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राजेश धर्माणी पर एक नजरः आज सुख कैबिनेट में होंगे शामिल
सुभाष / बिलासपुर। सरल-सौम्य व मद्वभाषी कहे जाने वाले राजेश धर्माणी (Rajesh Dharmani)सुख की कैबिनेट का हिस्सा होने जा रहे हैं। घुमारवीं से तीसरी मर्तबा कांग्रेस ( Congress) टिकट पर विधायक बने धर्माणी एनआईटी हमीरपुर (NIT Hamirpur) से बीटेक सिविल में पासआउट हैं। दो अप्रैल 1972 को जन्मे धर्माणी कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव भी हैं। इससे पहले वह प्रदेश कांग्रेस के सचिव, यूथ कांग्रेस के महासचिव और जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष (District Congress President)रह चुके हैं। धर्माणी संवेदना चैरिटेबल सोसायटी के फाउंडर मेंबर भी हैं, यह सोसाइटी गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए काम करती है।
बिलासपुर जिला से कांग्रेस के एकमात्र विधायक
धर्माणी बिलासपुर जिला से कांग्रेस के एकमात्र विधायक हैं। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बिलासपुर( Bilaspur) की पांच सीटों में से केवल घुमारवीं सीट पर भी जीत दर्ज कर पाई थी। बिलासपुर जिला बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP President JP Nadda) का होम डिस्ट्रिक्ट है। धर्माणी ने पहली बार 2007 में चुनाव लड़ा और जीता था। इस चुनाव में उन्होंने अपने चाचा कर्मदेव को मात दी थी, इसके बाद वह 2012 में भी चुनाव जीते। लेकिन 2017 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2022 में वह तीसरी मर्तबा जीत दर्ज करवाकर विधानसभा में पहुंचे।
2012 में वीरभद्र सरकार में ठुकराया था सीपीएस पद
धर्माणी के परिवार में उनके माता-पिता के अलावा, पत्नी और बेटी हैं। बेटी ने दिल्ली से पढ़ाई की है। धर्माणी पूर्व दिवंगत सीएम वीरभद्र सिंह के विरोधियों में शामिल रहे हैं। उन्हें 2012 में तत्कालीन वीरभद्र सरकार में सीपीएस ( CPS)बनाया गया,लेकिन उन्होंने उस पद को स्वीकार ना करते हुए विधायक रहना ही उचित समझा। धर्माणी की गिनती बेहद ईमानदार नेताओं में होती है।