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हिमाचल में करोड़ों रुपए के घोटाले करने वाला पूर्व सचिव गिरफ्तार
Last Updated on January 22, 2022 by saroj patrwal
ऊना। हरोली (Haroli) उपमंडल के तहत पड़ते ईसपुर गांव की कृषि सहकारी सभा के करोड़ों रुपए घोटाले मामले में स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो (State Vigilance and Anti Corruption Bureau) की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट ने गबन के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है। गौरतलब है कि विजिलेंस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (Special Investigation Team) द्वारा गिरफ्तार किए गए 70 वर्षीय बुजुर्ग इसी सहकारी सभा में अपने ही पुत्र से पहले सचिव भी रह चुके हैं। दरअसल 10 अक्तूबर, 2020 को स्टेट विजिलेंस एंड एंटी क्रप्शन ब्यूरो ने ईसपुर कृषि सहकारी सभा में करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आने के बाद जांच शुरू की थी। इस मामले में स्टेट विजिलेंस एंड एंटी क्रप्शन ब्यूरो की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट ने सहकारी सभा के सचिव को मुख्य आरोपी बनाते हुए उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। वहीं, इसी मामले में उसकी गिरफ्तारी भी हुई।
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मामले में खुलासा हुआ था कि सहकारी सभा के सचिव ने फर्जी प्रो-नोट और अन्य दस्तावेज बनाते हुए इस बड़े घोटाले को अंजाम दिया। वहीं, इस मामले में आरोपी सचिव के पिता की भी भूमिका विजिलेंस को संदेहजनक लग रही थी। गौरतलब है कि आरोपी सचिव के पिता इसी सहकारी सभा में अपने पुत्र से पूर्व सचिव भी रह चुके थे, जिसके चलते विजिलेंस का संदेह उन पर गहराता जा रहा था। विजिलेंस ने ऐसे फर्जीवाड़ा घोटाले मामले के संबंध में तमाम दस्तावेज अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू की थी। वहीं, विजिलेंस द्वारा आरोपी सचिव के पिता तिलक राज की लिखाई के नमूने भी जांच के लिए जुटाकर एसएफएसएल जुंगा शिमला (Shimla) भेजे थे।
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लैब (Lab) की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि सहकारी सभा के इस बड़े घोटाले में कर्ज के लिए बनाए गए फर्जी प्रो-नोट मुख्य आरोपी सचिव के पिता ने ही लिखे थे। इतना ही नहीं, इसी मामले में 4.15 लाख रुपए के लोन को गिरफ्तार किए गए बुजुर्ग आरोपी तिलक राज ने 4.15 लाख की बजाय 84.15 लाख रुपए बनाने में भी अपनी अहम भूमिका अदा करते हुए सही राशि 4.15 के आगे 8 लिख कर करीब 80 लाख रुपए का अंतर डाल दिया था। विजिलेंस द्वारा आरंभिक तौर पर भी सहकारी सभा के इस पूर्व सचिव और मुख्य आरोपी के पिता को जांच में शामिल किया गया था, लेकिन उसके इस जांच में सहयोग न करने और स्वच्छ न बताने के चलते उसे गिरफ्तार किया गया है। स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो के डीएसपी (DSP) अनिल मेहता ने मामले की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि ब्यूरो की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट इस मामले की जांच कर रही है।
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