवस्थाएँ आई होंगी, जैसे-
मत्स्य I उभयचर I सरीसृप I पक्षी I स्तनधारी।
प्रश्न 39. समजात अंग और समरूप अंग में अंतर स्पष्ट कीजिए। (H.P. 2010 Set-A, 2014 Set-C)
उत्तर–
समजात अंग | समरूप अंग |
(i) इन अंगों की मूल रचना और उत्पत्ति एक समान होती है।
(ii) इनके कार्य समान नहीं होते हैं। |
(ii) इन अंगों की मूल रचना और उत्पत्ति एक समान नहीं होती।
(ii) इनके कार्य समान होते हैं। |
प्रश्न 40. समरूप अंगों को उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
(H.P. 2010 Set-C, 2012 Set B, 2014 Set-A, C)
उत्तर-समरूप अंगों में कार्य की समानता होती है लेकिन उनकी उत्पत्ति और मूल संरचना में अंतर होता है। कीड़े, पक्षी और चमगादड़ सभी पँखों का प्रयोग उड़ने के लिए करते हैं पर उनकी उत्पत्ति अलग-अलग ढंग से हुई थी।
प्रश्न 41. अवशेषी अंग (Vestigol Organs) क्या हैं? (H.P. 2011, Set-A)
उत्तर-अनेक प्राणियों में अभी भी अनेक ऐसे अंग पाये जाते हैं जिनकी अब उनके शरीर के लिए कोई उपयोगिता नहीं रह गई है। ऐसे अंगों को अवशेषी अंग कहते हैं। हम मानवों में कर्णपल्लव की पेशियाँ, कृमिरूप परिशेषिका, पुच्छ कशेरुकाएँ, निमेषक पटल और बाल ऐसी ही रचनाएँ हैं।
प्रश्न 42. आप किस आधार पर प्रमाणित करेंगे कि पक्षियों का विकास सरीसृपों से हुआ था?
उत्तर-सरीसृप और पक्षी दोनों अंडे देकर अपना वंश वृद्धि करते हैं। सरीसृप रेंग कर चलते हैं। जीवाश्मों से प्रमाणित हो चुका है कि उनकी अगली दो टाँगें परिवर्तित होकर पक्षियों के पंख बन गए थे। सरीसृपों के मुँह में दाँत होते हैं और पक्षियों की चोंच होती है। कबूतर के जन्म से पहले अंडे की अवस्था में भ्रूण के मुंह में दाँत सी रचना होती है।
प्रश्न 43. आर्कियोप्टेरिक्स को सरीसृप और पक्षी वर्ग के बीच की कड़ी क्यों माना जाता है?
उत्तर-आर्कियोप्टेरिक्स में कुछ विशेषताएँ सरीसृपों जैसी थीं और कुछ पक्षियों जैसी। इसलिए उसे इन दोनों के बीच की कड़ी के रूप में स्वीकार किया जाता है।
(क) सरीसृपों के गुण–
(i) इनकी पूंछ लंबी होती थी।
(ii) जबड़ों में दाँत होते थे।
(iii) लंबे नकीले नाखूनों से यक्त तीन उँगलियाँ होती थीं।
(iv) शरीर छिपकली के समान था।
(ख) पक्षियों के गुण–
(i) शरीर पर पँख होते थे।
(ii) चोंच उपस्थित थी।
(iii) अग्र बाहु पक्षियों की तरह थे।
प्रश्न 44. जैविक विकास के पक्ष में क्या प्रमाण प्रस्तत किए जाते हैं?
उत्तर-(i) जीवाश्म संबंधी प्रमाण
(ii) भ्रौणिकी से विकास के प्रमाण
(iii) जीवों की तुलनात्मक शरीर रचना से विकास के प्रमाण
(iv) जीवों के भौगोलिक वितरण और पृथक्करण से विकास के प्रमाण।
प्रश्न 45. जीवों में विभिन्तायें किस प्रकार उत्पन्न होती हैं?
उत्तर-जीवों में विभिन्नतायें अग्रलिखित कारणों से उत्पन्न होती हैं :
(i) अंतर्निहित प्रवृत्ति : लैंगिक जनन में पैतृरक गुण सूत्र एवं मातृक गुण सूत्र में क्रॉसिंग ऑवर प्रक्रम होता है जिस कारण लैंगिक जनन में विविधता अन्तर्निहित हो जाती है।
(ii) डी० एन० ए० की प्रतिकृति बनाने में त्रुटि या म्यूटेशन : डी० एन० ए० की प्रतिकृति बनाते समय कोई परिवर्तन या त्रुटि सन्तति जीव में बहुत अधिक विविधता उत्पन्न करने के कारण बनती है।
प्रश्न 46. क्या बाद में उत्पन्न हुई स्पीशीज़ अपने से पहली स्पीशीज़ से सदा उत्तम होती है? क्यों?
उत्तर-अपने से पहले की स्पीशीज़ से उत्पन्न बाद की स्पीशीज़ उत्तम ही हो-ऐसा कहना ठीक नहीं हो सकता। प्राकृतिक वरण और आनुवंशिक विचलन ही ऐसा कर सकता है।
प्रश्न 47. मानव विकास का अध्ययन किन आधारों पर किया जाता है?
उत्तर-(i) उत्खनन
(ii) समय निर्धारण
(iii) जीवाश्म अध्ययन
(iv) DNA अनुक्रम का निर्धारण।
प्रश्न 48. हमारे पूर्वजों ने अफ्रीका छोड़ने के बाद कहाँ-कहाँ प्रवास किया होगा और क्यों?
उत्तर-हमारे पूर्वजों में से कुछ ने कुछ हज़ार वर्ष पहले अफ्रीका छोड़ दिया होगा जबकि कुछ वहीं रह गए। वहां के मूल निवासी पूरे अफ्रीका में फैल गए। उत्प्रवासी धीरे-धीरे संसार में फैल गए। अफ्रीका से पश्चिमी एशिया और वहाँ से मध्य एशिया, यूरेशिया, दक्षिणी एशिया तथा पूर्व एशिया में पहुँचे होंगे। वहां से उन्होंने इंडोनेशिया के द्वीपों तथा फिलीपींस से आस्ट्रेलिया तक का सफर किया होगा। वे बेरिंग लैंड ब्रिज को पार करके अमेरिका पहुँचे होंगे। वे मात्र यात्रा के उद्देश्य से सफर नहीं कर रहे थे इसलिए उन्होंने एक ही मार्ग का चुनाव नहीं किया। वे विभिन्न समूहों में विभिन्न दिशाओं में गए। कभी कभी अलग होकर विभिन्न दिशाओं में आगे बढ़ गए। उनका आगे बढ़ने का यह सिलसिला चलता रहा होगा। जैव विकास की यह एक घटना मात्र ही थी। वे अपना जीवन सर्वोत्तम तरीके से जीना का प्रयास कर रहे होंगे जैसा कि मानव अभी भी कर रहा है।
प्रश्न 49. क्या ऐसा मान उचित है कि मानव का विकास चिंपैंजी से हुआ?
उत्तर-नहीं, यह कहना उचित नहीं है। मानव का विकास चिंपैंजी से नहीं हुआ। बहुत समय पूर्व मानव और चिंपैंजी के पूर्वज एक समान थे या एक ही थे। वे पूर्वज न तो मानव के समान थे और चिंपैंजी के। एक ही पूर्वज से आदि मानव और आदि चिंपैंजी का विकास हुआ था। समय और परिस्थितियों के अनुसार आदि मानव से आधुनिक मानव और आदि चिंपैंजी से आधुनिक चिंपैंजी का विकास हुआ।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
(Very Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1. नए जीव किस के द्वारा उत्पन्न होते हैं।
उत्तर-नए जीव जनन प्रक्रमों के द्वारा उत्पन्न होते हैं।
प्रश्न 2. किस प्रकार के प्रजनन में अधिक सफल विभिन्नताएं उत्पन्न होती हैं?
उत्तर-अधिक सफल विभिन्नताएं लैंगिक प्रजनन में उत्पन्न होती हैं।
प्रश्न 3. गन्ने के खेत में अधिक विभिन्नताएं दिखाई देती हैं या मानव समाज में।
उत्तर-मानव समाज में।
प्रश्न 4. संतान को अपनी पहली पीढ़ी से जन्म के साथ ही क्या प्राप्त हो जाता है?
उत्तर-आधारिक शारीरिक अभिकल्प और कुछ विभिन्नताएं।
प्रश्न 5. प्राणी की दूसरी पीढ़ी में क्या विशेषताएं दिखाई देती हैं?
उत्तर-अपने से पहली पीढ़ी से प्राप्त विभिन्नताएं तथा उनसे कुछ नई विभिन्नताएं दूसरी पीढ़ी में दिखाई देता हैं।
प्रश्न 6. अलैंगिक जनन प्राप्त करने वाले जीवों में बहुत कम अंतर क्यों होता है?
उत्तर-DNA प्रतिकृति के समय न्यून त्रुटियों के कारण।
प्रश्न 7. क्या सभी स्पीशीज़ में सभी विभिन्नताओं के अस्तित्व बने रहने की संभावना एक समान होती है?
उत्तर-नहीं। प्रकृति के अनुसार विभिन्नताएं अलग-अलग होंगी।
प्रश्न 8. ऊष्णता को सहन करने की क्षमता वाले जीवाणुओं के बनने की संभावना किस अवस्था में अधिक होगी-अधिक सर्दी में या अधिक गर्मी में?
उत्तर-अधिक गर्मी में।
प्रश्न 9. जैव विकास प्रक्रम का आधार क्या बनता है?
उत्तर-पर्यावरण द्वारा उत्तम परिवर्त (Variants).
प्रश्न 10. जनन प्रक्रम का सबसे महत्त्वपूर्ण परिणाम क्या है?
उत्तर-संतति के जीवों का समान प्रारूप होना।
प्रश्न 11. क्या सभी शिशुओं में मानव के सभी आधारभूत लक्षण होते हैं?
उत्तर-हाँ।
प्रश्न 12. मानव के लक्षणों की वंशागति का नियम किस बात पर आधारित है?
उत्तर-माता और पिता दोनों समान मात्रा में आनुवंशिक पदार्थ अपनी संतान को स्थानांतरित करते हैं।
प्रश्न 13. शिशु के प्रत्येक लक्षण में कितने विकल्प हो सकते हैं?
उत्तर-दो लक्षण, जो अपने पिता या माता के DNA से प्रभावित हो सकते हैं।
प्रश्न 14. मेंडल ने प्रारंभिक शिक्षा कहां से प्राप्त की थी?
उत्तर-एक गिरजाघर से।
प्रश्न 15. मेंडल ने विज्ञान और गणित का अध्ययन कहां किया था?
उत्तर-वियना में।
प्रश्न 16. मेंडल ने किन पौधों के अनेक विकल्पी लक्षणों का अध्ययन किया था?
उत्तर-मटर के पौधों का।
प्रश्न 17. मेंडल ने मटर के पौधों के किन विभिन्न विकल्पी लक्षणों को चयनित किया था?
उत्तर-गोल (झुरींदार, लंबे/बौने पौधे, सफेद/बैंगनी फूल)
प्रश्न 18. मेंडल ने मटर के पौधों को किस प्रकार के परागण से उगाया था?
उत्तर-स्वपरागण से।
प्रश्न 19. मेंडल को पहली पीढ़ी में सभी मटर के पौधे कैसे प्राप्त हुए थे?
उत्तर-मटर के सभी लंबे पौधे।
प्रश्न 20. प्रभावी क्या है?
उत्तर-जीवों में जो विभिन्नता स्पष्ट रूप से दिखाई देती है उसे प्रभावी कहते हैं।
प्रश्न 21. ‘अप्रभावी‘ क्या है?
उत्तर-जीवों में जो विभिन्नता स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देती उसे अप्रभावी कहते हैं।
प्रश्न 22. प्रोटीन संश्लेषण के लिए कोशिका में एक सूचना तंत्र कहां होता है?
उत्तर -कोशिका के DNA में।
प्रश्न 23. प्रोटीन का जीन क्या है?
उत्तर – DNA का वह भाग जिस में किसी प्रोटीन संश्लेषण के लिए सूचना होती है, उसे प्रोटीन का जीन कहते हैं।
प्रश्न 24. पौधों की लंबाई को कौन निर्धारित करता है?
उत्तर -हॉर्मोन की मात्रा।
प्रश्न 25. प्राणियों में लक्षणों (Traits) को कौन नियंत्रित करता है?
उत्तर -जीन।
प्रश्न 26. प्रत्येक कोशिका में गुणसूत्र की कितनी प्रतिकृति होती है?
उत्तर -दो प्रतिकृति। एक नर से तो दूसरी मादा से प्राप्त होती है।
प्रश्न 27. प्रत्येक जोड़े से कितने गुणसूत्र युग्मक में जाते हैं?
उत्तर -केवल एक।
प्रश्न 28. कौन-सा प्राणी अपना लिंग बदल सकता है?
उत्तर-घोंघा।
प्रश्न 29. घोंघे अपना लिंग क्यों बदल सकते हैं?
उत्तर-घोंघे में लिंग निर्धारण आनुवंशिक नहीं होता।
प्रश्न 30. मानव नर और मादा में कितने जोड़े गुण सूत्र होते हैं?
उत्तर-22 जोड़े।
प्रश्न 31. स्त्रियों में कौन-सा लिंग गुणसूत्र होता है?
उत्तर-XX’ गुणसूत्र।
प्रश्न 32. पुरुषों में कौन-सा लिंग गुणसूत्र होता है?
उत्तर-‘XY’ गुणसूत्र।
प्रश्न 33. चाहे लड़का उत्पन्न हो या लड़की, उसे अपनी मां से कौन-सा गुण सूत्र प्राप्त होता है?
उत्तर-‘X’ गुणसूत्र।
प्रश्न 34. बच्चे के लिंग का निर्धारण किस के गुणसूत्र पर निर्भर करता है।
उत्तर-पिता के ‘Y’ गुणसूत्र पर।
प्रश्न 35. यदि कौवें हरी पत्तियों की झाड़ियों में लाल और हरे भृंगों में से हरे भृंग न देख सकें तो परिणाम क्या होगा?
उत्तर-हरे भृंग की संतति लगातार बढ़ती जाएगी और लाल भृंग की संख्या लगातार कम होती जाएगी।
प्रश्न 36. जैव विकास की परिकल्पना का सार क्या है?
उत्तर-किसी समष्टि में कुछ जीन की आवृत्ति पीढ़ियों में बदल जाती है।
प्रश्न 37. लाल-हरे-नीले भृंगों और कौवों में प्राकृतिक चयन किस के द्वारा किया गया?
उत्तर-कौवों के द्वारा।
प्रश्न 38. आनुवंशिक अपवाद का सिद्धांत क्या है?
उत्तर-छोटी समष्टि में दुर्घटनाएं किसी जीन की आवृत्ति को प्रभावित कर सकती हैं जबकि उनका उत्तरजीविता हेतु कोई लाभ न हो।
प्रश्न 39. यदि बहुभुक्षण (Starvation) के कारण भृंगों के भार में कमी आ जाए तो DNA पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर-DNA पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
प्रश्न 40. लैंगिक कोशिकाओं के DNA में कौन-से परिवर्तन नहीं किए जा सकते?
उत्तर-कायिक ऊत्तकों में होने वाले परिवर्तन।
प्रश्न 41. किसी व्यक्ति के जीवन काल में अर्जित अनुभवों को जैव विकास क्यों नहीं कह सकते?
उत्तर-उन का अर्जित अनुभव जनन कोशिकाओं के DNA में कोई अंतर नहीं लाता इसलिए उसे जैव विकास नहीं कह सकते।
प्रश्न 42. किसी चूहे की पूँछ काट देने से क्या उसकी अगली पीढ़ी पूँछ विहीन होगी?
उत्तर-नहीं। क्योंकि इस से उसकी जनन कोशिकाओं के जीन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
प्रश्न 43. चार्ल्स डार्विन ने किस विषय में उस समय किसी व्याप्त दृष्टिकोण को बदल दिया था?
उत्तर-जैव-विविधता के विषय को।
प्रश्न 44. डार्विन ने किस सिद्धांत की परिकल्पना की थी?
उत्तर-प्राकृतिक वरण द्वारा जैव विकास।
प्रश्न 45. डार्विन की प्रसिद्धि का आधार क्या है?
उत्तर-जैव विकासवाद।
प्रश्न 46. डार्विन अपने समकालीन किस के सिद्धांतों से अनभिज्ञ थे?
उत्तर-आंट्रियन ग्रेगर मेंडल के सिद्धांतों से।
प्रश्न 47. किस वैज्ञानिक ने जीवों की सर्वप्रथम उत्पत्ति सरल अकार्बनिक अणुओं से मानी थी?
उत्तर-ब्रिटिश वैज्ञानिक जी० बी० एस० हाल्डेन ने।
प्रश्न 48. किन दो वैज्ञानिकों ने प्रयोगों के आधार पर सिद्ध किया था कि जटिल कार्बनिक अणुओं का संश्लेषण हुआ था जो जीवन के लिए आवश्यक थे?
उत्तर-स्टेनल एल० मिलर तथा हेराल्ड सी० उरे ने।
प्रश्न 49. अभिलक्षण क्या है?
उत्तर-विशेष स्वरूप या विशेष प्रकार्य अभिलक्षण कहलाता है।
प्रश्न 50. अभिलक्षण के दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर-(1) पौधों में प्रकाश संश्लेषण होता है।
(II) हमारे चार पाद होते हैं।
प्रश्न 51. जीवों की आधारभूत इकाई क्या है?
उत्तर-कोशिका।
प्रश्न 52. किस की कोशिका में केंद्रक नहीं होता?
उत्तर-जीवाणु की कोशिका में।
प्रश्न 53. किन स्पीशीज़ के बीच संबंध निकट का होगा?
उत्तर-जिन के अभिलक्षण समान होंगे।
प्रश्न 54. चचेरे/ममेरे भाई बहन से संबंध उतना गहरा नहीं हो सकता जितना सगे भाई-बहन का होता है। क्यों?
उत्तर-भाई-बहन की पहली पीढ़ी में उनके पूर्वज समान हैं लेकिन चचेरे/ममेरे भाई बहन की स्थिति वह नहीं है।
प्रश्न 55. जीवाश्म किसे कहते हैं?
उत्तर-जीवों के चट्टानों में परिरक्षित अवशेष जीवाश्म कहलाते हैं।
प्रश्न 56. जीवाश्मों की पुरातनता किस से ज्ञात होती है?
उत्तर-चट्टानों की पुरातनता, अधिक गहराई और फॉसिल डेटिंग।
प्रश्न 57. आनुवंशिकता किसे कहते हैं? (H.P. 2009, Set-A)
उत्तर-प्राणियों में पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलने वाले पूर्वजों के लक्षणों और गुणों को आनुवंशिकता कहते हैं।
प्रश्न 58. विभिन्नता किसे कहते हैं?
उत्तर-समान माता-पिता और समान जाति होने पर भी संतानों में रंग-रूप, बुद्धिमता, कद आदि में अंतर पाया जाता है। इसी को विभिन्नता कहते हैं।
प्रश्न 59. आनुवंशिकी का जनक कौन है?
(H.P. 2009 Set-C, 2014 Set-A)
उत्तर-ग्रेगर जॉन मेंडल।
प्रश्न 60. आनुवंशिकी की संपूर्ण जानकारी जन्म से पहले किस में छिपी रहती है?
उत्तर-निषेचित अंड में/युग्मनज़ (Zygote) में।
प्रश्न 62. जेनेटिक्स (आनुवंशिकी) का जनक किसे माना जाता है? (H.P. 2009, Set C)
उत्तर-मेंडल।
प्रश्न 63. विश्व को मेंडल के सिद्धांतों की जानकारी कब प्राप्त हुई थी?
उत्तर-मेंडल की मृत्यु के लगभग 16 वर्ष बाद सन् 1900 ई० में।
प्रश्न 64. मेंडल के कारकों (Factors) को अब किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर-जीन (Genes)।
प्रश्न 65. पहली बार जीन नाम किस ने और कब दिया था?
उत्तर-सन् 1909 में जोहन्स्सन (Johanssen) ने।
प्रश्न 66. मेंडल के समय आनुवंशिकी से संबंधित किन दो कारकों का बिल्कुल ज्ञान नहीं था?
उत्तर-गुणसूत्र और DNA.
प्रश्न 67. गुण सूत्र किस प्रकार विद्यमान होते हैं?
उत्तर-गुण सूत्र जोड़ों में विद्यमान होते हैं।
प्रश्न 68. मानव शरीर में कितने जोड़े गुणसूत्र होते हैं? (H.P. 2012, Set-A)
उत्तर-23 जोड़े।
प्रश्न 69. मानव शरीर में लगभग कितनी जीन होती हैं?
उत्तर-30000 से 40000 तक।
प्रश्न 70. जीन कहाँ विद्यमान होती हैं?
उत्तर-जीन गुणसूत्रों पर निश्चित स्थान पर विद्यमान होती हैं।
प्रश्न 71. कुछ वायरसों में आनवंशिकी पदार्थ कौन-सा होता है?
उत्तर-RNA (Ribonucleic acid)
प्रश्न 72. AIDS का वायरस HIV कैसा होता है?
उत्तर-रेट्रो वायरस।
प्रश्न 73. जीन का क्या कार्य होता है?
उत्तर-आनुवंशिक लक्षणों का निर्धारण, नियंत्रण और वहन।
प्रश्न 74. DNA तथा RNA का पूरा नाम लिखिए।
(H.P. 2010, Set-C, 2011, Set-B, 2012 Set-A, 2014 Set-C)
उत्तर-DNA = डी ऑक्सीरिबो न्यूक्लिक अम्ल।
RNA = रिबो न्यूक्लिक अम्ल।
प्रश्न 75. गुणसूत्र की संरचना कैसी होती है?
उत्तर-गुणसूत्र धागों के समान दो सममित क्रोमेटिड से बना होता है। दोनों क्रोमेटिड गुणसूत्र बिंदु के द्वारा आपस में जुड़े होते हैं।
प्रश्न 76. किसी परिवार में लड़कियों का बार-बार उत्पन्न होना कई लोगों की दृष्टि में माँ के कारण होता है। क्या आप इस बात से सहमत हैं?
उत्तर-नहीं। नारी के पास XX लिंग गुणसूत्र होते हैं जब कि नर के पास XY लिंग गुणसूत्र होते हैं। नर संतान को उत्पन्न करने के लिए उसके पास ‘Y’ लिंग गुणसूत्र होता ही नहीं है।
प्रश्न 77. ऑटोसोम्स किसे कहते हैं?
उत्तर-मनुष्य में 23 जोड़े गुणसूत्र होते हैं। लिंग गुणसूत्रों का जोड़ा 23वां होता है। शेष 22 जोड़े ऑटोसोम कहलाते हैं।
प्रश्न 78. सरीसृपों के लिंग निर्धारण पर किस पर्यावरणीय भौतिक कारक का प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-सरीसृपों के लिंग निर्धारण पर तापमान का प्रभाव पड़ता है।
प्रश्न 79. जैव विकास किस प्रकार का परिवर्तन है?
उत्तर-धीमा और क्रमिक परिवर्तन।
प्रश्न 80. समजात अंग किसे कहते हैं? (H.P. 2010, Set -C)
उत्तर-वे अंग जिन की उत्पत्ति और मूल रचना समान हो पर उनके कार्य भिन्न हों।
प्रश्न 81. समवृत्ति अंग किसे कहते हैं? (H.P. 2010, Set-B)
उत्तर-वे अंग जिनके कार्यों में समानता है पर उनकी उत्पत्ति और मूल रचना भिन्न हो।
प्रश्न 82. मानव शरीर में कौन-कौन से अवशेषी अंग हैं?
उत्तर-कर्ण पल्लव की पेशियाँ, कृमि रूप परिशेषिका, पुच्छ कशेरुक, निमेषक पटल।
प्रश्न 83. सरीसृपों और स्तनधारियों के बीच संयोजक कड़ी किसे माना जाता है और क्यों ?
उत्तर-डकबिल्ड प्लैटीपस को सरीसृपों और स्तनधारियों के बीच संयोजक कड़ी माना जाता है क्योंकि ये सरीसृपों की तरह अंडे देते हैं और स्तनधारियों की तरह अपने बच्चों को दूध पिलाते हैं।
प्रश्न 84. बायोजेनेटिक नियम लिखिए।
उत्तर-जीव जंतु भ्रूण-विकास के समय अपने पूर्वजों के जातीय विकास की उत्तरोतर अवस्थाओं को प्रकट करता है। इस नियम को ‘व्यक्ति वृत्त में जातिवृत्त की पुनरावृत्ति’ (Ontogeny Repeats Phylogeny) भी कहते हैं।
प्रश्न 85. विकास का कृत्रिम सिद्धांत क्या है?
उत्तर-नई जातियों का विकास पुरानी जातियों के जीन्स में परिवर्तन से होता है। जीन में परिवर्तन के कारण जीवों के आनुवंशिक लक्षणों में परिवर्तन आ जाते हैं।
प्रश्न 86. जैव विकास का सर्वाधिक स्वीकृत सिद्धांत कौन-सा है?
उत्तर-विकास का कृत्रिम सिद्धांत।
प्रश्न 87. आनुवंशिक इंजीनियरी में कौन-सी क्रिया की जाती है?
उत्तर-DNA या जीन के एक टुकड़े को काटकर किसी दूसरे जीवधारी की DNA के साथ विशिष्ट एंजाइम की सहायता से जोड़ने की क्रिया आनुवंशिक इंजीनियरी में की जाती है।
प्रश्न 88. DNA की संरचना का प्रतिपादन किसने किया था?
उत्तर-जे०डी० वाट्सन तथा एफ०एच०सी० क्रिक ने।
प्रश्न 89. उत्परिवर्तन किसे कहते हैं?
उत्तर-जीवों में अचानक आनुवंशिक परिवर्तन उत्परिवर्तन कहलाते हैं
प्रश्न 90. कछुए में उच्च उष्मायन ताप का क्या परिणाम होता है ?
उत्तर-मादा संतान पैदा होती है।
प्रश्न 91. छिपकली में उच्च उष्मायन ताप का लिंग निर्धारण पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-नर संतान पैदा होती है।
प्रश्न 92. आर्कियोप्टेरिक्स में किन-किन श्रेणियों के लक्षण पाए जाते हैं?
उत्तर-पक्षियों तथा सरीसृप श्रेणी के।
प्रश्न 93. विकास कितने प्रकार का होता है?
उत्तर-प्रणाली तथा पश्चगामी नामक दो प्रकार का।
प्रश्न 94. एलील किसे कहते हैं?
उत्तर-विपरीत लक्षणों से युक्त जोड़े एलील कहलाते हैं।
प्रश्न 95. ‘फॉसिल डेटिंग‘ किसे कहते हैं?
उत्तर-जिस में जीवाश्म में पाए जाने वाले किसी एक तत्त्व के विभिन्न समस्थानिकों के अनुपात के आधार पर जीवाश्म का समय निर्धारित किया जाता है उसे फॉसिल डेटिंग कहते हैं।
प्रश्न 96. प्लैनेरिया नामक चपटे कृमि की आँख क्या है?
उत्तर-वह नेत्र बिंदु है जो प्रकाश को पहचान सकता है।
प्रश्न 97. कितने वर्ष पहले गोभी को खाद्य पौधे की तरह उगाया जाता था?
उत्तर-लगभग दो हज़ार वर्ष पहले।
प्रश्न 98. जंगली गोभी से किन-किन सब्जियों का विकास हुआ?
उत्तर-पत्ता गोभी, फूल गोभी, गाँठ गोभी, केल।
प्रश्न 99. क्या मानव की चिंपाज़ी से उत्पत्ति हुई थी?
उत्तर-नहीं।
प्रश्न 100. विकास क्या है?
उत्तर-विविधताओं की उत्पत्ति और प्राकृतिक चयन द्वारा उसे स्वरूप देना ही विकास है।
प्रश्न 101. क्या मानव को जैव विकास के शिखर पर माना जा सकता है?
उत्तर-नहीं।
प्रश्न 102. आनुवंशिकी को किस का विज्ञान माना जाता है? (H.P. 2009, Set-B)
उत्तर-आनुवंशिकता और विभिन्नता का विज्ञान।
प्रश्न 103. मानव जाति का उदभव स्थान कौन-सा है?
उत्तर-अफ्रीका।
प्रश्न 104. होमोसोपिएंस क्या है?
उत्तर-आधुनिक मानव स्पीशीज़ के प्राचीनतम सदस्य।
प्रश्न 105. मानव का वैज्ञानिक नाम बताइए। (H.P. Model Q. Paper 2009)
उत्तर-होमोसोपिएंस।
बहु-विकल्पी प्रश्नोत्तर
(Multiple Choice Questions)
- पुरुषों में कौन-से गुण-सूत्र होते हैं?
(A) XX (B) XYX
(C) YXY (D)XY.
- ‘प्राकृतिक वरण द्वारा जैव विकास‘ के सिद्धांत की कल्पना की थी?
(A) चार्ल्स डार्विन (B) हाल्डेन
(C) न्यूटन (D) उपरोक्त सभी।
- नर और मादा में कितने जोड़े गुणसूत्र होते हैं?þ
(A) 33 (B) 43
(C) 23 (D) 46.
- मनुष्य ने कितने वर्ष पहले जंगली गोभी को खाद्य पौधे के रूप में उगाना आंरभ किया था?
(A) 20 (B) 200
(C) 2000 (D) 20000.
- जीवाश्म का समय कैसे निर्धारित किया जाता है?
(A) फॉसिल डेटिंग (B) DNA
(C) जीन (D) जैव विकास।
- किसी जीव में लिंग गुणसूत्र के अतिरिक्त अन्य सभी गुणसूत्र की विद्यमानता क्या कहलाती है?
(A) जैव विकास (B) जीवाश्म
(C) ऑटोसोम्स (D) अगुणित।
- उस पादप का नाम बताइए जिस पर मेंडल ने प्रयोग किया था?
(A) गाजर (B) गोभी
(C) मटर (D) उपरोक्त सभी।
- निम्नलिखित में से कौन-सा स्तर जैव विविधता के विभिन्न स्तरों में से एक है।
(A) आनुवंशिक विविधता (B) प्रजाति विविधता
(C) परिस्थितिगत विविधता (D) उपरोक्त सभी।
- मेंडल के प्रयोग में द्वितीय पीढ़ी में लंबे और बौने पौधों का अनुपात क्या था?
(A) लगभग 1 : 2 (B) लगभग 3 : 2
(C) लगभग 3 : 1 (D) लगभग 3:4.
- पौधे की लंबाई को कौन निर्धारित करता है?
(A) जीन की मात्रा (B) गुणसूत्र
(C) हॉर्मोन की मात्रा (D) उपरोक्त कोई नहीं।
- चाहे लड़का उत्पन्न हो या लड़की, उसे अपनी माँ से कौन-सा गुणसूत्र प्राप्त होता है?
(A) X (B) Y
(C) Z (D) A.
- पहली बार ‘जीन‘ नाम कब दिया गया?
(A) 1709 (B) 1809
(C) 1909 (D) 2009.
- कौन-सा प्राणी अपना लिंग बदल सकता है?
(A) घोड़ा (B) गधा
(C) चूहा (D) घोंघा।
- मानव शरीर में लगभग कितने जीन होते हैं?
(A) 10000 से 20000 (B) 20000 से 30000
(C) 30000 से 40000 (D) 40000 से 50000.
- निरीक्षण करने पर हमें किसमें व्यष्टिगत बहुत कम दिखाई देंगी?
(A) मानव (B) गाय
(C) शेर (D) गन्ना।
- लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न जीवों विभिन्नताएँ दिखाई देती हैं–
(A) कम (B) अधिक
(C) बहुत कम (D) शून्य।
- एक जीवाणु के विभाजन से कितने पुत्री जीवाणु उत्पन्न होते हैं?
(A) शून्य (B) एक
(C) दो (D) चार।
- प्रत्येक लक्षण के लिए प्रत्येक संतति में कितने विकल्प हो सकते हैं?
(A) कोई नहीं (B) एक
(C) दो (D) चार।
- मेंडल ने किन पौधों के बीजों पर प्रयोग किए थे?
(A) मकई (B) मटर
(C) गेहूँ (D) चावल।
- मेंडल के प्रयोग में प्रथम संतति में सभी पौधे कैसे थे?
(A) समान लंबे (B) छोटे
(C) बीच की ऊँचाई (D) इनमें से कोई नहीं।
- दूसरी पीढ़ी के कितने प्रतिशत पौधे बौने थे?
(A) 10% (B) 15%
(C) 20% (D) 25%.
- कोशिका के DNA में किसके संश्लेषण के लिए एक सूचना तंत्र होता है?
(A) कार्बोहाइड्रेट (B) वसा
(C) प्रोटीन (D) लवण।
- कौन-से ब्रिटिश वैज्ञानिक बाद में भारतीय हो गए थे?
(A) डार्विन (B) हाल्डेहेराल्ड।
(C) मिलर (D) हेराल्ड।
- विलुप्त स्पीशीज़ के अस्तित्व के बारे में किससे जाना जा सकता है?
(A) जीवाश्म (B) चित्र
(C) रंग (D) आधार।
- जीवाश्मों का समय निर्धारण किस विधि से किया जा सकता है?
(A) एक्सरे (B) एम० आर० आई०
(C) फॉसिल डेटिंग (D) फॉसिल फोटोग्राफी।
- किस चपटे कृमि की आँख अति सरल होती है?
(A) जोंक (B) फीताकृमि
(C) फ्लूक वर्म (D) प्लैनेरिया।
- हम सबका उद्भाव कहाँ हुआ था?
(A) ऐशिया (B) यूरोप
(C) अफ्रीका (D) ऑस्ट्रेलिया।
- विकासीय दृष्टिकोण से हमारी किसमें अधिक समानता है? (H.P. 2012 Set-C)
(A) चीन के विद्यार्थी (B) चिंपैंजी
(C) मकड़ी (D) जीवाणु।
- मानव जीवन में कितने जोड़े गुणसूत्र होते हैं? (H.P. 2012 Set- A)
(A) 16 (B) 18
(C) 46 (D) 23.
- समजात अंग के उदाहरण हैं? (H.P. 2012 Set-A)
(A) हमारा हाथ और कुत्ते का अग्रपाद (B) हमारे दाँत और हाथी के दाँत
(C) दोनों।
- निम्नलिखित में रिक्त स्थानों की पूर्ति करो–
(i) मनुष्य में 23 गुणसूत्र के जोड़ों में से लिंग गुणसूत्रों का जोड़ा ……….. होता है।
(ii) मानव जाति का अद्भव स्थान …….. है।
(ii) वे अंग जिनकी उत्पत्ति और मूल रचना समान हो पर उनके कार्य भिन्न हों उन्हें …….. अंग कहते हैं।
(iv) AIDS का वायरस ………… होता है।
(v) डार्विन ने ………… सिद्धांत की परिकल्पना की थी।
(vi) सन् 1909 में …………. ने पहली बार ‘जीन’ नाम दिया था।
(vii) बच्चों के लिंग का निर्धारण …………. के गुणसूत्र पर निर्भर करता है।
(viii) प्राणियों में लक्षणों को ……… नियंत्रित करते हैं।
(ix) काले रंग के नर और सफेद रंग की मादा कुत्ते के संयोग से उत्पन्न यदि सारे पिल्ले काले रंग के हों
तो कुत्ते की खाल का प्रभावी रंग ………… होगा।
- निम्नलिखित में से सही जोड़े बनाइए–
(i) समजात अंग (i) मटर का पौधा
(ii) गुणसूत्र (ii) 22 जोडे
(iii) मेंडल (ii) चयन की उपयोगिता
(iv) जोहन्स्सन (iv) हमारा हाथ तथा कुत्ते के अग्रपाद
(v) अलिंगी गुणसूत्र (v) कीडे तथा पक्षी के पंख
(vi) आँख की संरचना (vi) 23 जोड़े
(vii) HIV (vii) ब्रिटिश वैज्ञानिक
(viii) समरूप अंग (viii) रेट्रोवायरस
(ix) जी० बी० एम० हाल्डेन (ix) जीन।
- निम्नलिखित में से सही और ग़लत छाँटिए–
(i) डार्विन की प्रसिद्धि का आधार जैव विकासवाद है।
(ii) किसी चूहे की पूँछ काट देने से उसकी अगली पीढ़ी पूँछ विहीन होगी।
(iii) पुरुषों में (XX) लिंग गुणसूत्र होता है।
(iv) मानव का विकास चिंपैंजी से हुआ।
(v) गंने के खेत से अधिक विभिन्नताएँ मानव समाज में दिखाई देती हैं।
(vi) जीवों में जो विभिन्नता स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देती उसे अप्रभावी कहते हैं।
(vii) मेंढक का मेकशिशु छोटी-सी मछली के समान पानी पर तैरता दिखाई देता है।
(viii) समरूप अंगों का कार्य समान नहीं होता।
उत्तर–
- (D) XY 2. (A) चार्ल्स डार्विन 3. (C) 23 4. (C) 2000
- (A) फॉसिल डेटिंग 6. (C) ऑटोसोम्स 7. (C) मटर 8. (D) उपरोक्त सभी
- (C) लगभग 3 : 1 10. (C) हॉर्मोन की मात्रा 11. (A) X 12. (C) 1909
- (D) घोंघा 14. (C) 30000 से 40000 15. (D) गन्ना 16. (B) अधिक,
- (C) दो, 18. (C) दो 19. (B) मटर, 20. (A) समान लंबे,
- (D) 25%, 22. (C) प्रोटीन, 23. (D) हाल्डेन, 24. (A) जीवाश्म,
- (C) फॉसिल डेटिंग, 26. (D) प्लैनेरिया, 27. (C) अफ्रीका।
- (A) चीन के विद्यार्थी 29. (D) 23 जोड़े 30. (A) हमारा हाथ और कुत्ते का अग्रपाद
- (i) 23 वां (ii) अफ्रीका (iii) समजात (iv) HIV रेट्रोवायरस (v) प्राकृतिक वरण द्वारा जैव विकास (vi) जोहन्स्सन (vii) पिता (viii) जीन (ix) काला
- (i)-(iv), (ii)-(vi), (iii)-(i), (iv)-(ix), (v)-(ii), (vi)-(iii), (vii)-(viii), (viii)-(v),
(ix)-(vii)
- (i) ü (ii) x (ii) x (iv) x (v) ü (vi) ü (vii) ü (viii)x.