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खत्म होगा अंग्रेजों का राजद्रोह कानून, 3 विधेयक लेकर आए गृहमंत्री
नई दिल्ली। केंद्र सरकार अंग्रेजों के जमाने में लाए गए राजद्रोह कानून (Treason Law) को पूरी तरह खत्म करने जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने इस संबंध में एक विधेयक शुक्रवार को लोकसभा में पेश किया। इन बिलों से अंग्रेजों के समय के इंडियन पीनल कोड (IPC), कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर (CrPC) और एविडेंस एक्ट को रिप्लेस किया जाएगा।
शाह ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य बिल 2023 को स्क्रूटनी के लिए संसदीय पैनल के पास भेजा जाएगा। इन कानूनों का फोकस ब्रिटिश प्रशासन (British Administration) को मजबूत बनाना और उसकी सुरक्षा करना था। इनके जरिए लोगों को न्याय (Justice) नहीं, सजा दी जाती थी।
मॉब लिंचिंग और रेप पर मौत की सजा
IPC की जगह लेने वाले नए बिल में राजद्रोह के प्रावधानों को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा। इसके अलावा मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) और नाबालिगों से रेप (Rape) के मामलों में मौत की सजा देने का प्रावधान किया जाएगा। शाह ने कहा- नए बिल में हमने लक्ष्य रखा है कि कन्विक्शन रेट को 90% से ऊपर लेकर जाना है। हमने प्रावधान किया है कि जिन सैक्शन में 7 साल या उससे ज्यादा की सजा मिलती है, उन मामलों में फॉरेंसिक टीम का क्राइम सीन पर जाना जरूरी होगा।
क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में बड़ा बदलाव
अमित शाह ने कहा कि 1860 से 2023 तक देश का क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (Criminal Justice System) ब्रिटिश कानूनों के हिसाब से था। इन कानूनों से क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में बड़ा बदलाव होगा। नए कानून नागरिकों के अधिकारों की रक्षा का भाव लेकर आएंगे। इनका उद्देश्य सजा नहीं, बल्कि न्याय देना होगा। सजा आगे अपराध नहीं करने की भावना पैदा करने के लिए दी जाएगी।