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दो माह से वेतन ना मिलने पर कामगारों ने खोला मोर्चा, ऊना में निकाली रैली
Workers Protest in Una: जिला ऊना के सीमांत गांव सिंगा स्थित एक उद्योग (Industry located in singa) में कामगारों का 2 महीने का वेतन नहीं मिलने का मामला मंगलवार को जिला मुख्यालय स्थित डीसी कार्यालय ( DC Office) जा पहुंचा। उद्योग के प्रभावित कामगारों ने मंगलवार को सर्किट हाउस से लेकर डीसी कार्यालय तक ट्रेड यूनियनों (Trade unions) के नेताओं सहित जनप्रतिनिधियों को साथ लेकर आक्रोश रैली का आयोजन किया। कामगारों ने उद्योग प्रबंधन पर दुर्व्यवहार करने और जान से मारने की धमकियां देने का आरोप भी लगाया। उन्होंने श्रम विभाग (Labor Department) के खिलाफ थी उद्योग प्रबंधन का ही साथ देने का आरोप लगाते हुए जिला प्रशासन से गुहार लगाई है कि उनका दो महीने का वेतन किसी भी सूरत में जारी करवाया जाए।
वेतन मांगने पर डराया धमकाया जाता है
कामगारों के इस विरोध प्रदर्शन (Protest by workers) में भारतीय मजदूर संघ के सचिव राकेश शर्मा, जिला परिषद सदस्य कमल सैणी और महर्षि वाल्मीकि एवं गुरु रविदास दास एकता सभा के अध्यक्ष अमित वाल्मीकि की विशेष रूप से मौजूद रहे। इस मौके पर भारतीय मजदूर संघ के नेता राकेश शर्मा ने कहा कि उद्योग प्रबंधन द्वारा 2 महीने का वेतन कामगारों पर दबा लिया गया है जब भी कामगार अपना अधिकार मांगने उद्योग प्रबंधन के पास जाते हैं तो उन्हें डराया धमकाया जा रहा है। यहां तक की महिला कामगारों के साथ ही अभद्र व्यवहार किया जाता है। उन्होंने कहा कि वेतन मांगने पर कामगारों को न सिर्फ जान से मारने की धमकियां दी गई अपितु उनके हक में आवाज उठाने के लिए मौके पर बुलाए गए जिला परिषद सदस्य के खिलाफ भी उद्योग प्रबंधन द्वारा झूठा मुकदमा दर्ज करवा दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस तरह के मुकदमों को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए और कामगारों को उनका जायज हक प्रबंधन से जल्द दिलवाया जाना चाहिए।
उद्योग का मालिक आता नहीं कामगारों की सुध लेने
दूसरी तरफ जिला परिषद सदस्य कमल सैनी ने कहा कि उद्योग के एचआर मैनेजर (HR Manager)और अन्य अधिकारी कामगारों का वेतन देने में टालमटोल कर रहे हैं और लगातार उद्योग मालिक के आने का हवाला दिया जा रहा है लेकिन उद्योग का मालिक कामगारों की सुध लेने के लिए यहां आता ही नहीं है। उन्होंने कहा कि उद्योग में श्रम कानून की जमकर अवहेलना की जा रही है जिसको लेकर श्रम विभाग को भी शिकायत सौपी गई लेकिन श्रम विभाग के अधिकारियों का रवैया भी कामगारों के प्रति सही नहीं है। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए कामगारों को उनका जायज हक दिलाया जाए।
– सुनैना जसवाल