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अंतिम यात्रा पर क्यों बोला जाता है-राम नाम सत्य है,जान ले इससे जुड़ी ये बात
Last Updated on June 12, 2021 by
अंतिम यात्रा पर जब किसी को ले जाया जाता है तो साथ चल रहे लोग चार अक्षरों पर जोर देते हैं। ये चार अक्षर बेहद महत्व के हैं। आपने भी सुना होगा जब भी किसी का निधन होता है,शव (Dead Body) को अंतिम संस्कार (Last Rites) के लिए ले जाते वक्त रास्ते में साथ चल रहे लोग राम नाम सत्य बोलते जाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि आखिर शव को ले जाते वक्त (Ram Naam satya Hai) राम नाम सत्य है, क्यों बोला जाता है। वर्षों बीत गए पर किसी ने दूसरे से भी नहीं पूछा होगा कि ऐसा क्यों बोलते हैं। आपको पता होना चाहिए कि इस बात का उल्लेख महाभारत के मुख्य पात्र व पांडवों के सबसे बड़े भाई धर्मराज युधिष्ठिर ने एक श्लोक के जरिए किया था।
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अहन्यहनि भूतानि गच्छंति यमममन्दिरम्।
शेषा विभूतिमिच्छंति किमाश्चर्य मतरू परम्।।
कहने का मतलब ये है कि शव को जब अंतिम संस्कार के लिए ले जाते हैं तब कहते हैं राम नाम सत्य है। परंतु घर लौटते ही सभी राम नाम को भूल कर माया मोह में लिप्त हो जाते हैं। मृतक के परिजन ही सबसे पहले मृतक की संपत्ति को संभालने की चिंता में लग जाते हैं। धर्मराज युधिष्ठिर (Dharmaraja Yudhishthira) ने आगे बताया कि नित्य ही प्राणी मरते हैं, लेकिन पीछे छूट गए परिजन सम्पत्ति को ही चाहते हैं इससे बढ़कर क्या आश्चर्य होगा। इसी में बताया गया है कि राम नाम सत्य है, सत्य (Truth) बोलो गत है, बोलने के पीछे मृतक को सुनाना नहीं होता है बल्कि साथ में चल रहे परिजन, मित्र और वहां से गुजरते लोग इस तथ्य से परिचित हो जाएं कि राम का नाम ही सत्य है। जब राम बोलोगे तब ही गति होगी। यानी राम का नाम सर्वोपरि है।