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7 साल के बच्चे का 7 किलो वजन, कुपोषण का ये रूप देखकर कांप उठेगी रूह
अनाज की कीमत वहीं जानता है जिसे एक वक्त की रोटी भी मुश्किल से नसीब होती है ये बात सच है। एक तरफ कुछ लोग अनाज की कदर नहीं जानते तो कहीं ऐसे भी लोग हैं जिनको पेट भरने के लिए पर्याप्त खाना (Enough food) तक नहीं मिल पाता। एक सात साल के बच्चे की ऐसी तस्वीर इन दिनों सामने आई है जिसे देखकर किसी की भी रूह कांप उठे। आप तस्वीर में साफ देख सकते हैं कि ये बच्चा भूखे रहने की वजह से कंकाल जैसे हो चुका है। यमन (Yemen) के रहने वाले इस लड़के का नाम फैयद समीम है। पैरालाइसिस और बुरी तरह कुपोषण के शिकार समीम का वजन सिर्फ 7 किलो है। समीम की हालत बेहद खराब हो गई थी और मुश्किल से ही उसकी जान बच पाई। अब उसे यमन की राजधानी सना के एक हॉस्पिटल में लाया गया है जहां उसका इलाज चल रहा है।
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अल शबीन हॉस्पिटल के कुपोषण वार्ड के सुपरवाइजर डॉक्टर रागेह मोहम्मद ने कहा कि जब समीम को यहां लाया गया तो उसकी जान लगभग जाने ही वाली थी, लेकिन उन्होंनें समय पर उचित कदम उठाकर उसकी जान बचा ली। अब समीम की तबीयत बेहतर हो रही है। डॉक्टर ने बताया कि समीम सेरब्रल पॉल्जी और गंभीर कुपोषण (Severe Malnutrition) का शिकार है। हॉस्पिटल में समीम को भर्ती कराने के लिए समीम के परिवार को टूटी हुई सड़क और विभिन्न चेकप्वाइंट को पार करते हुए 170 किमी का सफर तय करना पड़ा। समीम के इलाज के लिए उसके परिवार के पास पैसे भी नहीं हैं। परिवार इलाज के लिए डोनेशन पर निर्भर है।
स्थानीय हॉस्पिटल के डॉक्टर का कहना है कि देश में कुपोषित बच्चों की संख्या बढ़ रही है। संयुक्त राष्ट्र (United Nations) का मानना है कि यमन दुनिया में सबसे बड़े मानवीय संकट का सामना कर रहा है। यमन में आधिकारिक तौर से अकाल घोषित नहीं किया गया है, लेकिन 6 साल के युद्ध के बाद देश की 80 फीसदी आबादी मदद के भरोसे जी रही है। संयुक्त राष्ट्र की कोशिशों से 2018 के आखिर में राहत कार्य में तेजी आई थी, लेकिन फिर कोरोना पाबंदियों की वजह से इसमें दिक्कतें आ गईं। बाढ़ और अन्य वजहों से भी यमन के हालात खराब हो गए।