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आफत की बारिश से हिमाचल को 800 करोड़ रुपए का नुकसान, 302 लोगों की गई जान
शिमला। हिमाचल (Himachal) में बारिश हर साल आफत बनकर बरसती है। हर साल मौसम की बेरुखी सरकार के खजाने में गहरा डेंट मारती है। इस साल सरकार को अब तक 800 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान (loss) उठाना पड़ चुका है। वहीं, दूसरी ओर अब तक 302 लोगों की मौत की वजह भी बरसात और लैंडस्लाइड (landslide) के कारण हुई हैं।इस दौरान 578 पशुओं की भारी बारिश के कारण जान चली गई है। हिमाचल सरकार ने अपने खजाने में पड़े इस डेंट की रिपोर्ट केंद्र (Center) को भेजेगी। हर साल प्रदेश सरकार इसकी भरपाई के लिये केंद्र सरकार (Modi Government) से आस लगाए बैठी रहती है।
राहत के नाम पर मिलती है थोड़ी रकम
इधर, केंद्र से मदद नहीं मिलने के कारण राज्य के खजाने पर भारी बोझ पड़ता है। प्रदेश सरकार (State government) अपने राज कोष से इन नुकसानों की भरपाई करने में जुटी हुई है। बता दें कि हर साल राज्य सरकार की ओर से नुकसान की रिपोर्ट केंद्र को भेजती है। लेकिन मदद के नाम पर बहुत कम राशि केंद्र की तरफ से दी जाती है। सूखा और ओलावृष्टि के कारण हिमाचल के किसानों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है। प्रदेश सरकार ने नुकसान पर संबंधित विभागों को क्रमश: 3.75करोड़ और 5 करोड़ की राशि जारी की है. सूखे की स्थिति को देखते हुए जल शक्ति विभाग को 25 करोड़ रुपए जारी किए गए है. सूखे और ओलावृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार ने केंद्र से 645 करोड़ रुपए की राहत राशि जारी करने का आग्रह किया है. हालांकि, अभी तक यह राशि नहीं मिल पाई है।
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मातम की तरह बरसती है बारिश
वहीं, बारिश (Rain) प्रदेश में मातम की तरह बरसती है। बीते पांच सालों में मानसून के समय हादसों में मरने वालों का आंकड़ा 1000 से अधिक जा पहुंचा है। साल 2017 में 75, 2018 में 343, 2019 में 307, 2020 में 284 और साल 2021 में अबतक 302 लोगों को बारिश लील चुका है। गंभीर बात यह है कि अभी पूरा अगस्त और सितंबर बाकी है। वहीं, बात अगर नुकसान की करें तो साल दर साल हिमाचल को लगभग 800 करोड़ रुपए का चूना लग जाता है।
केंद्र को जल्द भेजी जाएगी रिपोर्ट
वहीं, इस साल राज्य को हो रहे नुकसान पर राजस्व विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी ओंकार शर्मा ने बताया कि मॉनसून में भारी बारिश के कारण राज्य को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। हालांकि इस बार मौसम विभाग ने मॉनसून के सामान्य रहने का अनुमान लगाया था, लेकिन कुछ स्थानों पर सामान्य से ज्यादा बारिश हुई। जिसके कारण लोगों की जान के साथ आर्थिक नुकसान भी हुआ है। 15 सितंबर तक मॉनसून चलेगी उसके बाद पूरे नुकसान आंकलन कर रिपोर्ट बनाकर केंद्र सरकार को मुवावजे के लिए भेजा जाएगा।
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