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कुल्लू के अखाड़े में कांग्रेस MLA के धरने के बाद Education Minister की बहना का वार
कुल्लू। हिमाचल प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनावों के बाद जिला परिषद, बीडीसी पर काबिज होने के लिए प्रदेश की दो प्रमुख पार्टियों में शह और मात का खेल जारी है। प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी चाहती है कि (Zila Parishad) जिला परिषद, बीडीसी पर उनकी पार्टी से समर्थित प्रत्याशी काबिज हो, तो वहीं कांग्रेस भी अपने दाव पेंच आजमाने में पीछे नहीं रहना चाहती। दोनों पार्टियां जोर आजमाइश में जुटी हुई है। बात करते हैं कुल्लू की तो यहां पर आज जिला परिषद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का चुनाव होना था। आज कोरम पूरा होने के लिए आठ सदस्यों की जरूरत थी, लेकिन पहुंचे सात यानी एक कम। इस पर डीसी ऋचा वर्मा ने अगली तारीख यानी 11 फरवरी निर्धारित कर दी। बस यहीं पर बात बिगड़ी और कुल्लू सदर से (Congress MLA Sundar Thakur) विधायक सुंदर सिंह ठाकुर ने अपने समर्थकों के जिला परिषद ऑफिस के बाहर धरना-प्रदर्शन (Protest) कर दिया। उनका आरोप था कि जिला प्रशासन सरकार के दबाव में काम कर रहा है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रशासन व सरकार के खिलाफ़ जोरदार नारेबाजी की। इस दौरान विधायक की डीसी के साथ थोड़ी नोक-झोक भी हुई, जिसे बाद में बातचीत से सुलटा लिया गया।
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कांग्रेस के बवाल के बाद अब बारी थी बीजेपी की तो बीजेपी की प्रदेश उपाध्यक्ष धनेशवरी ठाकुर (Dhaneshwari Thakur) ने डीसी कुल्लू का पक्ष लेते हुए विधायक पर महिला अधिकारी से दुर्व्यवहार का आरोप लगाया। धनेशवरी का कहना था कि कोरम पूरा ना होने के बाद डीसी ने 11 फरवरी की तारीख सदस्यों को पूछकर निर्धारित की। जिसके बाद जिला परिषद कार्यालय के बाहर कांग्रेस विधायक और कार्यकर्ताओं ने धरना-प्रदर्शन किया। संविधान के तहत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए तिथि निर्धारित करना डीसी का विशेषाधिकार है। जिसमें पंचायती राज एक्ट के अनुसार कार्य कर रहे है। धनेशवरी ठाकुर का तर्क था कि विधायक को महिला अधिकारी के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार नहीं करना चाहिए था और कोई सवाल नहीं करना चाहिए था हम इसका विरोध करते है। याद रहे कि धनेश्वरी ठाकुर (Education Minister Govind Thakur) शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर की बहन हैं।
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इससे पहले, डीसी कुल्लू डॉ ऋचा वर्मा (DC Richa Verma) का कहना था कि जिला परिषद के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के लिए दूसरी बैठक रखी गई थी पहले बैठक 4 फरवरी को रखी थी जिसमे कोई भी सदस्य नहीं आए थे और आज दूसरी बैठक जिसमें केवल सात सदस्यों ने भाग लिया, लेकिन कोरम पूरा नहीं हुआ और कोरम पूरा होने के लिए आठ सदस्य अनिवार्य थे। अब तीसरी बैठक 11 फरवरी को रखी गई है।
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