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हिमाचल: मां-बेटा दोनों किडनी रोग से मजबूर, गरीबी इतनी कि इलाज से भी दूर
हमीरपुर। भगवान जब मुसीबत देता है तो एक साथ ही दे देता है। यदि किसी मां का बेटा बीमार हो तो उसकी रातों की नींद और दिन का चैन उड़ जाता है। मगर मां भी उसी बीमारी से त्रस्त हो जिसे बेटा जूझ रहा है तो हालात और भी खराब हो जाते हैं। उससे बड़ी मुसीबत की पास इलाज करवाने तक को पैसे ना हो। हां, इन्हीं विपरीत परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं रैली जजरी गांव की पंचायत जजरी के रहने वाले मां-बेटा (Mother and son)। इन दोनों को किडनी की गंभीर बीमारी है। 48 वर्षीय मां सुरेशना (sureshna) को खुद को तो किडनी की बीमारी है ही, 16 वर्ष उसका बेटा भी इसी बीमारी को झेल रहा है। गले-गले तक गरीबी है। ऐसे में इस परिवार पर मानो जैसे दुखों का पहाड़ ही टूट पड़ा हो। महिला का पति सुनील (Sunil) दिहाड़ी-मजदूरी करता है। ऐसे में इजाज पर करीब पांच लाख रुपए खर्च आएगा।
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वहीं इस पीड़ित परिवार ने हमीरपुर की डीसी देवश्वेता बनिक (Devshweta Banik) से भी गुहार लगाई है। सबसे बड़ी मुसीबत यह है कि इस परिवार को बीपीएल की सूची में भी शामिल नहीं किया गया है। ऐसे में परिवार को प्रशासन और सरकार के सिवाय कोई आशा की किरण नहीं दिख रही है। उन्होंने समाज से भी मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने अपने पति सुनील कुमार के मोबाइल नंबर 9816180191ए 9882740023 दिए हैं ताकि मदद करने वाला उनसे संपर्क कर सके। पीड़ित महिला ने डीसी देवश्वेता बनिक को बताया है कि वह और उसका बेटा दोनों ही इस बीमारी से जूझ रहे हैं। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण इलाज भी नहीं करवा सकते। बीपीएल में शामिल न होने की वजह से उनका आयुष्मान कार्ड भी नहीं बन पा रहा है।समाजसेवी जगजीत ने बताया कि जैसे ही उन्हें इस परिवार का पता चला तो उन्होंने अपने स्तर पर पीजीआई में इनका इलाज करवाया है। अब डीसी से मिलकर आयुष्मान कार्ड बनाने की गुहार लगाई है।
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