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#Vocal-for-local:दिव्यांग बच्चों ने बनाएं मोमबत्तियां, लिफाफे और सजावटी दीये
Last Updated on November 8, 2020 by Deepak
हमीरपुर। कोरोना के इस दौर वोकल को लोकल( Vocal for local) से जोड़ने की मुहिम चल रही है। बाहर से सामान खरीदने के बजाय अपने आसपास बनने वाली चीजों को खरीदने के लिए सभी आगे भी आ रहे हैं। त्योहार के सीजन में खास तौर पर दिव्यांग बच्चों( Divyang children) के हाथों से बनी चीजों को खरीदना इस मुहिम को आगे बढ़ाने की दिशा में एक कदम है। ऐसा ही एक प्रयास आज हमीरपुर( Hamirpur)में भी किया गया। दिवाली के उपलक्ष्य पर हमीरपुर की पहचान संस्था ही ओर से गांधी चौक पर विशेष बच्चों द्वारा बनाई गई चीजों की प्रदर्शनी लगाई गई। इस प्रदर्शनी में दिव्यांग बच्चों द्वारा बनाई गई मोमबत्तियां, लिफाफे, शगुन के लिफाफे और सजावटी दीये बेचने के लिए रखे गए थे। वैसे तो संस्था की ओर से दिवाली पर पिछले 6 वर्षों से इन बच्चों की बनाई हुई चीजों के लोगों को बेचा जाता था। लेकिन इस तरह की प्रदर्शनी पहली बार लगाई गई है। इस साल संस्था का मुख्य उद्देश्य लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करना है ताकि लोग कोरोना काल के दौरान लापरवाही ना बरते। पहचान संस्था इन दिव्यांग बच्चों को शिक्षा तो उपलब्ध कराती ही है साथ में उन्हें मोमबत्तियां, लिफाफे, शगुन के लिफाफे और सजावटी दीये बनाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। ताकि बच्चों द्वारा बनाई गई चीजों को बेचकर उन्हें आने वाले समय के लिए आर्थिक रूप से सुदृढ किया जाए।
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संस्था की सदस्य चेतना शर्मा ने बताया कि पहचान संस्था की ओर से आज दिव्यांग बच्चों द्वारा बनाई गई मोमबत्तियां, लिफाफे, शगुन के लिफाफे और सजावटी दीये की प्रदर्शनी लगाई गई है। इस साल संस्था का मुख्य उद्देश्य कोरोना काल में लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करना है ताकि लोग किसी प्रकार की कोई लापरवाही ना बरतें। पिछले 6 बच्चों के हाथों बनी चीजों की बेची जा रही है , तकि इन बच्चों को आर्थिक रूप से लाभ पहुंचाया जा सके।
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