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नदी किनारे सोने के खज़ाने की उड़ी अफवाह, बच्चे-बूढ़े-जवान करने लग पड़े खुदाई
छत्तीसगढ़। खुदाई के दौरान सोना या खज़ाना मिलने वालों को भाग्यशाली ही कह सकते हैं। दुनिया (World) में कई ऐसे उदाहरण है जहां लोगों ने अपनी ज़िदगी ही खज़ाने (Treasury)की खोज में खपा दी, लेकिन छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर ज़िला के लोहंडीगुड़ा ब्लॉक (Lohandiguda Block) में इन दिनों बच्चे-बूढ़े और जवान सभी सोने-चांदी (Gold and silver) की खोज में नदी किनारे खुदाई (Digging) में जुटे हुए हैं। इन्हें पुलिस और प्रशासन द्वारा लाख समझाया गया कि यहां कोई खज़ाना नहीं है, लेकिन लोगों के बीच अफवाह (Rumors) फैल चुकी है और लोग लगातार खज़ाना मिलने की आस में खुदाई कर रहे हैं।यह मामला है बस्तर ज़िला के विश्व प्रसिद्ध चित्रकूट जल प्रपात के पास बसे तोतार गांव का। यहां मुगलकालीन चांदी के सिक्के मिले हैं। एक दो सिक्के नहीं करीब 206 चांदी के सिक्के।
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दअरसल जगदलपुर के कुछ व्यवसायी अपनी खेत की नपाई कराने पहुंचे थे। पैमाइश के दौरान निशान बनाने के लिए गड्ढा खोदा गया तो वहां चांदी के सिक्के मिले। व्यवसाइयों ने अच्छे नागरिक का परिचय देते हुए प्रशासन को सूचित किया। अभी ये 206 चांदी के सिक्के राजस्व विभाग के पास ही जमा किए हैं। इस बीच गांव में अफवाह उड़ गई कि यहां सोना भी मिल सकता है। बस फिर क्या था गांव के बच्चे, बूढ़े जवान दो दिनों से नदि के आसपास इस उम्मीद से खुदाई कर रहे हैं कि कहीं कोई खज़ाना हाथ लग जाए। आपको बता दें कि पार्वती नदी के पास राजगढ़, शिवपुरा व गणेशपुरा गांव हैं। अब इन गांव के लोग सिक्कों और खज़ाने की खोज में खुदाई कर रहे हैं। पार्वती नदी के किनारे ही नाना साहब मराठा राजा की समाधि है। इलाके के बुजुर्ग बताते है कि पुराने समय में इस रास्ते से मुगल भी गुजरते थे। इस अफवाह के बाद यहां लोग सूखी पार्वती नदी की खुदाई कर रहे हैं कि शायद उन्हें ही खज़ाना मिल जाए।