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अब दाग-धब्बों से मिलेगा तुरंत छुटकारा, मशीन से बन जाएगी नई स्किन
दुनियाभर के वैज्ञानिक आए दिन कुछ ना कुछ नया चमत्कार करते हैं। इसी कड़ी में अब वैज्ञानिकों ने इलेक्ट्रॉनिक त्वचा (Electronic Skin) यानी ई-स्किन का आविष्कार किया है। ई-स्किन के बारे में सुनकर हर कोई हैरान है। इस ई-स्किन से दिव्यांगों को काफी मदद मिल सकेगी।
बताया जा रहा है कि ये इलेक्ट्रॉनिक त्वचा कागज के टुकड़े के जितनी मोटी, लचीली और नरम है। ये ई-स्किन (E-Skin) वास्तव में इलेक्ट्रॉनिक सर्किट और सेंसर से तैयार एक उपकरण के तरह है। वैज्ञानिकों का दावा है कि भविष्य में ये स्किन जरूरतमंद लोगों के लिए चमत्कार साबित हो सकती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इसका उपयोग बेहद आरामदायक है।
परीक्षण में मिली सफलता
बताया जा रहा है कि ई-सेंसर तकनीक का परीक्षण एक चूहे पर किया गया था, जिसकी स्किन एक तार के माध्यम उसके मस्तिष्क से जुड़ी हुई थी, जिसमें उसकी शारीरिक संवेदनाएं दिख रही थीं। इसके बाद जब चूहे से जुड़ी ई-स्किन को एक स्पर्श से ट्रिगर किया गया तो उसने उसके मस्तिष्क को एक इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल भेजा, जिसके बाद वे अंगों को मोड़ने लगा।
दिव्यांगों को मिलेगी मदद
ई-स्किन को कैलिफोर्निया (California) में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक झेनन बाओ की टीम ने विकसित किया है। वैज्ञानिकों का दावा है कि इस तकनीक से हाथों और पैरों की अंगुली पर ई-त्वचा लगाई जा सकेगी, जिससे दिव्यांगों को मदद मिल सकेगी।
लोगों के लिए फायदेमंद
वैज्ञानिकों के अनुसार, ई-स्किन का इस्तेमाल उन लोगों पर किया जा सकता है, जिन्हें गंभीर चोट लगी हो और उन्होंने अपने अंग खो दिए हो। इसके अलावा इस ई-स्किन का इस्तेमाल ऐसे लोगों पर भी किया जा सकता है जिनकी स्किन विकार से पीड़ित हो। हालांकि, इस पर सफलता एक प्रत्यारोपण द्वारा पाई जा सकती है।
ई-स्किन की खूबियां
जानकारी के अनुसार, ई-स्किन में बहुत सारी खूबियां हैं। ई-स्किन को सेंसर और सर्किट की जरूरत होगी। वैज्ञानिकों ने इसे उपकरण के तौर पर एक पतली परत के रूप में इस्तेमाल करने के लिए डिजाइन किया है, जो सिग्नल और वोल्टेज की ताकत को निर्धारित करेगा।
प्रतिक्रिया की संभावना है कम
फिलहाल, ई-स्किन को एक तार के सहारे बाहरी हिस्से से जोड़ने की जरूरत होती है। वहीं, अभी स्किन में सहज अनुभूति की दरकार बाकी है। जिस कारण उस त्वचा में स्पर्श, तापमान व दबाव में प्रतिक्रिया की संभावना कम है।
बदलाव कर सके महसूस
बताया जा रहा है कि वैज्ञानिकों की रिसर्च टीम अब एक नरम और लचीली कृत्रिम त्वचा विकसित करने की कोशिश कर रही है, जो पहनने वाले को तनाव व तापमान में बदलाव महसूस करवा सके।
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