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मंडी में बादल फटने से मची तबाहीः नदी- नाले उफान पर, भूस्खलन की जद में सड़कें और घर
जिला मंडी में कई जगहों पर बादल फटने की घटनाएं सामने आई है। नाचन क्षेत्र के चुनाहन में बादल फटने से तबाही हुई है। यहां पर बादल फटने के बाद बड़ी मात्रा में पानी व मलबा रिहायशी क्षेत्रों में आ गया। गाड़ियां मलबे के साथ पानी में बह गईं। कई घरों को खतरा पैदा हो गया है। वहीं खेत फसलों सहित बह गए हैं।पंचायत घर,पशु चिकित्सालय,पीएचसी ,हटगढ़ स्कूल जल मग्न हो गया। सलवाहन का गौ सदन भी खतरे में। 75 पशु कभी भी बह सकते है।
इसके अलावा उपमंडल गोहर के चच्योट पंचायत के छमेतर नाले में भारी बारिश के साथ बादल फटने से खासा नुकसान हुआ है।चच्योट पंचायत प्रधान महेंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि बादल फटने के कारण जो मलबा आया है उससे किसी जान का कोई नुकसान नहीं हुआ है लेकिन यहां पर बने श्मशान घाट, निर्माणाधीन रोपड़ी पुल, जल शक्ति विभाग की छमेतर से चच्योट पानी की स्कीम, बिजली की ख़म्बे व लोगों के खेत अपने साथ बहाकर ले गया है। इसके साथ ही गणई चौक के पास बने चेकडैम में बादल फटने के बाद का दृश्य भी डरावने बाला था यहां चैलचौक व चच्योट इलाके के दो नालों का संगम होता है। एक नाले से बारिश का पानी था तो वहीं बादल फटने के बाद खरखन नाले में मिट्टीनुमा काला पानी आ गया। कार्यकारी एसडीएम गोहर मित्र देव के अनुसार चच्योट के छमेतर नाले में बादल फटने की सूचना मिली थी। घटना को लेकर पटवारी चच्योट को मौके पर भेज दिया है किसी के जानमाल के नुकसान की कोई भी सूचना नहीं है।
ज्यूणीघाटी की ज्यूणी खड्ड ने मचाया तांडव
मंडी जिला में हो रही भारी बारिश के कारण बल्हघाटी में बाढ़ आने से जलभराव हो गया है। घाटी का अधिकतर भाग पूरी तरह से जलमग्न हो गया है। वहीं, ज्यूणीघाटी और जिला के अन्य स्थानों पर भी भारी बारिश का कहर देखने को मिल रहा है। बल्हघाटी की सुकेती और कंसा खड्ड, ज्यूणीघाटी की ज्यूणी खड्ड और सरकाघाट व धर्मपुर क्षेत्रों में बहने वाली अन्य खड्डें और नदी नाले पूरी तरह से उफान पर हैं। ज्यादा तबाही बल्हघाटी में देखने को मिल रही है। यहां पर पानी इतना ज्यादा आ चुका है कि यह पता नहीं चल पा रहा है कि सड़क कहां पर है और नाले कहां पर। सड़कों पर ट्रेफिक रोक दिया गया है। लोगों के घरों, दुकानों, खेतों और व्यावसासिक केंद्रों में भारी पानी घुस गया है जिससे उनका लाखों का नुकसान हो गया है। अभी तक क्षेत्र में एक करोड़ रूपयों के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। कनैड से लेकर बैहना तक बल्हघाटी के 50 के करीब गांव इस बाढ़ के कारण प्रभावित हुए हैं।
नेरचौक बाजार एक हिस्सा बाढ़ की चपेट में
नेरचौक बाजार का भी एक हिस्सा बाढ़ की चपेट में आ गया है। वहीं, हिमाचल घूमने आए पर्यटक भी यहां पर फंसकर रह गए हैं और सामान लेकर जा रहे वाहन भी रास्ता बंद होने के कारण फंस गए हैं। स्थानीय लोगों ने क्षेत्र में हुए जलभराव को लेकर कीरतपुर-मनाली फोरलेन निर्माण के दौरान एनएचएआई द्वारा सुचारू ड्रेनेज सिस्टम ना बनाने का आरोप लगाया है। बता दें कि चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे भी यातायात के लिए पूरी तरह से बंद है जिस कारण आवाजाही नहीं हो पा रही है। वैकल्पिक मार्ग भी बीच-बीच में बंद हो रहे हैं। घूमने आए पर्यटकों ने बताया कि उन्हें यहां की स्थिति के बारे में दिल्ली में ट्रेवल एजेंट गुमराह कर रहे हैं। वो यह कहकर पर्यटकों को यहां भेज रहे हैं कि हिमाचल में स्थिति सामान्य है। यदि पहले ही सच्चाई बता दें तो यहां आने से परहेज ही किया जाएगा।
जगह-जगह बादल फटने की घटनाएं
एसडीएम बल्ह स्मृतिका नेगी ने कहा कि उपमंडल बल्ह में जगह-जगह बादल फटने की घटनाएं सामने आई है। इससे क्षेत्र में एक करोड़ से अधिक का नुकसान अब तक हो चुका है। प्रशासन द्वारा प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया है। उन्होंने कहा कि धनोटू-बग्गी सड़क मार्ग पर बीबीएमबी नहर के किनारे भूस्खलन होने से बड़े वाहनों की आवाजाही के लिए रोक लगाई गई है।स्मृतिका नेगी ने लोगों से अनावश्यक तौर पर सफर नहीं करने की अपील की है।
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