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कभी अपने दम पर ‘बहन जी’ ने बनायी थी सरकार, आज बचे सिर्फ चार
Last Updated on November 26, 2021 by saroj patrwal
लखनऊ। एक वक्त था जब मायावती (Mayavati) ने पूर्ण बहुमत से विजय पाकर उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सरकार बनायी थी। लेकिन आज पार्टी की हालत यह हो गई है कि बसपा में महज चार विधायक बचे हैं। बसपा विधानमंडल दल के नेता शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने गुरुवार को मायावती को पत्र लिखकर पार्टी को अलविदा कह दिया। जिसे पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
बता दें कि बासपा छोड़ने वाले गुड्डू जमाली पहले विधायक नहीं हैं, बल्कि 75 फीसदी विधायकों ने नीला झंडा छोड़ दिया है। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा के कुल 19 विधायक जीत कर विधानसभा सदन पहुंचे थे, जो अब घटकर महज चार बचे हैं। यूपी में अपना दल और कांग्रेस से भी कम विधायक बसपा के बचे हैं।
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गौरतलब है कि मायावती यूपी की सत्ता के सिंहासन पर चार बार विराजमान हुई। बसपा को राष्ट्रीय पार्टी होने का खिताब दिलाया। लेकिन 2012 में सत्ता से रूखतसी होने के बाद से पार्टी का ग्राफ नीचे गिरना शुरू हुआ तो अभी तक थमने का नाम नहीं लिया। बसपा के गिरते ग्राफ को रोकन के बहन जी ने 2017 से अब तक चार प्रदेश अध्यक्ष बदल दिए। लेकिन ना तो विधायकों की पार्टी से रूकसती का सिलसिला थमा और ना ही 2022 में बसपा फ्रंटफुट पर लड़ाई करते हुए दिखाई दे रही है।
बता दें कि आजमगढ़ की सगड़ी से बसपा विधायक वंदना सिंह के पार्टी छोड़ने के अगले ही दिन बसपा विधानमंडल दल के नेता शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने पार्टी छोड़कर मायावती को तगड़ा झटका दे दिया। आजमगढ़ की मुबारकपुर सीट से विधायक शाह आलम ऊर्फ गुड्डू जमाली को बहन जी ने लालजी वर्मा के पार्टी छोड़ने के बाद विधानमंडल दल का नेता बनाया था, अब माना जा राह है कि गुड्डू जमाली सपा में जा सकते हैं। इस संबंध में जमाली की बात सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से हो चुकी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि वे जल्द ही सपा में शामिल होंगे।
विधायक मुख्तार अंसारी को पार्टी भविष्य में चुनाव ना लड़ाने का ऐलान कर चुकी है। सुखदेव राजभर का निधन हो चुका है जबकि रामवीर उपाध्याय बीजेपी के साथ खड़े हैं। ऐसे में फिलहाल श्याम सुंदर शर्मा, उमाशंकर सिंह, विनय शंकर तिवारी, आजाद अरिमर्दन बसपा के विधायक रह गए हैं। वहीं, कांग्रेस के साथ विधायकों में एक पार्टी छोड़ दी और एक बागी है, जिसके बाद 5 विधायक बचे हैं। अपना दल के यूपी में 9 विधायक हैं। ओमप्रकाश राजभर की पार्टी के चार विधायक हैं। और कांग्रेस के विधानसभा में छह विधायक हैं।