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प्रदेश में एसडीएम अवैध खनन के जुर्माने की रिकवरी के लिए कर सकेंगे माफिया की प्रॉपर्टी नीलाम
शिमला। अब खनन माफिया पर सख्ती से शिकंजा कसा जाएगा। प्रदेश में अवैध खनन का जुर्माना सख्ती से रिकवर करने का प्लान बनाया गया है। इसके लिए अब खनन माफिया की प्रॉपर्टी केस से अटैच की जाएगी। इस संबंध नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने संबंधित जिलों में अवैध खनन के फलस्वरूप किए गए जुर्माने की वसूली के लिए माफिया की संपत्ति को नीलाम करने लिए एसडीएम (SDM) को अधिकृत कर दिया है। अब एनजीटी की ओर से पारित आदेशों के तहत अतिरिक्त मुख्य सचिव विज्ञान एवं पर्यावरण प्रौद्योगिकी प्रबोध सक्सेना (Prabodh Saxena) ने अधिसूचना भी जारी कर दी है।
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इस प्रक्रिया में खनन माफिया की संपत्ति (property of mining mafia) अटैच करने से जिला से संबंधित एसडीएम की ओर से खनन माफिया को एक नोटिस जारी किया जाएगा। वहीं एनजीटी ने विभाग को अलग से राज्य स्तरीय नोडल अकाउंट खोलने के आदेश भी जारी किए हैं। इन खुले हुए खातों में अवैध खनन के दौरान वसूले जाने वाली रकम को जमा किया जाएगा। इसी पैसे से विभाग संबंधित क्षेत्र में हुए अवैध खनन से होने वाले नुकसान की भरपाई करेगा। मगर इसके संरक्षण के लिए संबंधित जिला के एसडीएम को योजना बनाना होगी। यह योजना हिमाचल प्रदेश राज्य उद्योग निगम, बीडीओ (BDO) , पीडब्ल्यूडी और वन विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर बनाई जाएगा। यदि कोई विभाग इसमें कोताही बरतता है तो संबंधित विभाग अधिकारियों को एनजीटी को जवाब देना होगा।
वहीं अवैध खनन की ढुलाई के समय प्रयोग किए जाने वाहनों के जुर्माने की श्रेणी भी एनजीटी की ओर से तय कर दी गई है। इसके तहत जिन वाहनों की शोरूम की कीमत 25 लाख रुपए (25 lakh rupees) है और जिन्हें प्रयोग करते हुए पांच साल से कम का समय हुआ है, उन पर चार लाख तक का जुर्माना किया जाएगा। इसी प्रकार जिन वाहनों की शोरूम की कीमत 25 लाख रुपए है और जिन्हें प्रयोग करते हुए दस साल का समय बीत चुका है उन वाहनों पर तीन लाख जुर्माना किया जाएगा। दस साल पुराने वाहनों पर दो लाख का जुर्माना किया जाएगा। वहीं इसके अतिरिक्त अवैध खनन पर काबू पाने के लिए एनजीटी की ओर से विभागों को भी अधिकृत किया गया है। ये विभाग प्रशासन के साथ मिलकर काम करेंगे। इनमें एसपी, जिला माइनिंग अधिकारी, वन विभाग, जल शक्ति विभाग (Jal Shakti Vibhag) , लोक निर्माण विभाग, उद्योग विकास निगम, ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर अवैध खनन रोकने के लिए अधिकृत होंगे।