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लापरवाही की ऐसी हद, 32 साल बाद मां तक पहुंचा बेटे का खत
पुराने जमाने में लोग एक-दूसरे को जब खत भेजा करते थे जो बहुत समय बाद पहुंचा करते थे। उस समय तो ये इसलिए होता था क्योंकि सड़कें और दूसरे साधन नहीं होते थे, लेकिन आज के समय में ये सिर्फ लेटलतीफी और लापरवाही की वजह से ही हो सकता है। ऐसा ही कुछ हुआ है ब्रिटेन (Britain) में। यहां के पोस्ट डिपार्टमेंट (British Post Department) ने तो गजब का कारनामा कर दिखाया है। अमेरिका के मिशिगन विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र ने 30 अगस्त, 1989 को ब्रिटेन में रहने वाली अपनी मां को पत्र लिखा था जो करीब 32 साल बाद अब जाकर उन तक पहुंचा है।
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एंड्रयू लेस्ली ने यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन (University of Michigan) में पढ़ाई के दौरान अपने परिवार को खत लिखा था। पत्र में उन्होंने अपनी यूनिवर्सिटी लाइफ के अनुभव को बयां किया था, लेकिन उनके पढ़ाई पूरी करने के बाद भी यह पत्र उनके परिवार तक नहीं पहुंचा। हाल ही में जब उनकी मां को 32 साल पहले बेटे का पत्र लिखा था तो वह खुद चौंक गईं। ऐनी लेस्ली ने डाक विभाग की इस लेटलतीफी पर कमेंट करते हुए कहा, ‘शुक्र है मैंने अपना पता नहीं बदला, वरना पत्र मुझ तक कभी पहुंच ही नहीं पाता। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि आखिर एक लेटर डिलीवर होने में 32 साल कैसे लग सकते हैं’।
ऐनी का बेटा इस वक्त नॉटिंघम में रहता है। वह भी पोस्ट डिपार्टमेंट के इस कारनामे को लेकर हैरान है। ऐनी लेस्ली ने जब इस संबंध में ‘रॉयल मेल’ से संपर्क किया तो उनकी तरफ से जवाब आया कि फिलहाल कुछ भी कहना मुश्किल है कि मेल डिलीवर होने में 32 साल कैसे लग गए। खैर, ये तो सिर्फ एक बच्चे की याद थी लेकिन ये इससे भी बुरा हो सकता था अगर ये किसी तरह की जरूरी सूचना होती।