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अनुपमा सिंह को राहत, हाईकोर्ट ने सिंगल बेंच के फैसले पर लगाई रोक
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से सरदार पटेल यूनिवर्सिटी मंडी (SPU Mandi) की प्रो-वाइस चांसलर प्रोफेसर अनुपमा सिंह को बड़ी राहत मिली है। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने उन्हें HPU वापस बुलाने के आदेशों पर रोक लगा दी है।इससे पहले हाईकोर्ट की एकल पीठ (Single Bench) ने उन्हें HPU में वापस बुलाने के फैसले को सही ठहराया था। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने प्रार्थी की याचिका को खारिज करते हुए हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी की एक्जीक्यूटिव काउंसिल (Executive Council) द्वारा उन्हें वापस बुलाने के फैसले को सही ठहराया था।
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प्रार्थी अनुपमा सिंह ने एकल पीठ के फैसले को खंडपीठ के सामने चुनौती दी है। प्रार्थी ने मौजूदा सुक्खू सरकार (Sukhu Govt) के आने के बाद गठित नई ईसी पर द्वेषपूर्ण तरीके से उनकी असाधारण छुट्टियां (Leaves) रद्द करने का आरोप लगाया है। प्रार्थी ने ईसी पर शक्तियों के दुरुपयोग का आरोप भी लगाया है। प्रार्थी का आरोप है कि उसके खिलाफ यह कार्यवाई वर्तमान सरकार की उस नीति का हिस्सा है जिसके तहत सरकार उस जैसे ओहदेदार लोगों से छुटकारा पाना चाहती है, जो सरकार के अनुसार झुकने को तैयार नहीं हैं।
पूरा मामला यह है
मामले के अनुसार प्रार्थी HPU में लोक प्रशासन विभाग में प्रोफेसर के पद पर नियुक्त है, परंतु आजकल सरदार पटेल यूनिवर्सिटी मंडी के प्रो-वाइस चांसलर (Pro Vice Chancellor) का दायित्व निभा रही हैं। प्रार्थी को 20 अप्रैल 2022 को एसपीयू का प्रो-वीसी नियुक्त किया गया था। इस नियुक्ति के बाद प्रार्थी ने HPU से तीन वर्षों के लिए असाधारण छुट्टी का आवेदन किया। HPU की तत्कालीन ईसी ने 20 जुलाई 2022 को उन्हें बिना वेतन तीन वर्षों के लिए असाधारण छुट्टी देने का निर्णय ले लिया।
प्रदेश में नई सरकार का गठन होने के बाद नई ईसी ने 6 अप्रैल 2023 को प्रार्थी को दी गई असाधारण छुट्टियां रद्द करते हुए उन्हें वापिस बुला लिया। इसके बाद HPU ने 8 मई 2023 को उन्हें वापिस आकर आईसीडीईओएल (ICDEOL) में ज्वाइनिंग देने के आदेश जारी किए। इन आदेशों को प्रार्थी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने इन आदेशों पर पहले भी रोक लगा रखी थी। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने प्रार्थी की याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि असाधारण छुट्टी हो या साधारण, कोई भी कर्मी छुट्टी पाने का निहित अधिकार नहीं रखता। कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि छुट्टी सेवा शर्तो के अधीन होती है। मामले पर सुनवाई 26 मार्च को निर्धारित की गई है।