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हिमाचल में बाइक हादसे में गई थी विंग कमांडर की जान; बुजुर्ग मां ने हार्ले-डेविडसन पर ठोंका करोड़ों का केस
नई दिल्ली/कसौली। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में हुए एक हादसे से जुड़ा तीन साल पुराना मामला एक बार फिर अचानक से चर्चा में आ गया है। दरअसल, हिमाचल के सोलन (Solan) जिले में साल 2017 हुए एक बाइक हादसे में भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) के विंग कमांडर (Wing Commander) की जान चली गई थी। अब हादसे के करीब तीन साल बाद दिवंगत विंग कमांडर की बुजुर्ग मां ने बाइक निर्माता कंपनी हार्ले-डेविडसन (Harley-Davidson) के खिलाफ 1.95 करोड़ का मुकदमा दायर किया है। मृतक विंग कमांडर की मां द्वारा आरोप लगाया गया है कि बाइक के दोषपूर्ण ब्रेकिंग डिजाइन के कारण उन्होंने अपना बेटा और वायु सेना ने एक अफसर खोया है। मृतक की मां द्वारा दायर किए गए वाद पर अब पटियाला हाउस कोर्ट की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुनैना शर्मा ने बाइक निर्माता कंपनी हार्ले-डेविडसन को समन जारी कर जवाब मांगा है।
यहां जानें क्या है पूरा मामला
मृतक विंग कमांडर का नाम सुनील अग्निहोत्री है। जिन्होंने मार्च 2014 में गुरुग्राम स्थित हार्ले-डेविडसन के शोरूम से 41 लाख रुपये कीमत की एक्सजी-750 (स्ट्रीट-750) मॉडल की बाइक खरीदी थी। वर्ष 2017 में हिमाचल प्रदेश के कसौली स्थित एयर फोर्स स्टेशन पर तैनाती के दौरान सुनील 19 मार्च 2017 को बाइक का फ्यूल-कैप ठीक कराने के लिए शहर में जा रहे थे। इस बीच पहाड़ी इलाके में ढलान पर दोषपूर्ण ब्रेकिंग डिजाइन के कारण अचानक बाइक अनियंत्रित हो गई और सुनील तेज रफ्तार से एक पेड़ से टकरा गए। इस दुर्घटना में सुनील को कई जगह चोटें आई और उनकी मौत हो गई। इस संबंध के कसौली के धर्मपुरा थाने में मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद सुनील के परिजनों ने हिमाचल प्रदेश के सोलन जिला अदालत में वाद दायर किया, जिस पर फैसला लंबित है।
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मामले में मृतक का पक्ष रख रहे वकील पुष्पेंद्र ढाका ने बताया कि दोषपूर्ण ब्रेकिंग डिजाइन का यह पहला मामला नहीं है। उन्होंने अदालत के सामने दलील दी कि अमेरिका में भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं और इस संबंध में मिली 43 शिकायतों के आधार पर अमेरिका परिवहन प्राधिकरण ने भी इसकी जांच शुरू की थी। उन्होंने अमेरिका के एक स्थानीय समाचार पत्र का हवाला देते हुए बताया कि हार्ले-डेविडसन ने 19 मई 2015 से छह दिसंबर 2018 तक के बीच 750 मॉडल वाली हजारों बाइकों का उत्पादन बंद किया था और ब्रेक डिजाइन में भी बदलाव किया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत में भी दोषपूर्ण ब्रेकिंग डिजाइन को लेकर 35 बाइक मालिकों ने समय-समय पर शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने ऐसे बाइक मालिकों की सूची भी अदालत में पेश की है। उन्होंने कहा कि सुनील का 1.80 लाख रुपए प्रति माह का वेतन था। ऐसे में मोटर-व्हीकल एक्ट के हिसाब से पांच करोड़ का मुआवजा बनता है, लेकिन सांकेतिक रूप में 1.95 करोड़ के मुआवजे देने की मांग की है।