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HRTC में चालकों को करना पड़ रहा परिचालकों का काम, कंडक्टर यूनियन ने उठाई ये मांग
मंडी। हिमाचल सरकार एचआरटीसी (HRTC) में लंबे समय से खाली चल रहे परिचालकों के पदों पर भर्ती नहीं कर ही है। इसका खामियाजा निगम के चालकों को उठाना पड़ रहा है। डिपुओं में चालकों को ही परिचालकों की सेवाएं देनी पड़ रही है। जिसके चलते कर्मचारियों में भारी रोष है। वहीं परिवहन विभाग (HRTC) के चालकों व परिचालकों को भारी पेरशानी का भी सामना करना पड़ रहा है। यह बात स्टेट एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन (State HRTC Conductor Union) ने मंडी के भ्यूली में एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन की राज्य स्तरीय बैठक के दौरान कही। मंगलवार को आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता प्रांतीय मुख्य सलाहकार व यूनियन के निर्माता प्यारेलाल कश्यप ने की। बैठक में राज्य स्तरीय पदाधिकारियों कार्यकर्ताओं ने यूनियन के समक्ष अपनी मांगे भी रखी। यूनियन का कहना है कि एचआरटीसी के कई डिपो परिचालकों की कमी से जूझ रहे हैं और निगम प्रबंधन द्वारा चालकों से परिचालक की सेवाएं ली जा रही है। जोकि निगम प्रबंधन का गलत प्रबंधन है जिसे तुरंत प्रभाव से बंद किया जाना चाहिए।
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यूनियन ने मांग उठाई है कि चयन बोर्ड परिचालकों की भर्ती की लिखित परीक्षा का परिणाम (Result) भी जल्द घोषित करे। यूनियन ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि सीटीयू (CTU) की तर्ज पर एचआरटीसी लंबे रूटों पर ऐसी बसों का संचालन करें जिससे निगम की आय में बढ़ोतरी हो और यात्रियों को भी सुविधा का लाभ मिल सके। इस मौके पर एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन मंडी के प्रधान कृष्ण कुमार ने कहा कि यूनियन इन मांगों के बारे में प्रबंधन व सरकार को कई बार अवगत करवा चुकी है, लेकिन उनकी मांगों को अभी तक पूरा नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि यूनियन ने सीएम जयराम ठाकुर से वार्ता का समय मांगा था जो अभी तक उन्हें नहीं दिया गया है जिस कारण परिचालकों में भारी रोष है। उन्होंने कहा कि राज्य स्तरीय बैठक में यूनियन ने आगामी रणनीति तैयार की हैए ताकि सरकार के समक्ष यूनियन की मांगों को पुरजोर तरीके से उठाया जा सके।
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