-
Advertisement

इस देश की करेंसी सबसे पावरफुल, यहां के 20 रुपए में हो जाएगी आपकी फुल पार्टी
दुनिया (World) के कई देशों की करेंसी की वैल्यू डॉलर से भी काफी ज्यादा है। अगर भारत (India) की उन करेंसी से तुलना की जाए तो भारत काफी पीछे है। ऐसे में आज बात करते हैं कि दुनिया की सबसे पावरफुल करेंसी किस देश की है और यह करेंसी भारतीय मुद्रा और डॉलर (Dollar) के सामने कहां है। इससे आप अंदाजा लगा पाएंगे कि अगर भारत में ये करेंसी काम में ली जाए तो वहां के लोग कम पैसों में ही जल्दी अमीर हो जाएंगे।
यह भी पढ़ें:भारत में यहां है पाताल लोक, धरती तक कभी नहीं पहुंचती सूरज की एक भी किरण, यह है वजह
इतना ही नहीं, यहां के 20 रुपए में आप फुल पार्टी कर सकते हैं। ऐसे में जानते हैं कि हम किस देश की बात कर रहे हैं और आखिर इस करेंसी की वैल्यू कितनी है। इसके साथ ही जानते हैं जिस तरह भारत (India) में सबसे बड़ी करेंसी 2000 रुपए के रूप में है, वैसे वहां सबसे बड़ा कितने वैल्यू का नोट है। जानते हैं इस करेंसी से जुड़ी खास बातें…
यहां की वैल्यू है सबसे स्ट्रॉन्ग
अगर दुनिया की सबसे स्ट्रॉन्ग करेंसी की वैल्यू बात करें तो कुवैत की करेंसी को वैल्यू के हिसाब से सबसे ज्यादा मजबूत माना जाता है। यहां कुवैती (Kuwait) दीनार चलन में है और अगर भारती की करेंसी से इसकी तुलना करें तो एक कुवैती दीनार की वैल्यू भारत के 253 रुपए के बराबर की है। वहीं, डॉलर से तुलना करे तो एक कुवैती दीनार (Dinnar) 3-29 के बराबर है। यानी यह अमेरिकी डॉलर की वैल्यू से तीन गुना ज्यादा है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह दीनार कितना महंगा है।
क्यों इतनी महंगी है कुवैत करेंसी
कुवैत की करेंसी के ज्यादा पावरफुल (Powerfull) और ज्यादा वैल्यू होने के पीछे कई कारण होते हैं। दरअसल, दुनिया में कुवैत में काफी बड़ा ऑयल रिजर्व है और माना जाता है कि यहां 9 फीसदी ऑयल रिजर्व (Oil Reserve) है। कुवैती दीनार को पहली बार साल 1960 में लांच किया गया था, जब इसे ब्रिटिश साम्राज्य से स्वतंत्रता मिली थी और यह उस समय यह एक पाउंड (Pound) के बराबर था। कुवैत वैसे एक छोटा सा देश है, जो भौगोलिक रूप से इराक और सऊदी अरब (Saudi Arab) के बीच स्थित है।
कुवैत की स्थिर अर्थव्यवस्था भी मुद्रा का मूल्य अधिक होने की एक वजह है। इसके साथ ही यह एक तेल समृद्ध देश है, जिसके पास अपने क्षेत्र में स्थित 9 फीसदी वैश्विक तेल भंडार है। कुवैत तेल निर्यात पर बहुत अधिक निर्भर है जो देश के राजस्व का लगभग 95 फीसदी योगदान देता है। कुवैत प्रति व्यक्ति उच्चे जीडीपी (JDP) वाले देशों की सूची में आठवें स्थान पर है। पर्याप्त तेल उत्पादन ने कुवैत के धन को बढ़ाने और कुवैती दीनार के मूल्य का समर्थन करने में मदद की है, ये ही अहम वजह है कि यहां की करेंसी की वैल्यू ज्यादा है।
हिमाचल और देश-दुनिया के ताजा अपडेट के लिए like करे हिमाचल अभी अभी का facebook page