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बीजेपी ने काटे मंत्री समेत 11 विधायकों के टिकट, इनमें से छह धूमल गुट के
शिमला। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में चुनावी समर है। कांग्रेस-बीजेपी (Congress-BJP) दोनों ही पार्टियां बहुत संजीदा दिख रही हैं। दोनों पार्टियां फूंक-फूंककर कदम रख रही हैं। कांग्रेस और बीजेपी की तरफ से बहुत मंथन करने के बाद प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा गया है। हालांकि बीजेपी ने दस सीटिंग एमएलए (Ten Sitting MLA) के टिकट काट दिए हैं। उनमें से छह विधायक पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल (Former CM Prem Kumar Dhumal)के खेमे के हैं। स्वयं प्रेम कुमार धूमल भी चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। केवल जयराम ठाकुर पर ही दांव खेला जा रहा है। अब देखना यह है कि बीजेपी की ओर से की गई यह फेरबदल उसके लिए सही रहती है कि नहीं। अब लोगों के जेहन में यह प्रश्न भी कौंध रहा है कि आखिर इनके टिकट क्यों कटे। आखिर इनके टिकट कटने की कोई तो वजह रही होगी। तो जानिए वजह क्या है। यदि हम बिलासपुर के विधायक सुभाष ठाकुर की बात करें तो यह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के गुट के हैं। बीजेपी ने इनका टिकट काट कर जेपी नड्डा (JP Nadda) गुट के ही त्रिलोक जम्वाल को मैदान में उतारा है। त्रिलोक जम्वाल की बात करें तो वह वर्तमान में संगठन मंत्री हैं और साथ में सीएम जयराम ठाकुर के राजनीतिक सलाहकार भी हैं। संगठन में इनकी पैठ के चलते ही टिकट के लिए इनका नाम शीर्ष पर चल रहा था। यही कारण है कि इनको चुनावी मैदान में उतारा गया है।
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यदि हम करसोग के विधायक हीरालाल (Heera Lal) की बात करें तो वह पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल गुट के आदमी हैं और उनके खास चहेते हैं। बताया जा रहा है कि इनकी टिकट कटने की वजह पार्टी की ओर से करवाए गए तीन सर्वे हैं। इस सर्वे में ये पिछड़ रहे थे। इसलिए ही पार्टी ने इनका टिकट काटकर दीपराज कपूर (Deepraj Kapoor) को चुनावी मैदान में उतारा है। हीरालाल के खिलाफ एंटी इनकमबेंसी को खत्म करने के लिए पार्टी ने उनका टिकट बदला है। उधर बीजेपी ने आनी के सीटिंग विधायक किशोरी लाल (Kishori Lal) का भी टिकट काट दिया है। उनकी जगह इस बार नए प्रत्याशी पर भरोसा जताया है। वहीं इनका टिकट भी एंटी इनकमबेंसी की वजह से काटा गया है। अब इनकी जगह पर लोकेंद्र कुमार को टिकट दिया गया है। हालांकि किशोरी लाल का संबंध किसी भी गुट से नहीं था। इनके सीएम जयराम ठाकुर, प्रेम कुमार धूमल और जेपी नड्डा के साथ भी अच्छे संबंध थे। मगर लोकेंद्र कुमार (Lokendra Kumar) की जनता में अच्छी पैठ है। इसी वजह से पार्टी ने उन्हें टिकट दिया है।
वहीं द्रंग से जवाहर ठाकुर (Jawahar Thakur) का टिकट काटकर बीजेपी ने पूर्णचंद ठाकुर (Pooranchand Thakur) को टिकट दिया है। जवाहर ठाकुर भी धूमल खेमे के हैं। पूर्ण चंद ने वर्ष 2017 निर्दलीय चुनाव लड़ा था। हालांकि उस समय वह हार तो जरूर गए थे, मगर उन्होंने अच्छे वोट लिए थे। वहीं कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी कौल सिंह ठाकुर (Kaul Singh Thakur) की रणनीति को भी पूर्ण चंद ठाकुर भलिभांति जानते हैं। यही कारण है कि बीजेपी ने सीटिंग विधायक का टिकट काटकर इन पर भरोसा जताया है। वहीं सरकाघाट से कर्नल इंद्र सिंह का टिकट कटने की वजह एंटी इनकमबेंसी को माना जा रहा है। टिकट देने से पहले बीजेपी ने तीन सर्वे करवाए थे। इन तीनों सर्वे में इंद्र सिंह के पिछड़ने का दावा किया जा रहा है। बीजेपी ने इनके स्थान पर दलीप ठाकुर को टिकट देकर भरोसा जताया है। कर्नल इंद्र सिंह भी धूमल खेमे के खास माने जाते हैं।
भोरंज से कमलेश कुमारी का टिकट काटकर डॉ अनिल धीमान पर जताया भरोसा
भोरंज से कमलेश कुमारी (Kamlesh Kumari) का भी टिकट काट दिया गया है। उनका भी 2017 तक धूमल खेमे से संबंध माना जाता था। यहां तक उनके कार्यकाल में इस बारे में स्थानीय बीजेपी नेता सवाल भी उठाते रहे हैं। कई तरह के आरोप भी लगाए जाते रहे हैं। यही कारण है कि सीटिंग एमएलए का टिकट बदलकर पूर्व शिक्षा मंत्री आईडी धीमान के बेटे एवं पूर्व विधायक डॉ अनिल धीमान (Dr. Anil Dhiman) पर भरोसा जताया गया है। इसी के साथ ज्वाली से अर्जुन सिंह का टिकट भी कट गया है। इनके टिकट कटने की मुख्य वजह भी एंटी इनकमबेंसी (Anti Incumbency) ही बताया जा रहा है। बीजेपी ने ज्वाली में भी तीन सर्वे करवाए थे। इन सर्वे में इनकी परफार्मेंस सामान्य बताई गई। इसलिए ही बीजेपी ने इनकी जगह संजय गुलेरिया को टिकट दिया है। हालांकि सूत्रों की मानें तो अर्जुन सिंह और संजय गुलेरिया में ज्यादा अंतर नहीं था। वहीं
धर्मशाला से विशाल नैहरिया सर्वे में पाए गए पिछड़े, अब राकेश चौधरी पर भरोसा
धर्मशाला से विशाल नैहरिया का टिकट भी काटा गया है। विशाल नैहरिया (Vishal Naihariya) को जयराम ठाकुर के गुट का माना जाता है। वर्ष 2019 के उपचुनाव में जयराम ठाकुर ही इन्हें आगे लेकर आए थे। मगर पारिवारिक विवाद के चलते माहौल इनके खिलाफ बनता चला गया। जब पार्टी ने सर्वे करवाया तो इनका नाम भी पिछड़ गया। जयराम ठाकुर ने इनकी जगह राकेश चौधरी को टिकट दिया है। भरमौर (Bharmour) से जियालाल का टिकट भी कट गया है। यह भी धूमल गुट के ही माने जाते हैं। बीजेपी ने इनके टिकट कटने की वजह भी इनकमबेंसी को ही बताया है। उनकी जगह आईजीएमसी शिमला के पूर्व एमएस डॉ जनक राज को टिकट दिया गया है। डॉ जनकराज (Dr. Janak Raj) सीएम जयराम ठाकुर के करीबी हैं। वह मशहूर न्यूरो सर्जन हैं। उधर चंबा से पवन नैय्यर का भी टिकट कट गया है। वह भी प्रेम कुमार धूमल गुट के ही माने जाते हैं। बीजेपी ने इनका टिकट भी इनकमबेंसी को कम करने की वजह से काटा है। इनकी जगह इंदिरा को को प्रत्याशी बनाया गया है। पार्टी के सर्वे में पवन नैय्यर भी पिछड़े हुए पाए गए।
बीजेपी ने दो मंत्रियों की सीटें बदलीं, इस बार सुरेश भारद्वाज कुसुम्पटी से लड़ेंगे चुनाव
इसी के साथ बीजेपी ने दो मंत्रियों की सीट भी बदल दी है। इनमें से शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज को शिमला शहरी की बजाय कुसुम्पटी से प्रत्याशी बनाया गया है। उनकी जगह शिमला शहरी संजय सूद को टिकट मिली है। वहीं नूरपुर के विधायक, वन मंत्री एवं बीजेपी के फायर ब्रांड नेता राकेश पठानिया का चुनाव क्षेत्र भी बदल दिया गया है। राकेश पठानिया को नूरपुर से टिकट ना देकर फतेहपुर से मैदान में उतारा गया है। यहां उनका मुकाबला कांग्रेस के सीटिंग विधायक भवानी सिंह पठानिया से होगा। फतेहपुर सीट परंपरागत तौर पर कांग्रेस की रही है। नूरपुर से उनकी जगह रणवीर सिंह निक्का को टिकट दी गई है।वहीं मंडी जिले की धर्मपुर सीट से जयराम सरकार में मंत्री एवं 7 बार के विधायक महेंद्र सिंह ठाकुर की जगह उनके बेटे रजत ठाकुर को उम्मीदवार बनाया गया है। महेंद्र सिंह ठाकुर इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे।