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राजकीय सम्मान के साथ पैतृक गांव में हुआ शहीद कमल वैद्य का अंतिम संस्कार
Last Updated on July 25, 2021 by Deepak
हमीरपुर। जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा पर एक विस्फोट के दौरान शहीद हुए हमीरपुर के कमल वैद्य का आज उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया। शहीद कमल वैद्य का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव घुमारवी आज सुबह पहुंचा और उसके बार अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया। शहीद के अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है। 27 साल के कमल वैद्य भारतीय सेना की डोगरा रेजिमेंट में तैनात थे। शहीद कमल वैद्य भोरंज उपमंडल की लगमन्वी पंचायत के घुमारवी गांव के रहने वाले थे।
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इससे पहले शनिवार को कमलदेव का पार्थिव शरीर हेलिकाप्टर के माध्यम से लाए जाने की सूचना प्राप्त हुई थी। लेकिन खराब मौसम के कारण हेलिकाप्टर राजौरी से उड़ान नहीं भर पाया था। इस कारण रविवार सुबह शहीद की पार्थिव देह हमीरपुर पहुंची।अक्टूबर में कमलदेव की शादी होने वाली थी जिसकी तैयारियां जारी थी। मदन लाल व विनीता देवी के घर जन्मे कमलदेव वैद्य ने पहली से दसवीं तक की पढ़ाई राजकीय उच्च पाठशाला लुद्दर महादेव व जमा दो की पढ़ाई राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भोरंज से की थी। कमल के पिता मदन लाल दिहाड़ी-मजदूरी का काम करते हैं तथा मां गृहिणी है। बड़े भाई देवेंद्र कुमार ने होटल मैनेजमेंट में डिप्लोमा किया है लेकिन कोरोना महामारी के बाद से घर पर ही है। दो बहनें इंदू व शशि हैं, जिनकी विवाह हो गया है।