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हाईकोर्ट ने हिमाचल के वेटलैंड के रखरखाव बाबत केंद्र से तलब की ताजा स्टेटस रिपोर्ट
शिमला। हाईकोर्ट ने हिमाचल प्रदेश की वेटलैंड के रखरखाव ( Maintenance of wetlands)के बाबत केंद्र सरकार से ताजा स्टेटस रिपोर्ट ( fresh status report) तलब की है । कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश विरेंदर सिंह की खंडपीठ के समक्ष इस मामले पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने वेटलैंड के रखरखाव से संबंधित फंड का ब्यौरा आठ मई को कोर्ट के समक्ष रखने के आदेश जारी किए है।
हाईकोर्ट ने वेटलैंड की देखरेख पर लिया संज्ञान
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनुपालाना में हाईकोर्ट ने वेटलैंड की देखरेख पर संज्ञान लिया है। रेणुकाजी, खजियार, और पौंग डेम वेटलैंड (Renukaji, Khajjiar, and Pong Dam Wetlands)के रखरखाव को केंद्र सरकार ने 421.28 लाख रुपये जारी किए थे। वेटलैंड भूमि का वह क्षेत्र है जिसमें या तो स्थायी रूप से या मौसमी रूप से पानी जमा होता है। शीर्ष अदालत ने पाया था कि कई वेटलैंड और झीलें गायब हो रही हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने देश में दो लाख से अधिक वेटलैंड की पहचान की है, जिसने 2011 में एक राष्ट्रीय वेटलैंड एटलस (National Wetland Atlas)तैयार किया था और 2,01,503 वेटलैंड की मैपिंग की गई थी। शीर्ष अदालत ने केंद्र से कहा था कि केंद्र सरकार सभी 2,01,503 वेटलैंड की सुरक्षा के लिए सूची तैयार करे और राज्य सरकारों के परामर्श से अधिसूचित करे। सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिए थे कि संबंधित उच्च न्यायालय इसकी देखरेख करें। हाईकोर्ट के दखल के बाद प्रदेश सरकार ने वेटलैंड्स (संरक्षण और प्रबंधन) नियम, 2017 बनाए। सरकार ने 15 जून 2017 को राज्य स्तरीय कमेटी का गठन किया जिसका कार्य वेटलैंड की पहचान और संरक्षण करना था।
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