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सोलन के ममलीग में डिग्री कॉलेज खोलने का मामला: हिमाचल हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
शिमला। सोलन (Solan) जिला के ममलीग में गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज (Government Degree College) खोलने की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने प्रधान सचिव शिक्षा व अन्य प्रतिवादियों को नोटिस (Notice) जारी कर 4 सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है। मुख्य न्यायाधीश अमजद ए सैयद व न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने के डी शर्मा व अन्यों द्वारा दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात उपरोक्त आदेश पारित किए। याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार पहले राज्य सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के मुताबिक गांव सायरी में डिग्री कॉलेज खोला जाना था। मगर किसी कारण वश वहां पर डिग्री कॉलेज खोलने का कार्य टाल दिया गया।
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4 अगस्त 2018 को जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक पवाबो जिला शिमला में डिग्री कॉलेज खोलने के निर्णय को भी टाल दिया गया। जिसे याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई। इसके पश्चात सायरी में ही डिग्री कॉलेज खोलने के लिए पुनः 13 अगस्त 2019 जमीन तलाशने के आदेश जारी किए गए। राजस्व रिकॉर्ड के मुताबिक सायरी में नया कॉलेज खोलने के लिए 21 बीघा जमीन तलाश ली गयी। सायरी के इर्द-गिर्द 15 वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला हैं जिससे कि इन स्कूलों से निकलने वाले बच्चों के लिए नए कॉलेज का सीधे तौर पर फायदा होगा। राज्य सरकार (Himachal Govt) ने इसके पश्चात कॉलेज को खोलने के लिए कोई कदम नहीं उठाए।अगस्त 2022 तक यह पूरी तरह से तय था कि सायरी में ही गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज खोला जाएगा । मगर 25 अगस्त, 2022 को मुख्यमंत्री के कार्यालय से जारी डीओ नोट के आधार पर ममलीग में डिग्री कॉलेज खोलने का निर्णय लिया गया है। प्रार्थियों की ओर से न्यायालय के समक्ष दलील दी गई है कि ममलीग में किसी भी तरीके से डिग्री खोला जाना न्यायोचित नहीं होगा जबकि सायरी से गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज की दूरी 40 किलोमीटर से अधिक है इस कारण हर ढंग से सायरी में गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज का खोला जाना जनहित के दृष्टिगत से अनिवार्य होगा। प्रार्थियों ने राज्य सरकार द्वारा 30 सितंबर 2022 को जारी अधिसूचना को रद्द करने की न्यायालय से गुहार लगाई है। राज्य सरकार को यह आदेश दिए जाने की गुहार लगाई है कि डी ओ नोट के आधार पर ममलीग में डिग्री कॉलेज खोलने का कार्य रोका जाये।
हिमाचल हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट भेजा शिमला डिवेलपमेंट प्लान 2041 को गैरकानूनी ठहराने का मामला
राजधानी शिमला डिवेलपमेंट प्लान 2041 (Shimla Development Plan 2041) को गैरकानूनी ठहराने के एनजीटी (NGT) के आदेशों को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई नही होगी। प्रदेश हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार शिमला डेवलपमेंट प्लान 2041 से जुड़े मामले को सुप्रीम कोर्ट भेज दिया है। राज्य सरकार ने एनजीटी के उन आदेशों को हाईकोर्ट (High Court) में चुनौती दी थी जिसके तहत एनजीटी ने शिमला डेवलपमेंट प्लान 2041 को गैरकानूनी घोषित कर दिया था। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश विरेंदर सिंह की खंडपीठ को बताया गया था कि यही मामला सुप्रीम कोर्ट में भी लंबित है। सर्वोच्च न्यायालय ने हाईकोर्ट में लम्बित मामले को वापिस लेकर सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करने के आदेश दिए हैं। प्रतिवादी योगेंद्र मोहन सेन गुप्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की प्रति हाईकोर्ट को बताई गई थी। मामले के अनुसार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने शिमला डेवलपमेंट प्लान 2041 को गैरकानूनी ठहराया है।