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High Court के आदेशों के खिलाफ फीस व अन्य चार्जेज अदा के लिए मैसेज भेज रहे Private schools
Last Updated on December 5, 2020 by Sintu Kumar
शिमला। छात्र-अभिभावक मंच ( Student-parent forum)ने निजी स्कूलों ( Private schools)की ओर से पूर्ण फीस व सभी तरह की चार्जेज़ वसूली को लेकर अभिभावकों को भेजे जा रहे मोबाइल संदेशों( Mobile messages) को मानसिक प्रताड़ना करार दिया है। मंच ने ऐसे स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। मंच ने चेताया कि अगर सरकार ने इस मसले पर तुरन्त हस्तक्षेप करके निजी स्कूलों की लूट व मनमानी पर रोक न लगाई तो मंच सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगा।
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मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा,सह संयोजक बिंदु जोशी,सदस्य फालमा चौहान व विवेक कश्यप ने हिमाचल उच्च न्यायालय( Himachal High Court)से फीस वसूली के मुद्दे पर हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कहा है कि निजी स्कूल उच्च न्यायालय के निर्णय की गलत व्याख्या करके अभिभावकों की मनमानी लूट कर रहे हैं। निजी स्कूल उच्च न्यायालय की गलत व्याख्या करके उच्च न्यायालय की बदनामी कर रहे हैं। उच्च न्यायालय ने भी अपने आदेश में कहीं भी इस बात का ज़िक्र नहीं किया है कि निजी स्कूल ट्रांसपोर्टेशन चार्जेज़ (Transportation charges)सहित सभी तरह के चार्जेज़ वसूल सकते हैं। उच्च शिक्षा निदेशक ने भी किसी भी अधिसूचना में पूर्ण फीस वसूली का आदेश नहीं दिया है। एक आरटीआई के जबाव में शिक्षा निदेशालय ने साफ किया है कि निजी स्कूल केवल टयूशन फीस वसूल सकते हैं। इसके बावजूद निजी स्कूल हर दिन पूर्ण फीस वसूली को लेकर मोबाइल सन्देश भेजकर अभिभावकों को मानसिक व आर्थिक तौर पर प्रताड़ित कर रहे हैं। पूर्ण फीस जमा न करने वाले छात्रों को ऑनलाइन क्लासेज़( Online classes) से बाहर किया जा रहा है। शिमला शहर जैसी जगहों पर निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की वार्षिक परीक्षाओं के मद्देनजर छात्रों व अभिभावकों को हर रोज़ मोबाइल सन्देश भेजकर,फोन करके व ऑनलाइन कक्षाओं से बाहर करके उन पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है।
विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि अभिभावकों को सरकार व निजी स्कूलों द्वारा हर तरह से लूटा जा रहा है। एक तरफ निजी स्कूल पूर्ण वसूली कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर प्रदेश सरकार इन निजी स्कूलों के साथ पूरी तरह से खड़ी हो गयी है। निजी स्कूलों ने एक भी दिन कक्षाएं नहीं चलाईं फिर भी छात्रों से स्मार्ट क्लास रूम,कंप्यूटर फीस,केयर,मिसलेनियस,एनुअल चार्जेज़ वसूले जा रहे हैं। निजी स्कूलों की लूट का आलम यह है कि छात्र एक भी दिन स्कूल बसों में नहीं बैठे परन्तु सत्र के शुरू में ट्रांसपोर्टेशन चार्जेज़ के नाम पर वसूले गए हज़ारों रुपये के चार्जेज़ न तो फीस में सम्माहित किये गए और न ही उन्हें वापस लौटाया गया। सरकार ने भी अभिभावकों की खुली लूट की है। एचआरटीसी ने छात्रों से जो बस पास के नाम पर मार्च से मई के तीन महीनों के जो तीन हज़ार रुपये वसूले थे,उस राशि को भी अभिभावकों को नही लौटाया गया व सरकार हज़ारों छात्रों से वसूली गयी लाखों रुपये की उस राशि पर कुंडली मार कर बैठी है। सरकार जान बूझ कर मौन है ताकि निजी स्कूलों की मनमानी लूट जारी रहे। उन्होंने सभी अभिभावकों से अपील की है कि वे निजी स्कूलों की लूट को चुनौती दें व पूर्ण फीस वसूली का बहिष्कार करें।