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कुल्लू दशहरा: शाही अंदाज में निकली भगवान नरसिंह की भव्य जलेब, कल होगा मौहल्ला उत्सव
कुल्लू। हिमाचल में मनाया जा रहा अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा (International Kullu Dussehra) अपने चरम पर है। मंगलवार को उत्सव के पांचवें दिन भगवान नरसिंह (Lord Narasimha) की चौथी जलेब ढोल-नगाड़े व वाद्ययंत्रों के साथ निकाली। मंगलवार को भव्य जलेब यात्रा डीसी कार्यालय जिला अस्पताल तथा कलाकेंद्र होकर शाही अंदाज में निकली। अलौकिक और आकर्षक जलेब में जिला कुल्लू के बाह्य सराज आनी के पांच देवताओं ने हिस्सा लिया।
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इस दौरान देवताओं के देवलुओं के साथ महिलाओं ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया। ढोल-नगाड़ों, करनाल, नरसिंगों व शहनाई की स्वरलहरियों के बीच देवरथों के साथ देवता के सैकड़ों कारकून, हारियानों व देवलू पहाड़ी गीतों पर जमकर नाचे। जलेब (Jaleb) यात्रा में सबसे आगे भगवान नरसिंह की घोड़ी तथा पीछे देवताओं के रथ, भगवान रघुनाथ के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह पालकी में सवार थे। जलेब के माध्यम से ढालपुर में रक्षासूत्र बांधा गया।
भगवान रघुनाथ के दरबार में हाजिरी भरेंगे देवी-देवता
कल यानी बुधवार को ढालपुर में देवी-देवताओं का महाकुंभ अब समाप्ति की ओर है। कल दशहरा उत्सव के छठे दिन मौहल्ला उत्सव का आयोजन किया जाएगा। मौहल्ला उत्सव में दशहरा में आए सभी देवी देवता भगवान रघुनाथ के अस्थायी शिविर में हाजिरी भरेंगे। इसके बाद राजा की चानणी के पास भी जाएंगे। दशहरा में आए हुए सभी देवता बुधवार को अपने शिविरों से बाहर निकलेंगे।दोपहर बाद ढालपुर मैदान ढोल.नगाड़ों की स्वरलहरियों से गूंज उठेगा।
चामुंडा मां पहली बार 27 दिन पैदल सफर कर दशहरा उत्सव में पहुंची
कुल्लू दशहरा में इस बार शिमला के डोडरा क्वार से चामुंडा मां पहली बार उत्सव में हिस्सा लेने पहुंची। मंगलवार दोपहर को चामुंडा मां का रथ 27 दिन की पैदल यात्रा के बाद ढालपुर मैदान में पहुंचा। अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में कुल्लू जिले के देवताओं को आना आम बात है। दशहरा में पहुंचने के बाद माता चामुंडा ने भगवान रघुनाथ के दरबार में हाजिरी भरी। अब यह रथ दशहरा समाप्त होने तक ढालपुर मैदान में ही रहेगा।
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